पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७१२

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रात्रिमन्य ( 50 रात्रिमन्य (वि० ) रात के समान देख पढ़ने वाला ( चहली का दिन ) अँधियारा दिन रा ( ० ० ) १ पका हुआ / गया हुआ । २ प्रसन्न मनाया हुआ। रानी किया हुआ ३ सिद्ध पूरा किया हुधा ४ तैयार किया हुआ | २ पाया हुआ मास उपलब्ध ६ सफज मनोरथ भाग्यशन् । मुची विद्या में निपुग्ध | 1 ● उ (०) [ राम्रोति, राजू ] राज्ञी कर लेना प्रमश कर लेना २ पूरा करना । सिद्ध करना : ३ तैयार करना सार डालना। घायल करना जद में नष्ट कर डालना। अधः ( वि० ) वैशराब मास घा (सी) समृद्धि सफलता २ एक प्रसिद्ध गोपी का नाम, जिस पर श्रीकृष्ण का बड़ा अनुराग था और जो वृषभानु गोप की कम्पा थी।३ अधिरथ की स्त्री का नाम, करते को याला पोसा था। विशाखा नदन । २ बिजली। अधिका ( श्री० ) देखो राधा उधेयः (पु० ) कार्य की उपाधि । उम (वि० ) प्रसन्न करने वाला २ सुन्दर खूब- सूरत मनोहर | मनोज्ञ | ३ कृष्ण वर्ण । काले रंग का ४ सफेद /- अनुजः (= रामानुजः) ( पु० ) १ दक्षिण प्रदेश में प्रादुर्भूत एक प्रसिद्ध श्रीवैष्णवाचार्य । रै श्रीरामचन्द्र जी के छोटे भाई, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न किन्तु विशेष कर लक्ष्मण -अयनं, अयणं, (न० ) १ श्रीरामचरित्र | २ श्री महाल्मीकि रचित ऐतिहासिक एक काव्य ग्रम्य विशेष, जिसमें २४,००० श्लोक और सात कायड हैं। गिरिः, (पु० ) नागपुर के निकट एक पहाड़ी जिसका वर्णन कालिदास ने मेघदून काव्य में किया है। इसका आधुनिक नाम राम- टेक है। स्मिारकगिर्वाने मेघदूत 7 ) राशिः चन्द्रः -भद्र ( पु० ) वखरयनन्दन श्री रामचन्द्र जीतः (g० ) हनुमान जी | -नवमी ( ० ) चैत्र शुद्धा नवमी सेतु ( 30 ) श्रीरामचन्द्र जी का . और भारतवर्ष के बीच में है. जिसे आज कह दन] ब्रिज कहते हैं। रामः ( उ० ) १ तीन प्रसिद्ध महापुरुषों का नाम । यथा ( क ) इरा श्रीरामचन्द्र । ( ख ) जमदग्निपुत्र परशुराम (ग ) मसुदेवपुत्र बजराम २ हिरन विशेष रामयं (न० ) ) हींग | रामठः ( 50 ) रामग्रीय (वि० ) मनोहर | सुन्दर 1 1 रामणोयकं म०) सौन्दर्य मनोहरता | सुन्दरी श्री रामा: श्री० ) ३ श्री ५ ६ हींग | • [स्त्री०रामजीयको प्रेय भार्या । कुलीन स्त्री | ५ ईंगुर । शिगरफ। राभः ( पु० ) वह्मचारी या संन्यासा का ( बाँस का ) नष्ट | राखः (पु० ) चीख चीत्कार | नाद। गर्जन । राश्य ( वि० ) रोने वाला रावणः ( पु० ) राजसराव चिल्लाने वाला दशानन का नाम जिसे लहा में जा श्यारथनन्दन श्रीरामचन्द्र ने युद्ध में मारा था। क्योंकि राज्य श्रीरामचन्द्र जी की श्री सीता को वन में से अकेले में हर ले गया था। रावणिः ( पु० ) १ रावयापुत्र इन्द्रजीत या मेघनाद । २ रावण का ( कोई भी ) पुत्र राशिः (पु० ) १ ढेर पुआ एक ही प्रकार की बहुत सी चीज़ों का समूह | २ क्रान्ति वृत्त में अवस्थित विशिष्ट तारा समूह जो संख्या में बारह है।चक्रं, (न० ) मेष, वृष, मिथुन आदि राशियों का चक्र या मगढल भचक्र - त्रयं, (न० ) वैराशिक गणित-भागः, (४०) भग्नांश | किसी राशि का भाग या अंश- भोगः, (पु० ) किसो ग्रह का किसी राशि में कुछ काल तक रहना । सं० श० कौ०- र