पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६२५

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भूत याता हुआ ६ प्राप्त १७ मिश्रित युक्त समान । सदश ।-अनुकम्पा ( स्त्री० ) प्राणिमात्र पर दया । -अन्तकः ( पु० ) यम. राज धर्मराज अर्थ: ( पु० ) वाजवि बात । वास्तविक परिस्थिति सत्य यथार्थता प्रात्मक ( वि० ) पंचतस्यों का बना हुआ। -आत्मन्, ( पु०) १ जीवात्मा १२ परमात्मा । ३ ब्रह्म की उपाधि | ४ शिव की उपाधि | २ मूलतस्य सम्बन्धी पदार्थ । मौलिक पदार्थ । ६ शरीर ७ युद्ध लड़ाई ।-आदिः (पु) १ परमहा २ अहङ्कार-आतं, (वि) प्रेता विष्ट/-श्रावासः, (१०) १ शरीर । २ शिव । ३ विष्णु।विट, (वि० ) प्रेताविष्ट - आवेशः, ( पु०) प्रेत का किसी पर सवार होना। ~~इज्यं ( न० ) इज्या, (स्त्री०) भूतों के लिये बलिदान । इष्टा (स्त्री० ) कृष्ण पक्ष की १४- शी-ईशः, ( पु० ) १ मा २ विष्णु | ३ शिव-ईश्वरः, (पु० ) शिव - उन्मादः, (पु०) ऊपरी फिसाद घेत का फेरा-उपसृष्ट उपहृत ( वि० ) प्रेत के कब्जे में - मोदनः, (पु० ) भाव का थाल ।-कर्तृ- कृत, ( पु० ) ब्रह्म की उपाधि । -कालः, (पु०) बीता हुआ समय । केशी, ( स्त्री० ) तुलसी । -कान्तिः ( स्त्री० ) प्रेताविष्ट -गणः, ( पु० ) १ प्राणियों का समुदाय । २ मरे हुए पुरुषों के आरमाओं या राक्षसों का समुदाय -प्रस्त, (वि० ) प्रेताविष्ट 1---ग्रामः, (पु० ) १ जीवधारी मात्र की समष्टि । २ भूत प्रेतों का समूह | ३ शरीर ~नः, (पु० ) १ ऊँट । २ प्याज /~-नी, (स्त्री० ) तुलसी ।चतुर्दशी, नरक चौदस । कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी - -चारिन्. ( पु० ) शिव जी की उपाधि - जयः, ( पु० ) तत्वों पर विजय I-दया, ( स्त्री० ) प्राणि मात्र पर कृपा धरा, धात्री, -धारिणी. (स्त्री० ) पृथिवी । -नाथः, ( पु० ) शिव 1-नायिका. (स्त्री० ) दुर्गा www देवी-नाशनः, ( पु० ) १ भिलावा १ २ राई | सरसों ३ कालीमिर्च 1- निचयः, ( 50 ) ( ६१५ ) - भूतमय 1 शरीर |~पतिः, ( पु० ) १ शिव | २ अनि । ३ तुबली - पत्री, ( स्त्री० ) तुलसी - पूर्णिमा, (स्त्री० ) आश्विन की पूर्णिमा - पूर्वे, (अव्यया० ) पहिले | पेश्वर । वर्तमान से पहिले का । -प्रकृतिः, ( स्त्री० ) सब प्राणियों का उत्पत्तिस्थान या निकास ।-ब्रह्मन्, ( पु० ) अकुलीन ब्राह्मण देवल /- भर्तृ ( पु० ) शिव की उपाधि - भावनः, ( पु० ) १ परब्रह्म । २ विष्णु - भाषा, ( स्त्री० )- भापितं, ( म० ) पैशाची भाषा -महेश्वरः ( पु० ) शिव जी --यज्ञः, ( पु० ) पाच- महायज्ञों में से एक। -योनिः (पु० ) समस्त प्राणियों का उत्पत्ति स्थान या निकास।-राजः, ( पु० ) शिव जी --वर्गः, ( पु० ) पिशाच जाति /- वासः, ( दु० ) विभीतक वृक्ष | --वाहनः, (पु० ) शिव जी की उपाधि - विकिया, ( स्त्री० ) मिरगी का रोग | २ भूत या पिशाच का फेरा - विज्ञानं, विद्या, (स्त्री० ) भूत-प्रेत-विद्या वृत्तः, ( पु० ) विभीतक बृद्ध । - संसारः, ( पु० ) मत्यैलोक। सञ्चारः, (पु० ) भूत या पिशाच का फेरा । -सर्वः, ( पु० ) संसार की उत्पत्ति। --सूक्ष्मं, ( न० ) सांख्य के मतानुसार पञ्चभूतों का धादि, अमिश्र एवं सूक्ष्मरूप --स्थानं, ( न० ) 1 जीवधारियों का वासस्थान २ प्रेतों के रहने का स्थान हत्या. ( स्त्री० ) जीवधारियों का नाश। - भूर्त ( न० ) १ कोई वस्तु चाहे वह मानवी हो चाहे दैवी धौर चाहे निर्जीव २ प्राणधारी ३ धात्मा। जीव भूत प्रेत राक्षस ४ तत्व ५ वास्त- विफ घटना| वास्तविक बात गुड़रा हुआ समय । ७ संसार जगत लता । ३ पाँच की संख्या ६ भूतः (पु०) १ पुत्र | बचा | २ शिव । ३ कृष्ण पक्षीय चतुवंशी | भूतकाल कुश- भूतमय (वि० ) जिसमें समस्त प्राणी सम्मिलित हों। २ पञ्चतत्वों का बना हुआ या उत्पन्न किये हुए जीवों से बना हुआ।