पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७८९

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धिराज् 1 विरोध | अरुचि । ५ सौसारिक बन्धनों की ओर से अनुराग का प्रभाव कोध राहित्य विराज् ( पु० ) १ सौन्दर्य पाभा २ क्षत्रिय जाति 1 का आदमी ह्म का प्रथम सन्तान १४ शरीररा देह (स्त्री० ) एक वैदिक छन्द का नाम । विराज देखो विराज् | विराजित (व० ० ) प्रकाशित | २ प्रदर्शित प्रकटित विराटः ( पु० ) १ एक प्रान्त का नाम २ मत्सदेशी एक राजा का नाम /-जः (पु०) कम मूल्य का हीरा। घटिया हीरा-पर्धन, (न० ) महाभारत | का चौथा पर्व । विराटकः ( पु० ) घटिया हीरा । विराणिन् (पु० ) हाथी गज विराद्ध ( ० ० ) १ विरुद्ध | २ अपमानित | अप कारित। तिरस्कृत | ( ७८२ ) विराधः ( पु० ) १ विरोध २ अपमान । छेदार ३ एक घड़ा बलवान राक्षस जिसे श्रीरामचन्द्र जी ने दण्डकवन में मारा था। का नामान्तर । विराज देखो विडाल विरावं ( न० ) कोलाहल । होहता। शोरगुल । विराविन् (वि० ) 1 रदनकारी चिल्लाने वाला। पुकारने वाला २ विलाप करने वाला। विराविणी ( स्त्री० ) १ रुदन करने वाली । चिल्लाने बाजी २ झाडू | बुदारी बढ़नी । विचिः, ( पु० ) विरिवः (g० ) विरिंचन ( न० ) पिरिश्चनं ( न० विरूप विचि ( ( 30 ) १ ब्रह्मा का नाम । २ विष्णु का विरिचिः ) नाम । ३ शिव जी का नाम। विरुणा (व० ० ) १ टुकड़े टुकड़े करके टूटा हुआ। २ नष्ट किया हुआ। ३ मुड़ा हुआ । ४ मौंथरा। गुट्ठल । ब्रह्मा का नाम । विस्त (व० कृ० ) रक्युक्त अभ्यक्त शब्द-युक्त | कूजित | गुञ्जायमान | विस्तं ( म० ) १ चीत्कार। रय। गर्जन | दहाड़न २ रुदन । ध्वनि । नाद | कोलाइन ६ गोन । कूजन कलरव विराधनं ( म० ) : विरोध करना । २ अनिष्ट करना। अपकार करना। ३ पीड़ा कट विरामः ( पु०) शोकना। थामना २थन्ह समाप्ति ३ ठहरना ठहराव वाक्य के अन्तर्गत यह स्थान जहाँ बोलते समय कुछ काल ठहरना पड़ता है। २ छंद के चरण में यह स्थान जहाँ पढ़ते समय कुछ काल के लिये ठहरना पड़े । यति | ६ विष्णु | विरूद्ध ( व० कृ० ) १ उगा हुआ । जड़ पकड़े हुए। बीज से फूटा हुआ। २ निकला हुआ । उत्पन ३ वृद्धि को प्राप्त । यदा हुआ। ४ कली लगा हुआ फूला हुआ। कुसमित २ चढ़ा हुआ। सवार । विरुदं (न० ) | घोषणा | डिडोरा | २ चिल्लाहट । विरुदः (पु०) । ३ प्रशस्ति । यशकीर्तन । १३ विरुदितं ( न० ) चीत्कार । विलाए । विरुद्ध ( ६० कृ० ) 1 अवरुद्ध | अटकाया हुआ । रोका हुआ २ घेरा हुआ (क़द में ) बंद किया हुआ। चारों ओर से आक्रमण कर घेरा हुआ ४ असङ्गत बेमेल | २ उलटा । ६ विरोधी जो खण्डन करे। विद्वेषी बैरी 1 प्रतिकूल अशुभ १ वर्जित 1 निषिद्ध १० अनुचित विरुद्धं ( म०) १ विरोध | विद्वेष| पैर | २ विवाद | अनैक्य विरुण ( न० ) १ रूखा करने की क्रिया र समेटने वाला। कठज पैदा करने वाला । ३ कलङ्क | आरोप भर्त्सना ४ शाप अकोसा। I विरूप (वि० ) [ विरूपा, विरूपी ] १ कुरूप बदसूरत २ अप्राकृतिक । बदशल | अनोखा । ३ बहुरूप वाला। भिन्न भिन्न । -करण, ( न०) १ बदसूरत बनाना । २ अनिष्ट करण/- चक्षुसू (पु० ) शिव जी 1-रूप, ( वि ) महा। बेटोज ।