पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७९४

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विधिक विविकं (न० ) निर्जन यह रकान्त स्थ विविका ( स्त्री० ) अनागी श्री दुभंगा। वह श्री ओ अपने पति की अहचि का कारण हो । विधिग्न ( वि० ) अत्यन्त उद्विग्न या भयभीत विविध (वि० ) बहुत प्रकार का भाँति भाँति का अनेक तरह का विवीतः ( पु० ) वह स्थान जो चारों ओर से घिरा हो बाबर चरागाह विवृक्त (व० कृ० ) व्यक्त। स्यागा हुआ छोड़ा हुआ। विवृक्ता ( स्त्री० ) विविका स्त्री | ग्री जिसे उसके पति ने छोड़ दिया हो। विवृत ( ३० कृ० ) 1 प्रकटित प्रदर्शित प्रत्यत्त स्पष्ट खुला हुआ ३खोलकर सामने रक्खा हुआ। अनढका ४ घोषित | २ टीका किया हुआ । व्याख्या किया हुआ |६ पसरा हुआ फैला हुआ। ७ बड़ा विस्तृत (प्रत (वि० ) बड़ी आँखों वाला-अतः ( पु० ) मुर्गा द्वार, ( वि० ) खुला हुआ फाटक का विवृतं ( न० ) जम्मस्वरों के उच्चारण करने का एक प्रयरन । विवृतिः ( स्त्री० ) १ प्राकव्य । प्रादुर्भाव | २ फैलाव पसार ३ याविष्क्रिया : ४ टीका | भाष्य | व्याख्या | विवृत्त ( ० ० ) १ घूमा हुआ | २ घूमने वाला। भ्रमणकारी विवृत्तिः ( स्त्री० ) १ चकर भ्रमण फेरा २ सन्धिविश्लेष| सन्धिभङ्ग | विवृद्ध ( १० कृ० ) १ बढ़ा हुआ। वृद्धि को प्राप्त । २ बहुत विपुल। अधिक । वड़ा | 1 विवृद्धिः ( स्त्री० ) १ बाद वृद्धि | २ समृद्धि | विवेकः ( पु० ) १ भली बुरी वस्तु का ज्ञान सद् यसत् का ज्ञान २ मन की वह शक्ति जिसके द्वारा भने सुरे का ज्ञान हुआ करता है। भत्ता बुरा पहचानने की शक्ति ३ sa | विचार प्रकृति और पुरुष की ! बुद्धि ४ सत्यज्ञान | विजय. विभिन्नता का ज्ञान ६ जलपान पानी रखने का बरतन | जलकुण्ड । विवेकक्ष ( वि० ) भने तुरे का ज्ञान रखने वाला। विचारवान् बुद्धिमान 1 विवेकिन ( चि० ) विचारवान बुद्धिमान | ( पु० ) निर्णायक विचारकर्ता २ दर्शनशास्त्री | } विवेक ( पु० ) १ न्यायाधीश २ परिडत दर्शन शास्त्री विवेचनं ( म० ( ) ) १ विवेक | भक्षी पूरी वस्तु का विना (०) ज्ञान | २ याद विवाद : J ३ निर्णय फैसला। विवाह | पु० ) घर दूल्हा पति विश (धा०प० [विशति प्रवेश करना : २ जाना या आना हिस्से में आना बाँद में पड़ना अधिकार में आना २ बैठ जाना | बल जाना ४ घुसना या होना २ किसी कार्य को अपने हाथ में लेना | + विश् (पु० ) १ वैश्य बनिया | २ मानव | मनुष्य | ३ लोभ । ( स्त्री० ) १ मजा | रैयत | २ कन्या । बेटी 1-परायं, ( न० ) सौदागरी माल ।--- पतिः ( या विशांपतिः ) (g० ) राजा | भूपति | विशं ( म० ) १ भसीड़े के रेशे | आकर, (पु० ) भद्रचूद नामक पौधा /-कराटा. ( श्री० ) सारस | विशड) बड़ा बहुत बड़ा । २ ढ। प्रचण्ड | विशंकट ) (वि० ) [स्त्री० --शिंका, विशंकटी] चलवान विशंका ? ( श्री० ) भय । डर । आशङ्का । विशङ्का ) विशद | बि० ) १ साफ शुद्ध | स्वच्छ । २ उज्ज्वल । सफेद सफेद रंग का कीला सुन्दर ४ स्पष्ट निश्चिन्त चैन से | वेदरा : ३ चम- व्यक्त । शान्त शक अनिश्चय | २ विशयः ( पु० ) १ सन्देह आश्रय सहारा।