पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८१८

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वेश्वदक के रहने का स्थान । २ घटवृक्ष उदयः, (४०) रंगद का वृक्ष | वैश्वदेव (वि० ) [ श्री - मेवदेवी ] विश्वेदेव सम्बन्धी । वैश्वदेवं (न०) १ विश्वेदेव की बलि या नैवेद्य | भोजन करने के पूर्व सब देवताओं के उद्देश्य से अग्नि में दी हुई चाहुति | वैश्वानरः (१०) १ श्रग्नि की उपाधि । २ वह अग्नि i जो अन्न पचाती है। ३ वेदान्त में चेतन शक्ति 1 ४ परमात्मा वैश्वामिक (वि० ) [ स्त्री-वैश्वामिको] विश्वस्त | इक्सोमानी। वैषम्य (२०) १समानता । २ बौद्धय | उडमा : ३ अमरशता ४ अन्याय 4 कठिनाई। मुसीबत श्राफत ६ एकान्स | - वैषयिक (वि०) [ स्त्री० - वैषयिकी ] १ किसी पदार्थ सम्बन्धी । २ विषet। लंपट । वैषयिकः ( पु० ) विषयीपुरुष | लंपट आदमी | वैष्टुतं ( म० ) हवन की भस्म । वैष्ट्र: ( पु० ) १ थाकाश । २ पवन | हवा । ३ लोक । वैष्णव (दि०) [ स्त्री वैष्णवी ] १ विष्णु सम्बन्धी ३ २ विष्णु की उपासना करने वाला 1-पुरा, ( न० ) अष्टादश पुराणों में से एक। वैष्णवं ( न० ) हवन की भस्म । वैष्णवः (पु० ) वैदिक धर्म के अन्तर्गत मुख्य तीन विभागों में से एक विभाग अन्य दो हैं, शैव और शाक्त । वैसारिणः ( पु० ) मछली J 1 वैदायस (वि०) [बी-वैद्रायसी] व्योम सम्बन्धी । आकाश सम्बन्धी धासमानी आकाशी वैहाय (वि० ) वह जिसके साथ मजाक किया जाय। ( जैसे साला या ससुराल का अन्य ऐसा ही कोई रिश्तेदार ) चैहासिकः ( पु० ) मसखरा । विदूषक । वोडू (पु०) १ कुली । वाहक । २ नेता । ३ पति | ४ सौंद | ५ रथ | ६ गोह। गोनस सपे । व्यकि वो (पु० ) १ सर्व शेषमविशेष वेडी ( श्री०) चौथाई पण मिका विशेष बांट वाण्टः ! ( प० ) इंदुल बोद् ( दि० ) नस | नर । सीलवाला : चौधारी नामक मधुली : ● धोरकः । बोलकः । ( पु० ) लेखक : पोस्ट (पु० ) कुन्दु

(पु० ) गुगुल

बील्लाह (पु० ) पीले और पीले रंग की पंथ वाला घोड़ा. बौद्ध (पु०) देखो। (अव्यया | पितरों या देवताओं को कोई वस्तु अर्पण करते समय बोला जाने वाला अव्यय विशेष । व्यंशक: (पु० ) पाद व्यंशुक (वि०) नंगा वस्त्र विवर्जित । व्यंकः ( पु० ) बदमाश | छली कपटी । व्यं नं (न० ) धोखेबाजी। छल कपट व्यक (व० कृ० ) प्रादुर्भूत । बृद्धिगत ३ स्पष्ट पहचाना हुआ। व्यक्त ६ बुद्धिमान परिडत । साफ ! प्रकरित | २ निर्मित | ४ वर्णित ज्ञान। 1 व्यक्तं ( अभ्यय० ) स्पष्टतः । साफ तौर पर निश्चयप से गणित ( न० ) गणित द्वार्थः, ( पु० ) चश्मदीदगवाह । वह सारी जिसने कोई घटना अपनी आँखों से देखी हो।-राशिः (पु०) ति में वह राशि या अङ्क जो बतला दिया गया हो या ज्ञात अङ्क-रूप (पु० ) विष्णु । व्यक्ति (स्त्री० ) १ व्यक्त होने की क्रिया या भाव । प्रकटन | प्रादुर्भाव | २ मनुष्य | आदमी |३ मनुष्य या किसी अन्य शरीरधारी का सारा शरीर, जिसकी पृथक् मता मानी जाय और जो किसी समूह या समाज का शंग माना जाय। व्यष्टि । लिङ्ग प्रकरणा ।