पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६७८

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दुर्घ मुधं (घा० परस्मै०) [ मूति, महित. या मूर्त ] जमना तरल पदार्थ का जम कर गाढ़ा होना | २ सूस होना ३ वृद्धि को प्राप्त होना । २ शक्ति सञ्चय करना २ पूर्ण करना या होना | घुसना | छाज्यना : ६ जोड़ का होना । ७ चिहामुष्टिका ( स्त्री० ) तुला घूँसा मुण्डिधक ( पु० ) बच्चा। कर बुलवाना करवाना। मुर्मुः ( 5० ) पनि चोकर या भूसी की धान सुष्टी (अव्यया) घुसंदुस्सा 1 २ फामदेव | ३ सूर्य के एक घोड़े का नाम मुण्ठकः ( पु० ) राई मुर्च ( धा० परस्मै० ) [ मुर्वत ] बाँधना | मुशदी (स्त्री० ) अनाज विशेष मुप् ( धा०] परस्मै० ) [ मुप्याति, मुषित ] चुराना लूटना छीन लेना । २ मसना | ढकना घेर लेना। विपाना| ३ पकड़ लेना ४ आगे निकल जाना । मुषकः ( पु० ) चूहा मुषा । मुपी ) (स्त्री० ) घरिया | कुठाली । कुल्हिया। मुफ्ति (व० कृ० ) खुटा हुआ चुराया हुआ । २ छीना हुआ | ३ रहित वञ्चित | ४ ठगा हुआ। धोखा खाया हुआ ? मुषितकं (२०) चोरी का माल । मुष्कः ( 5० ) 1 अण्डकोष का चैंडा २ अण्डकोष ३ हृष्टपुष्ट पुरुष ४ ढेर समुदाय । ५ चोर - देशः, ( पु० ) अण्डकोष का स्थान /--- शून्यः (पु०) हिजड़ा 1-शोकः ( पु० ) धराडकोष की सूजन | मुहूर्त मुहूर्तः मुष्टक (पु०) सुनार २ मुका सा३ राजा फंस के पहलवानों में से एक का नाम जिसे बतदाऊ जी ने पड़ाड़ा थान्तकः ( ५० ) बलराम जी का नाम । मुष्ट ( व० कृ० ) चुराया हुआ। मुष्टं ( न० ) चोरी का माल | मुष्टि: ( पु० स्त्री० ) १ मुट्ठी | २ मुट्ठी भर | ३ मुठिया | मूंठ | ४ माप विशेष १२ लिङ्ग /- देशः, (पु०) धनुष का मध्य भाग जो हाथ से पकड़ा जाता है। -धूतं, (न० ) एक प्रकार का जुआ-पातः. ( 5० ) घूंसेबाजी -वन्धः, (पु० ) 1 बंधी हुई मुट्टी | २ मुट्ठी भर | युद्धं, (न० ) घूँसेबाजी। मुन् (षा० परस्मै० ) [ मुस्यति ] चीरना । विभा जित करना। टुकड़े टुकड़े कर डालना। मुसलः ( १० ) ) 1 भूसल | २ एक प्रकार काउंडा । मुसलं ( म० ) ) गदा का भेद-प्रायुधः, (पु०) बाराम जी । उस्तूखलं, (न० ) इनामदस्ता खडलोड़ा | मुसलासुसन्ति (अव्यया० ) डंडेवाज्ञी | मुसलिन् ( 30 ) १ बलराम | २ शिव जी । मुसल्य ( वि० ) डंडे से मार ढालने योग्य | मुस्त (पा० उभव० ) [ मुस्तयति, मुस्तयते ] जमा करना। ढेर लगाना। मुस्तः ( पु० ) मुस्तं (न० ). मुस्ता (स्त्री० ) ) याद ( पु० ) शुकर | ) एक प्रकार की घास ।-प्रदाः-- भुखं ( ५० ) 1 मूसल । लोड़ा। २ औँसू । मुड् (धा० परस्मै० ) [ ति मुग्ध या मूढ ] सूति होना ।२ व्याकुल होना। परेशान होना। ३ मूर्ख बनना। ४ भूलना। मुहिर है दि० ) मू । मूड़ वारंवार मुहिरः (पु० ) 1 कामदेव | २ मूर्ख | मूढ़ | मुद्दस् (अन्यमा० ) १ अक्सर । सदैव २ कुछ देर के लिये 1-भाषा ( बी० ) - वचसू ( म० ) पुनरावृति भुजू, ( 50 ) घोड़ा मुहूर्त ( न० ) ( काल का एक मान जो ४८ मिनिट मुहूर्तः (पु० ) ) का देता है। दिन रात का तीसय भाग |