पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७३९

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वजिन् पण (पु० ) 1-पातः, ( पु० ) बज्रपात बिजली का गिरना । -पुष्पः, ( न० ) तिल्ली का फूल-भृत् ( पु०) इन्त्र ।-णिः, ( पु० ) होराः, (पु० ) इन्द्रद ( पु० ) शूकर 1-लेपः पु० एक प्रकार का सीनंट 1 -लोहकः ( ९० ) खुबक व्यूडः, ( पु० ) सैनिक कवायद शल्यः, ( पु० ) सूँस । -सार, (वि० ) हीरा की तरह कड़ा | - हृदयं, (न० ) हीरा की तरह का दिल | जून ( पु० ) इन्द्र का नाम | २ उल्लू | घुग्धू । वंचू ) ( धा० पर० ) [ धंचति ] १ जाना । वञ्चे ) पहुँचना। आना । २ चुपचाप जाना । पंचक ) ( वि० ) १ धोखेबाज़ | छलिया। कपटी । पञ्चक) मुतफन्नी । पंचकः ( ( पु० ) १ शठ | धोखेबाज़ | ठग २ वञ्चकः । शृगाल | ३ छछूंदर | ४ पालतू न्योला । चतिः } (४० ) अग्नि । वंधनं ( न० ) पञ्चनम् ( न० वॅचना ( स्त्री० वञ्चना (श्री० ) ( ७३२ ) बद् पंचधः । ( पु० ) १ ठगी | धोखेबाज़ी चाल । २ ठगिया | धोखेबाज़ | कपटी | २ केमिल || वंचित ) ( व० कृ० ) १ छला हुआ | धोखा दिया वञ्चित ) हुआ । २ अलग किया हुआ | वंचुक धञ्चुक ● धोखा | चालबाज़ी | ३ भ्रम | माया | ४ हानि। रुकावट । } पंचिता ) ( श्री० ) एक प्रकार की पहेली या चञ्चिता / बुझौवल । चंयुकामः } (पु० ) शृगाल । घटः (पु० ) १ बरगढ़ का पेड़ | २ कोड़ी ३ गोली | टिकिया। ४ शुन्य सिफर | ५ चपाती । ६ डोरी : रस्सा | ७ रूप की समानता या रूपसा- दृश्य :-पत्रं, (न० ) रामतुलसी विशेष - पत्रा, (स्त्री० ) चमेली।- वासिन्, ( पु० ) यक्ष । ( वि० ). [ पंचुकी ] धोखेबाज़ । छलिया। बेईमान । मुत्फनी चालाक चंजुलः } (पू० ) वजुलः 5 वटकः ( पु० ) १ चपाती । ३ गोला । गोडी । टिकिया । वडवा धा० प० ) [ वटति ] घेरना। [ उभय० वाट- चाटयते ] १ कहना २ चाँटना | बँटवारा करना | ३ घेरना | यति वटरः ( पु० ) १ मुर्गा | २ चटाई | ३ पगड़ी । ४ चोर डाँकू । २ रई । ६ सुगन्धयुक्त घास। } ( पु० ) डोरी । रस्सी | १ नरकूल या वेत । २ पुष विशेष | ३ अशोक वृक्ष ४ पक्षी विशेष - द्रुमः, ( पु० ) अशोक वृंस | - प्रियः, (पु० ) छुड़ी येत । वटाकरः चटारकः घटिकः ( पु० ) शतरंज का दाँव । वटिका ( स्त्री० ) १ वटी । गोली । २ शतरंज का मोहरा । वटिन् (वि० ) गोल | डोरीदार । वटी (स्त्री०) १ रस्सी । डोरी २ गोली या टिकिया। टुः (पु० ) १ छोरा । बालक । २ ब्रह्मचारी | माणवक चटुकः ( पु० ) १ बालक | २ ब्रह्मचारी | माणवक ३ मूड़। मूर्ख | बढ़ ( धा० १० ) [ वठति ] १ मजबूत होना । २ हृष्टपुष्ट होना। चटर ( वि० ) १ सुस्त | काहिल । २ दुष्ट शठ | वठरः ( पु० ) सूजन। मूर्ख श्रादमी । २ शठजन दुष्टजन | ३ चिकित्सक । ४ जल का घड़ा। वडभिः asभी ) ( पु० ) देखो वल्लभिः, वलभी। } वडवा ( स्त्री० ) ३ घोड़ी | २ अश्विनी नाम च अप्सरा जिसने घोड़ी का रूप धर, सूर्य से दो पु उत्पन्न करवाये थे। वे दोनों अश्विनीकुमार नाम से प्रसिद्ध हैं। ३ दासी | ४ रंडी | वेश्या