पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८३०

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शकुंतक, कुस्तक ( पु० ) पक्षी | • शकुंतकः शकुन्तकः ) शकुंतला (नी०) राजा दुष्यम्न की खी जिसके शकुन्तला ) गर्भ से राजा भरत का जन्म हुआ था। इन्ही राजा भरत के नाम पर इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ा है। शकुन्तला, मेनका अप्सरा की बेटी थी । शकंतिः शकुन्तिः ) शकनिका शकुन्तिका ( स्त्री० ) पनी । पक्षी २ पक्षी विशेष | ३ दिइडी | टिडडा । शकुलः ( पु० ) ) एक प्रकार की मछली। मदनी, शकुली (स्त्री० ) ( स्त्री० / कुटकी या कटुकी- अक: (पु० ) गली शक्कर: शकारः शकृत ( न० ) १ विष्ठा गूह ६ गोवर करिः (पु०) (स्वी० ) –करी, (स्त्रो०) बछवा, बलिया। -द्वारं ( न० ) मलद्वार । गुदा । } ( पु० ) बैल 1 साँड़ । वृष शकरी ( स्खो० ) १ नदी २ मेखला ३ एक अत जाति की श्रौरत | शक ( व० कृ० ) १ शक्ति सम्पन्न | समर्थ ताकतवर । २ योग्य लायक | ३ धनी धनवान | ४ द्योतक व्यक्षक। ५ चतुर । ६ मिष्टभायी। प्रिनवाड़ी : शक्तिः ( स्त्री० ) १ बल | पराक्रम | ताकत जोर । २ कवित्वशक्ति ३ किसी देवता का पराक्रम या यज्ञ जो किसी विशिष्ट कार्य का साधन माना जाना है। : ४ फेंक कर चलाने वाला हथियार विशेष २ भाला | शूल। तीर । ६ न्यायदर्शनानुसार वह सम्बन्ध जो किसी पदार्थ और उसका बोध कराने वाले शब्द में होता है । ७ शब्द की अर्थयोतक शक्ति जो तीन मानी गयी है ( अर्थात् १ अभिधा, २ लया और ३ व्यञ्जना। ८ शब्द की लक्षणा : और व्यञ्जना शक्ति की उल्टी शक्ति | ६ (तांत्रिक) स्त्री की सूत्रेन्द्रिय भग १० ईश्वर की वह कल्पित माया. जो उसकी आशा से सब काम करने याली और सृष्टि की रचना करने वाली / मानी जानी में प्रकृति माया । व्यर्थः ( 30 ) श्रम करने पर शरीर से निकला हुआ पसीमा और हम फूलना था हाँफी:- (चि० ) शक्ति को ग्रहण करने यावर जगवारी अटः (०१ बलमा शिव ३ कार्तिकेय ग्राहकः ( उ० ) कॉक धर, (च) ताकतवर बलवान -धः (पु० १ भावाधारी कार्तिकेय -- पाणिः ( पु० ) १ भागाधारी का प्रजा ( स ० ) शक्ति का शक्ति द्वारा होने वाला पूजन | --- (०) शक्ति का नाश कमजोरी: निर्बलता-हीन ( वि० निर्देश मोर | नपुंसक !- हेतिकः, पु० ) भालाधारी। शक्तिस् (ग्रवा० शक्ति भरा भर शकि

शक ) ( क्रि०) मिष्टभाषी शक्कु ऽ चादी । प्रिय- शक्य ( स० का० ० ) १ सम्भव होने योग्य करने योग्य ३ सहज में करने लायक ? ४ शब्द का वाच्य १ सम्भावनात्मक भविष्य सम्भाव्य प्र शक्ति | • शकः ( पु० ) १ इन्द्र का नाम २ अर्जुन वृच । ३ कृटज वृह ४ उल्लू ५। ज्येष्ठा नक्षत्र | ६ चौदह की संख्या 1-धशनः (पुः ) कुटज वृक्ष/श्राख्यः पु० उल्लू /आत्मजः, ( पु० ) जयन्स २ अर्जुन :-- उत्थानं, (न०) -उत्सवः (पु०) भाद्रशुका १२ को किया जाने वाला इन्द्रोत्सव विशेष --- गोपः, ( पु० ) वीरबहूटी नामक कीड़ा। -जः, - ज्ञानः, ( पु० ) | जिन्, भि, (पु.) रावणपुत्र मेवनाडु की उपाधि द्रुमः ( पु० ) देवदार वृष :-धनुस्, म० ) --शरासनं ( न० ) इन्द्रधनुष --ध्वजः ( पु० ) वह पताका जो इन्ध के उपलक्ष में खड़ी की जाय- पर्यायः पु० ) कुटज बृध

पादयः ( पु० ) १ कुटज वृक्ष २ देवदारु वृक्ष । -भवनं, – भुवनं, ( न० ) - वासः ( पु० ) स्वर्ग -सूर्धन, ( न० ), शिरस, ( पु० ) चल्मीक, बॉबी |