पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६७७

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मद्भ I मुद्रः (पु० )मंग २ ढकना उन च्या समुद्री पही। -सुज, ( ५० ) घोड़ा । मुद्रः ( पु० ) १ हथौड़ा | २ गड़ा | डंडा | ३ माँगी। मुंगरिया जिससे मिट्टी के डेले फोड़े जाते हैं । ४ काठ का बना हुआ एक प्रकार का गाम दगड जो सूठ की ओोर पतला और आगे की ओर बहुत भारी होता है। इसको घुमाने से कलाइयों और हाथों में बचाता है। ५ केली ६ मोगरा | चमेली का भेद | ( गिलाफ । भोजिन, सुधा (अन्यमा० ) १ व्यर्थ । निरर्थक भूल से। मुरली ( यहुवचन० ) सप्तपिं । अगस्य त्रयं ( ० ) पाणिनि कात्यायन और पतञ्जलि |-पितलं, ( न० ) ताँवा पुयः ( पु० ) मुनिश्रेष्ठ पुत्रकः, ( पु० ) खंजन पनी । -भेप (न०) का फूल २ हड़ हर्रा ३ लन - व्रतं ( न० ) मुनियों के योग्य व्रत । मुंथ ( धा० परस्मै० ) (मूंथति ) जाना । मुनुत्ता ( स्त्री० ) मोक्ष प्राप्ति की अभिलाषा । मुमुक्षु ( वि० ) १ मोह प्राप्ति का अभिलापी । २ बंधन से छूटने का इच्छुक ३ दागने या छोड़ने दी को गोली या तीर ४ साँसारिक आवागमन से छूटने की इच्छा रखने वाला | मोक्ष के लिये प्रयत्नवान | ६७० ) उपवास मुदुलः (पु०) घास या तृण विशेष | मुद्दष्टः (पु० ) नमूंग मुगवन मुद्रणं ( न० ) १ किसी चीज़ पर अक्षर आदि अति करना छुपाई २ बंद करने या मंदने की किया। मुद्रा ( श्री० ) १ किसी के नाम की छाप मोहर । २ अँगूठी छाप छडा ३ मोहर | रुपया । पैसा | आदि सि के ऊपर छापी मुमुचानः ( पु० ) बादल | मेच ४ पदक तगमा २ चपरास आदि | मुमूष (खी० ) भरने की इच्छा जाने वाली मूर्ति आदि का उप्पा || मुमूर्षु (वि० ) मरण्यापन | जो मरने ही वाला हो। ६ बंद करने या मोहर लगा कर बंद करने की क्रिया | ७ रहस्य । गुप्त नैद | ८ हाथ, पाँव, आँख, मुर् ( धा० परस्मै० ) [सुरति ] घेरा ढाळना । घेरना । मुंह, गर्दग आदि की कोई स्थिति विशेष :--: शतरं, फैलाना। ( म० ) मोहर पर खुदे हुए अक्षर कारः | मुरः (पु० ) एक दैत्य जिसका वध श्रीकृष्ण ने किया ( पु० ) मोहर बनाने वाला /--मार्ग, ( पु० ) था। अरिः ( पु० ) १ श्रीकृष्ण का नाम | १ " धनर्धराधव रचयिता कषि का नाम जित् - मस्तक के भीतर का बह रम्ध जहाँ से योगियों का माखवायु बाहिर निकलता है। रन्ध | मुद्रिका ( श्री० ) मोहरा वाली अंगूठी । मुद्रित ( च० कृ० ) मोहर किया हुआ अङ्कित । २ थंद । मोहर लगा कर बंद किया हुआ। ३ अनखिला हुआ। चिन्हित मुमुक्षु (पु० ) वह साधु को मोक्ष प्राप्ति के लिये यस्लवान हो । - - द्विष्-भिद्, मर्दनः, रिपुः, चैरिन:- छन्, (पु० ) श्रीकृष्ण | मुरं ( न० ) घेरने या घेरा डालने की क्रिया । मुरजः (पु०) --बंध:, (पु०) काव्यरचना शैली विशेष ~~फलः, (पु० ) कटहल का फल । गुरजा (श्री० ) १ चदा मृदङ्ग २ कुबेरपत्नी का नाम | वेकाम । २ मुनिः ( पु० ) १ यह जो मनन करे | ईश्वर, धर्म और | सत्यासत्य प्रभृति सूक्ष्म विषयों का विचार करने वाला व्यक्ति । मननशील महात्मा | धर्मात्मा || 1 भक्त साधु । २ अगस्त्य मुनि । ३ वेदव्यास | ४ दे। आम का पेड़ ६ सात की संख्या | मुरली (खी० ) बाँसुरी -घर:, (पु. ) श्रीकृष् मुरवला ( स्खी० ) एक नट्टी का नाम । ( बहुत कर नर्मदा ।) मुरला ( स्त्री०) केरल देश से निकलने वाली एक नदी का नाम ।