पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६८९

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माखर्य ( ६८२ माखर्व ( न० ) १ बातूनीपना। यकीपन । २ गाली । अपमान | तिरस्कार 1 मौग्ध्यं ( न० ) १ मूर्खता । मूढ़ता | २ सादगी | | निर्दोषता | ३ मनोहरदा। सौन्दर्य | मौवं ( न० ) केले का फल । मौज ) ( वि० } [ स्त्री० - मौंजी, - मौखी ] मूंज मौज, तृख का बना हुआ। | ( ० ) मूंज का बना ब्राह्मण का कटि- मोजी सूत्र – बंधनं, ( न० ) यज्ञोपवीत संस्कार । मौढ्यं ( न० ) १ अज्ञानता । मूर्खता | २ लड़कपन | मौत्रं ( न० ) मूत्र | मौदकिक: ( पु० ) हलवाई। मौदतिः ( पु० ) काक । | कौआ 1 मौद्गीन (वि० ) मूंग बोने योग्य खेत । मौनं ( न० ) खामोशी | चुप्पी (~मुद्रा ( स्खी० ) मौन भाव /- व्रतं, ( न० ) मौन धारण करने का व्रत । मौनिन् ( वि० ) [ स्त्री० - मोनिनो ] मौन थत धारण करने वाला ( पु० ) मुनि । संन्यासी । मौरजिकः ( पु० ) ढोल बजाने वाला । मौख्र्यम् ( न० ) मूर्खता | बेवकूफी मौर्यः ( पु० ) एक राजवंश का नाम जिसका प्रथम राजा चन्द्रगुप्त था। - मौल ( वि० ) [ स्त्री० - मौला मौली ] १ मौलिक । मूलोस । २ प्राचीन | पुराकालीन | ३ कुलीन वंशसम्भूत ४ राजा का पुश्तैनी नौकर | पुश्तैनी । ब्रुच, म्रुद्ध मौलिः (पु० ) १ सिर । सीस | २ मुकुट १३ किसी मौलिः (पु० या बी० ) १ मुकुट ताज। कलंगी। वस्तु का सर्वोच्च भाग ४ अशोकवृष । २ चुटिया | शिखा ३ केश विन्यास । मौलिः ३ ( स्त्री० ) पृथिवी-मः ( ० ) - मौली । रतं, (न० ) मुकुट का रत्न या जवाहर " - मण्डनं ( न० ) सीसफूल | शिरोभूषण- मुकुटं ( न० ) किरीट | ताज | मौलः ( पु० ) पुश्तैनी दीवान। मौलि ( वि० ) सर्वोच्च | मुख्य सर्वोत्तम 1 | मौलिक (बि० ) [ बी० - मौलिकी ] मूलोद्- - मौल्यं ( न० ) क़ीमत | दाम | मोल । भूत १२ मुख्य प्रधान | ३ अपकृष्ट | मौा (स्त्री० ) घुस्संधुस्सा! मौष्टिकः ( पु० ) गुडा | वदमाश । कपटी | छलिया। मौसल (वि० ) [ सी०- मौसली ]१ भूखल के आकार का २ मूसल से युद्ध में लड़ा हुआ। ३ मूसल की लड़ाई से सम्बन्ध युक्त । मौहर्तिकः } ( ९० ) ज्योतिषी । ना (घा० परस्मै० ) [ मनति, नात ] १ मन ही मन यावृत्ति करना। समझदारी से सीखना । ३ याद करना । प्रतः ( पु० ) दम्भ । पाखंड | मौर्वी ( स्वी० ) 1 कमान की डोरी । धनुष का रोदा । म्रक्षण ( न० ) १ शरीर में उक्टन या खुशबूदार कोई २ मूर्वा घास का बना क्षत्रिय के पहिनने योग्य कटिसूत्र | लेप लगाने की क्रिया | २ जमा या ढेर लगाने की क्रिया ३ तेल | लेप । नात् (व० कृ०) १ दुहराया हुआ। २ सीखा हुआ। अध्ययन किया हुआ | ऋतू ( धा० परस्मै० ) १ रगड़ना। २ जमा करना । करना । श्रद ( घा० श्राम० ) ( मदते ) कूटना । पीसना | कुचरना । 1 नदिमन ( पु० ) १ कोमलता । २ निर्बलता। च् (धा० परस्मै० ) [ ब्रोचती ] जाना | चलना। चंच } (घा० परस्मै० ) [ म्रुन्वति ] जाना । ब्रुञ्च