पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८०३

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विहग विडङ्ग विहंग ) ( 5० ) १ पक्षी | २ विहङ्गः ) ४ सूर्य चन्द्रमा राजः, ( पु० ) गरुड़ जी। } (g० ) पक्षी । विहंगमः विहङ्गमः विहंगमा विहङ्गमा विहंगिका विहङ्गिका ( बादल ३ तीर इन्द्रः - ईश्वरः, ( to ) वहँगी में की वह लकड़ी जिसके दोनों सिरों पर बोकबाँधकर लटकाया जाता है। विहतिः ( पु० ) मित्र | सखा सहचर चितिः ( स्त्री० ) वध करना प्रहार करना | २ असफलता नाकामयायो ३ पराजय हार। विहननं ( म० ) तादन मारण २ चोट अनिष्ट | ३ अश्वन | रुकावट ४ चुना की धुनही । विहर: ( पु० ) १ हटाना | ले जाना | २ विछोह वियोग ७६६ ) विहारिका (स्त्री० ) मठ विइत ( च० कृ० ) 1 सम्पूर्णतया आहत । वय किया : बिहारिन् ( वि० ) विहार करने वाला । आमोदयमोङ हुआ। २ चोटिल किया हुआ ३ विरोध किया हुआ रोका हुआ घटकाया हुआ। में व्यस्त | विहरणं ( न० ) १ हटाने या लेजाने की क्रिया | २ चहलकदमी इवाम्रोरी सैर सपाटा ३ आमोद प्रमोद | मनोरञ्जन | विहई ( पु० ) १ भ्रमण करने वाला | २ लुटेरा | विदुषः (पु० ) बड़ा आनन्द आह्लाद | विहसनं (२०) विडसितं ( न० ) विदासः ( पु० ) विहस्त ( वि० ) राया हुआ ४ विद्वान् । परिडत मुसक्यान मुस्कुराहट । मन्द हास । विह्वल विहारः (पु० ) १ हटाने या लेजाने की क्रिया २ सैल सपाटा। चहलकदमी हवाओोरी भ्रमण | विवरण | ३ कीड़ा | आमोदप्रमोद | ४ कुछ- बना पैर से रुँधना पैर रखना २ उपवन | आमोद वन। ६ कंधा ।। ७ जैन या बौद्ध मठ | संघाराम मन्दिर - गृहं, (न० ) आमोद- भवन । - दासी, (स्त्री० ) मठवासिनी। संन्या- सिनी । [1] हायरहित करहीन २ धष- व्याकुल । ३ निकम्मा किया हुआ विदित ( द० कृ० ) १ किया हुआ बनाया हुआ। अनुष्ठित | २ सुव्यवस्थित निश्चित किया हुआ। नियुक्त किया हुआ है किया हुआ । २ विधान किया हुआ | ४ निर्माण किया हुआ रवा हुआ। ५ स्थापित जमा किया हुआ ६ सम्पन्न किया हुआ | ७ करने योग्य विभाजित | बाँटा हुआ। विहितं ( न०) विधान | विधि आदेश आज्ञा | विहितिः ( ० ) १ कृति । कार्य । २ विधान । १ विहीन ( ० ० ) व्यक्त | परित्यक्त | त्यागा हुआ। २ रहित बर बिना ३ कमीना | नीच | 1 1 - जाति, -योनि, ( वि० ) नीच जाति में उत्पन्न | अकुलीन | विहृतं ( १० ) ( साहित्य में ) रमणियों के दस प्रकार के अलङ्कारों में से एक। विहृतिः (श्री० ) १ हटाने या छीन लेने की क्रिया । २ कीड़ा | आमोद प्रमोद | ३ विस्तार | विहेडकः ( पु० ) अपकारक। हिंसक। विहापित ( ० ० ) १ चुदाया हुआ वियोग | विहेठनं ( न० ) अपकार | अनिष्ट | २ ग विहा ( धन्यवा० ) स्वर्ग। विहिरत | कराया हुआ। २ देने के लिये विवश किया हुआ। विहापितं ( म० ) दान | उपहार | बेहायस् ) ( पु० न० ) आकाश । व्योम | विहायसे ) ( पु० ) पक्षी । पीसना ३ सन्ताप ४ पीड़ा हुश। शोक विहल ( वि० ) १ भय अथवा वैसे ही किसी अन्य कारण से जिसका जी ठिकाने न हो। वय- राया हुआ। व्याकुल विफल | २ भयभीत | विहृत ( व० कृ० ) १ खेला हुआ । कीदा किया हुआ। २ बदा हुआ। विस्तृत