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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७४०

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वडा ५ द्विजयोषित् | ब्राह्मणी -- अग्निः थ्रनलः, ( पु० ) बाडवानल समुद्र के भीतर रहने वाला अग्नि-मुखः पु० ) १ बाड़वानल २ शिव का नाम । वडा (स्त्री० ) उर्द की पीठी का बना बड़ी पड़ीनुमा पदार्थ विशेष | वडिशं ( न० ) देखो बडिश चडू ( वि० ) बड़ा | दीर्घाकार । महान् । व ( धा० परस्मै० ) [ वरगति ] शब्द करना । बजाना। ( ७३३ ) वणिज: ( पु० ) १ व्यापारी २ तुलाराशि | वणिजक: पु० ) व्यापारी ! वणिज्यं ( न० ) वाणिज्य (स्त्री० ) ) } वंड् चण्डू वणिज (पु०) १ सौदागर | व्यापारी २ तुलाराशि | | खंड ( स्त्री० ) सौदागरी। व्यापार । -जनः, (पु ) ! वह १ व्योपारी । तिजारती । सौदागर | २ बनिया या वंटकः वराटकः वंद्र ) ( धा० प० ) ! स्त्री० [वंटति, पंढयति, वराट् ) घंटयते ] बटवारा करना । बाँटना । बंटू: ( पु० ) १ हिस्सा | बाँट । अंश । २ वरेट: । हसिया का वेट 1३ विधुर| वह पुरुष जिसका } विवाह न हो । वंटनं वराटनं ) वंदालः चण्टाल घंडालः वण्डाल: ) ( ० ) १ व पुरुष जिसके भाग पर वह चमड़ा न हो. जो सुपारी को ठाँके रहता है। २ विना पूंछ का बैल । व्यापार। सौदागरी। -सार्थः, (पु०) काफिला | | घंडा ) ( स्त्री० ) व्यभिचारिणी स्त्री पुंश्चली स्त्री | व्यापारी लोग :- पयः, (पु० ) सौदागरी || चंड: व्यापार | ४ व्यापारी | सौदागर | ३ व्यापारी की बराड: तुलाराशि /--वृत्तिः, ( स्त्री० ) दूकान । } व्यापारियों की टोली । वण्डा ) छिनाल औरत } (न०) वटवारा । हिस्सा । बाँट 1 ( पु० ) १ बटवारा | २ वॉटने वाला | ३ श| भाग हिस्सा वत्स मंड) ( वि० ) : अविवाहित २ दोना | सर्वा वराट ) फार दूंगा। वंठः ) ( ० वण्ठः ) चाफर | ३ ( पु० ) १ शूरवीरों का झगड़ा | २ वेळचा कलछा | ३ नौका | बोट | २ | शक्ति | शूल | घंठ ) (धा० आत्मा० ) [ वंठते ] अकेले जाना। चरा 5 दुकेला जाना । नौकर ! घंटरः ) ( पु० ) १ बाँस के कल्ले का यह मोव बराकरः ) पसा जो उसे रिहा है [ यह पत्ता गौंठ गाँठ पर होता है ] २ अङ्कर | ३ बकरा बाँधने की रस्सी १४ वृक्षका या कृत्ता १२ ची | कुस की पूंछ | ६ बादल । ७ छाती ( धा० श्रा० ) [ वराडते ] १ बटवारा करना। वाँटना। हिस्सा करना । घेरना | व्यापार | सौदागरी । तिजा- वत् ( चि० ) यह एक प्रत्यय है जो संज्ञाबाची शब्दों में रख किसी वस्तु की सम्पन्नता प्रकट करने को लगाया जाता है। जैसे "धनवत्" अर्थात धनी या धन से सम्पन्न । यह सादृश्यता अथवा समानता भी प्रकट करता है यथा “यात्मवत्" । ) ( वि० अङ्गभङ्ग | पंगु | २ अविवाहित । ३ बधिया किया हुआ | याता किया वंडरः ) ( पु० ) 1 कंजूस आदमी । २ नपुंसक } पुरुष | हिजड़ा आदमी : वण्डर: | वत ( अन्यथा० ) १ कष्ट दया ३ सुखी ४ विस्मय | 4 आमंत्रण वर्तसः (पु० ) अवतंस का अपभ्रंश । ( धकार का लोप होने से १ आभूषण | २ चोटी | ३ हर प्रकार का गहना ४ कर्णफूल । वतांका ( श्री० ) सन्धानरहित स्त्री या गो। वह स्त्री या गौ जिसका गर्भ किसी घटना विशेष से गिर पड़ा हो। वत्सः ( पु०) १ बछड़ा। किसी भी जानवर का बच्चा । २ वेटा | ३ सन्तान | औलाद वर्ष २ एक देश का नाम जहाँ उदुमन नामक राजा राज्य करता था