पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६६०

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महा वर्ग का और पवर्ग का फ और म ( ६५३ ) श. प स ह भी इस श्रेणी में हैं। ● २ पहाड़ी कौवा ---सवः (पु०) जलप्रलय- फला, (वि०) १ कड़वी तुमड़ी | श्भाला विशेष । -- फलं, (न०) बड़ा फल या पुरस्कार --बलः, ( पु० ) १ पवन बलं ( भ० ) सीसा । राँगा । -- बाहु: ( पु० ) विष्णु |~ विलं.- विलं, ( म० ) १ अन्तरिक्ष २ हृदयस्थान ३ जलघट घड़ा ४ सुराख बिल गुफा माँ - बीजः, -चीत्रः, (पु० ) शिव जी - बोधिः, ( पु० ) युद्धदेव ब्रह्म प्रान् ( न० ) परमात्मा ब्राह्मणः ( 50 ) कहा ब्राह्मण । वह माझ्य जो मृतक का दाम लेता है। निकृष्ट बाह्मण/--भाग, ( वि० ) भाग्यवान किस्मतपर २ धर्मात्मा बड़ा धर्मामा-भागिन, ( वि० ) यदा भाग्यवान् । भारतं, ( न० ) एक परम प्रसिद्ध संस्कृत भाषा का प्राचीन ऐति हासिक महाकाव्य। इसमें कौरव और पारडवों का वृत्तान्त मुख्यतया है। इसमें १८ पर्व हैं और वेद- व्यास जी का रचा हुआ है। -भाध्यं, (न० ) १ बड़ा टीका । पाणिनि के व्याकरण पर पतअति का लिखा हुआ प्रसिद्ध भाष्य। -भीमः, (पु०) राजा साम्तनु /-भी, (५०) ग्वालिन नाम का बरसाती कीड़ा । -भुज : वि० ) बलवान श्री लंबी भुजाओं वाला !-- भूतं, (न० ) पाँच मुख्य सत्य। -भोगा, (स्त्री० ) दुर्गा देवी - भतिः, (पु० ) बृहस्पति -मदः (पु० ) जमस्त हाथी | मनसू. - उनस्क, ( वि० ) १ ऊँचे मन का । २ उदार । ३ अभिमानी । (५०) शरभ | - मंत्रिन (पु० ) प्रधान सचिव | महोपाध्याय (पु० ) गुरुपों का गुरु | बहुत बड़ा गुरु बड़े भारी पण्डितों की उपाधिविशेष --मांस, ( न० ) 1 गौ का माँस । २ नर- माँस 1- मात्रः, ( पु० ) १ प्रधान सचिव २ महावत | ३ गजशाला का अध्यक्ष -मात्री, ( स्त्री० ) : प्रधान सचिव की पत्नी | २ दीक्षा गुरु की पत्नी ~ मायः, (5० ) - 1- - महा राया ( श्री० ) ग्रही भारी ( श्री ) हज़ा प्लेग आदि संक्रामक रोग (मुखः, (पु०) मगर | हड़ियाल कुम्भीर :-१ - सुनिः, (पु० )

बड़े मुनि | २ वेय्यास/सूर्वम्, (१०)

शिव जी | मूलः, (पु० ) प्याज मूल्यः, ( पु० ) मालिक । ताल शुद्धीमृग, १ कोई भी वहा जन्तु २ हाथी | मेदः (5०) मँगे का पेड़-मोइः, ( पु० ) सांसारिक सुखों के भोग की इच्छा जो अविद्या का रूपान्तर है। -मोदा. (स्त्री० ) दुर्गा देवी। --यज्ञः (पु० ) पळ महायज्ञ 1- यात्रा, (स्त्री०) मौत। -याम्यः, ( पु० ) विष्णु /- - युगं. ( न० ) मनुष्यों के चार युगों को मिला कर देवताओं का एक युग होता है वही देवताओं का युग इसमें मनुष्यों के ४, ३२०,००० वर्ष होते हैं। योगिन, (पु० ) ३ - राजः १ शिव जी । २ भगवान् विष्णु । ३ मुर्गा | रजतं, (न० ) १ सोना धतूरा रजतं, ( न०) १ कुसुमपुष्प । २ सुवर्ण | रथः, (पु०) १ बड़ा रथ १ २ बड़ा भट या योद्धा । रसः, ( पु० ) १ ऊख । ईख २ पारा ३ मूल्यवान खनिजयन्य)-रसं, (न० ) कॉजी ( पु० ) राजाओं में श्रेष्ठ बहुत राजचूतः, (पु० ) ग्राम विशेष ( १० बहुवचन० ) देवता विशेष जिनकी संख्या २२० या २३६ बतलायी जाती है ।-राक्षी, ( श्री० ) पटरानी। प्रधान महिपी ।--रात्रिः ---रात्री, ( स्त्री० ) महाप्रलय वाली रात 1 राष्ट्रः, (पु० ) १ वडा राज्य | २ दक्षिण भारत का प्रान्त विशेष । ३ महाराष्ट्र देश और वहाँ के अधिवासी । - राष्ट्री. (स्त्री०) एक प्रकार की प्राकृत भाषा जो महाराष्ट्र देश में बोली जाती है - रूपः, ( पु० ) १ शिव जी । २ राल | धना /- रेतस्, ( पु० ) शिव जी । रौद्र ( वि० ) बड़ा भयानक /- रौद्री (स्त्री० ) दुर्गा देवी। -रौरखः, (१०) २१ प्रधान करकों में से एक। -लक्ष्मी, ( स्त्री० ) श्रीमनारायद की महा लक्ष्मी या शक्ति-ङ्गिः (पु० ) महादेव | -लोलः, ( पु० ) काक कौआ । दोहं, 3 बड़ा राजा | - - राजिकाः,