पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७७९

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विधुर विधुर (वि० ) १ पीड़ित | दुःखी । सम्सप्त । दुःख से विह्वल । २ पति या पत्नी के वियोगजन्य दुःख से विकल। विरहष्यथ से विकल। ३ रहित हीन । मोहताज | ४ विरोधी | शत्रु ( ७७२ विधुरः (पु० ) रंडुआ । वह जिसकी पक्षी मर गयी हो । विधुरं ( न० ) १ भय । डर । चिन्ता | विरह वियोग | जुदाई | विधूतं (न० ) घृण कारुचि नफ़रत विवृतिः ( श्री० ) ) विघृतनं (न० )} कंपन | थरथराहट ! विद्युत ( ० ० ) १ पकड़ा हुआ । ग्रहण किया हुआ । २ विभाजित | पृथक किया हुआ | ३ अधिकृत | ४ दमन किया हुआ। रोका हुआ । २ समर्थित । रक्षित | विधुरा (स्त्री० ) चीनी और मसालों से मिश्रित दही | विध्रुवनं ( न० ) कंपन | थरथराहट । विधूत ( ३० कृ० ) : कंपित । काँपता हुआ। लह- राता हुआ । २ हिलता हुआ : डोलता हुआ । विध्वस्त ( व० कृ० ) १ नष्ट | बरबाद | २ बिखरा हुआ। ३ धुंधला | अन्धकारमय | ४ प्रस्त। मसा हुआ। ३ हटाया हुआ। अलग किया हुआ। स्थानान्तरित | विनत ( व० कृ० ) १ झुका हुआ। नवा हुआ। नीचे किया हुआ । ४ चवल। श्रद । ५ व्यक्त त्यागा हुआ। की ओर प्रवृत्त । २ टेढ़ा पड़ा हुआ। वक्र | ३ नीचे घसा हुआ। दवा हुआ । विनीत । नम्र | विनता (स्त्री०) १ कश्यप की एक पत्नी थौर गरुड़ तथा अरुण की जननी का नाम । २ एक प्रकार की टोकरी वा डलिया 1 - नन्दः, सुतः, सूनुः, ( पु० ) गरुड़ या अरूण के नामान्तर । विनतिः ( स्त्री० ) १ भुकन | नवन | २ नम्रता | विनय | ३ प्रार्थना | विघृतं ( न० ) आज्ञा की अवहेलना । २ असन्तोष असन्तुष्टि । ) विनयः ( वि० ) अपने कर्तव्य को जानने वाला - पदं, (न० ) वह कर्म जो पूरा किया जाने वाला हो । विधेय। विधेय ( स० क० कृ० ) 1 जिसका विधान या अनुष्ठान उचित हो। जिसका करना उचित हो। विधान के योग्य । कर्तव्य । २ जो नियम या विधि द्वारा जाना जाय। ३ अधीन वचन या आज्ञा के वशीभूत आज्ञापालक विनम्र | ५ (व्याकरण में ) वह शब्द या वाक्य जिसके द्वारा किसी के सम्बन्ध में कुछ कहा जाय अविमर्शः | ( विधेयाविमर्शः ) ( पु० ) साहित्य में एक वाक्यदोष; जो विधेय अंश को अप्रधान अंश प्राप्त होने पर होता है। कहीं जाने वाली मुख्य बात का वाक्यरचना के बीच में दब जाना। -श्रात्मन् ( पु० ) विष्णु भगवान् का नामान्तर -ज्ञ, विधेयं ( २० ) कर्त्तव्य विधेयः ( पु० ) अनुचर | नौकर | विध्वंसः (पु० ) १ नाश बरबादी २ बैट। घृणा | नफरत | ३ तिरस्कार । अनादर । विध्वंसिन् (वि० ) जो नष्ट होता हो । जो टुकड़े टुकड़े हो कर गिर रहा हो। विनदः ( पु० ) १ ध्वनि। नाद कोलाहल २ वृक्ष विशेष । विनमनं ( न० ) सुकन। नवन | विनम्र (वि० ) १ झुका हुआ | नवा हुआ । २ दबा | विनम्रकं ( न० ) तगर वृक्ष का फूल | हुआ | डूबा हुआ । ३ विनयी | नन | विनय (वि० ) १ पटका हुआ। फेंका हुआ २ गुप्त गोपनीय | ३ असदाचरणी । विनयः ( पु० ) १ नम्रता । प्रति । आजिज्ञी | २ शिक्षा | ३ शील भन्यता शिष्टता ३ व्यवहार में अधीनता का भाव। शिष्टोचित व्यवहार ४ विनम्रता ५ भद्रता । नम्रता | ६ आचरण । ७ स्थानान्तरकरण | ८ जितेन्द्रिय पुरुष । १ ब्योपारी । सौदागर ।