पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७४

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अप्रिय अबाधित २ पीडा ध्यप्रिय ( वि० ) १ अरुचिकर। नापसंद | २ जो प्यारा न हो जो मित्र न हो। अप्रियः (पु० ) शत्रु | वैरी २ अखण्डन । लड़का नहीं। प्रियम् ( न० ) अरुचिकर काम । नापसंद काम । ध्यप्रीतिः (स्त्री०) अरुचि । नापसंदगी। घृणा । अभक्ति। परामुखता । जवान । २ छोटा नहीं । पूरा ( जैसा पूर्णिमा का ) । अ (वि० ) जो प्रौढ़ अर्थात् हड़ न हो । २ भीर । असाहसी ३ जो पूरा बढ़ा हुआ न हो। अवाह्य (वि०) १ बाहिरी नहीं भीतरी २ (आल०) परिचित । (स्त्री) १ अविवाहित लड़की । २ लड़की | अविधनः १ (५० ) समुद्र के भीतर रहने वाला जिलका हाल ही में विवाद हुआ हो, किन्तु जिसे अविन्धनः । अग्नि | वक्ष्यानल | रजस्वला धर्म न होता हो। ( (वि) जोतन हो । श्रदीर्घीकृत | ( स्वर ) | अविलम्बित | अप्सरा अप्सराः घसरस् ) ( स्त्री० ) इन्द्र की सभा में नाचने वाली देवाहना, जो गन्धवों की खियाँ कही जाती हैं। स्वर्गवेश्या--पतिः, ( 30 ) इन्द्र अफल (वि० ) फलरहित । वेफळवाला बन्ध्या २ जो उधर न हो। व्यर्थ । निरर्थक ३ नपुंसक किया हुआ। लोजा था हिजड़ा बनाया हुआ।-- माकांतिन, -प्रेप्सु, (वि० ) ऐसा पुरुष जो अपने परिश्रम का पुरस्कार था पारिश्रमिक न | चाहे निस्स्वार्थी । ते ब्रह्मवादिभिः।" फेन (वि० ) विना फैन का | फेनरहित । अफेनम् (न० ) अफीम | महाभारत अबंधु श्रवन्धु अवधिव प्रवद्ध ) (वि० ) 3 विना बंधा हुआ । अनरुद्ध । अवद्धक स्वतंत्र २ बिना अर्थ का निरर्थक वाहियात गुमसुम | विरुद्ध /-मुख ( वि० ) जो मुंह का अपवित्र हो । जो गाली गलौज बका करे।

  • ७ )

(वि० ) एकाकी । मित्र रहित। व्यवान्धव व्यबल ( वि०.) 1 निर्बल कमज़ोर । २ अरक्षित | श्रवला ( श्री० ) स्त्री औरत। 1 यव्द. अबाध ( वि० ) १ बाधा शून्य रहित । अबाधः (पु० ) १ रोकटोक होना अवाल (वि० ) लड़कपन नहीं अबुद्ध (वि० ) हुजू । मूर्ख वेवकूफ अबुद्धिः (खी० ) । बुद्धि का अभाव । निर्बुद्धिता | २ श्रज्ञान । मूर्खतापूर्व, पूर्वक, (वि०) बेस- मझा बुझा । अनजाना हुआ।-पूर्व (अवुद्धि- पूर्व) कं, (अबुद्धिपूर्वकम् ) (अन्य ) अशावभाव से अनजानपने से। } अबुध् ) ( वि० ) निर्वाध | मूह (पु०) मूर्ख व्यक्ति। अबुध ) मूह व्यक्ति ( स्त्री० ) अज्ञानता | बुद्धि का अभाव । अबोध (वि०) अज्ञानी । मूर्ख। मूह | जो समझ में न आवे अयोधः (पु० ) अज्ञता मूर्खता अभाव | -गम्य (वि०) मूड़ता। ज्ञान का अन्ज (वि०) जल में था जल से उत्पन्न कार्णिका कमल का बीज पुटकजः भवः- भूः, - योनिः, ( ०1ह्मा के नाम -बान्धवः, ( पु०) सूर्य चाहनः ( पु० ) शिवजी का नाम । " व्यब्जम् ( न० ) १ कमल । २ संख्याविशेष । सौ करोड़ | अरब ३ भसीदा | ५ चन्द्रमा ६ धन्वन्तरि । ४ शंख। अजा (स्त्री० ) सीप अजनी (स्त्री०) १ कमलों का समुदाय २ स्थान जहाँ कमल ही कमल हो । ३ कमल का पौधा । --पतिः, ( पु० ) सूर्य दः (पु० ) बादल। वर्ष (पु० और न० ) । २ एक पर्यंत का नाम।अर्ध, (न०) भाषा'