बालक वत ( पु० ) रान (२०) वैद्रमणि १ डाग चाखा २ कबूतर वायज ( म० ) बडूर्यमणि वासस् ( न० ) ऊनी वख । -~~-बाह्यः, ( पु० ) जंगली बकरा। - विघषा, ( स्त्री० ) वह स्त्री जो बाल्यावस्था ही में विधवा हो गयी हो । - ज्यजनं (न०) चौरी। चौर। चंबर | -सूर्यः, -सूर्यकः, (g०) वैडूर्यमणि-हत्या { स्त्री० ) बालक का वध | हस्तः (पु ) वालदार पूँछ । ( ५६२ ) बालक (वि०) [श्री० --वालिका] १ लड़के की तरह | जो जवान न हुआ हो। २ अज्ञानी । बालकं ( न० ) अँगूठी बालकः ( पु० ) १ बच्चा लड़का २ अप्राप्तवयस्क नाबालिग | ३ थँगूठी मूर्ख मूद 8 बलय । २ बाली की गाँठ । २ पत्तों की खरभर । कङ्कण | ५ घोड़ा या हाथी की पूँछ । बाला ( स्त्री० ) १ लड़की २ वह युवती जो १६ । वर्ष से कम उम्र की हो ३ युवती सी ४ चमेली J विशेष | २ नारियल का वृक्ष । ६ घीग्वार | घृत कुआरी | ७ छोटी इलायची हल्दी बॉलिः ( पु० ) बानरराज सुमीब के बड़े भाई और अद के पिता का नाम श्रीरामचन्द्र | इन्, -हंतु ( पु० ) बालिका ( स्त्री० ) 1 लड़की ३ बोटी इलायची ४ रेती बालिन् (पु० ) वानरराज वालि । बालिनी (न० ) अश्विनी नक्षत्र | बालिमन् ( पु० ) लड़कपन बाहा (स्त्री० ) याँह बालिश ( दि० ) १ लड़कपन । मूर्खता २ जवान || बाहीकाः (पु० ) पंजाबी लोग | २ बैल | बाहीक: ( पु० बहु० ) पंजाब का एक निवासी। ' ३ मूर्ख | अज्ञानी | ४ असावधान ! बाहुः (पु० ) १ बाँह २ कलाई ३ पशु के अगले पैर | ४ चौखट का बाजू बालिशं ( न० ) तकिया। बालिश: ( पु० ) १ मूर्ख | सूढ़ | २ बालक बच्चा। लड़का। बालीश्यं ( न० ) १ लड़कपन | जवानी | २ मूर्खता । बेवकूफी बाली (स्त्री० ) फान का अभूषण विशेष । बालीशः (पु० ) मूत्र को रोक रखना। चालुः (पु० ) ) बाल्लुकं (न० ) सुगन्ध द्रव्य विशेष। घाई वालुका ( स्त्री० ) देखो वालुका | वालुकी वालंकी बालुङ्की ( खी० ) एक प्रकार की ककड़ी । बालुंगी बालुङ्गो बालूकः (पु० ) एक प्रकार का विष। चालेय (वि० ) [स्त्री०-वालेयो] : बलि देने योग्य | २ कोमल । मुलायम नरम | बालि के वंश का वालेयः (पु०) गधा रासभ वाल्यं ( न० ) १ खड़कपन २ मूर्खता | मुद्रता | वाल्हकं बाल्हिकं } ( न० ) १ केसन | २ हींग | वाल्हीकं बालकः (पु०) १ बाहकों का राजा २ बलखबुखारे का घोड़ा। 1 बालहकाः बाहिकाः बाल्हिः ( पु० ) बलख-बुखारा देश । वाल्हीका: } ( पु० बहु० ) १ एक देश विशेष के अधिवासियों की संज्ञा बाप्प: (पु० बाप्यं ( म० ) } } १ आँसू । २ भाफ । कोहरा १३ ) लोहा -अम्बु, ( न० आँसू - कराठ, ( वि० ) गद्गद् कण्ठ-मोक्षः, ( पु० ) -मोचनं, (न० ) आँसू बहाना । वास्तं (वि० ) [ स्त्री० - वास्ती ] बकरे का या करे 0- से निकला हुआ। बाहः ( पु० ) १ बाँह २ घोड़ा। बाह (दि०) आर्द्रा नक्षत्र- कुण्ठ, कुब्ज, (दि०) वह जिसका हाथ टूटा हो। गुंजा कुन्थः, ( पु० ) पक्षी का बाजू बैना-चापः, (पु०) फाँसला जो हाथों से नापा हुआ हो। -अर ( पु० ) 1 पत्रिय: २ तोता | श्रः, (१०) - श्रं. ( न० ) -- त्राणं. ( न० ) बाहु को बचाने के लिये कंवच विशेष (~-पाशः, (पु०) मल्लयुद्ध का एक पेचप्रहरणम्, (न० ) घूंसों की.
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