( ४८८ ) बजाक प्रभाव से योद्धा को युद्ध के समय भूख या प्यास नहीं पाती। [ यह मन या विद्या विश्वामित्र ने धारामचन्द्र जी और आलमय जी को सिख- खायी थी। बजाकः ( पु० ) ) 1 geet | २ ( श्री० ) बजाका (स्त्री० ) ) स्वामिनी । बलांकिका (खी०) छोटी जाति का बगला या मारस बजाकिन् (वि० ) जहाँ बगलों या सारसों की बहुतायत हो। वाला । बलिमन् (पु० ) शक्ति | ताकत | पतिर्द ( ० ) देखो बलीवर्द । | वलिष्ट (वि० ) अतिशय बनवान | बलिष्ठः (पु० ) ऊँट ( उष्ट्र बलात्कृत (वि०) जिसके साथ जोरजुल्म या बलात्कार | बलि (वि० ) अपमानित | तिरस्कृत | किया गया हो। वलोकः ( पु० ) छप्पर की मुड़ेर । बलाहक ( पु० ) १ बादल २ बगला या सारसबलीयस् (वि० ) [ श्री० --बलीयसी ] १ मज़बूत ३ पहाड़। ४ प्रलयकालीन सात बादलों में से ताकतवर | २ अधिक प्रभाव वाला। ३ अधिकतर वलात्कारः ( पु० ) १ जबरदस्ती करना | २ किसी की का सती नष्ट करना | ३ अन्याय | ४ ऋणी को पकड़ कर बैठाना। " वहज बलिन् ( वि० ) बलवान् | ठाकतवर | पु० / भैसा | २ शूकर | ३ ऊट ४ बैल २ बोदा | ६ चमेली विशेष | ७ कफ ८ वतराम जी का नामान्तर । बलिंदम बलिन्दमः ) } (पु० ) विष्णु । बलिमत् ( वि० ) १ पूजन का या बलिदान का संरजाम ठीक करने वाला २ कर वसूल करने एक का नाम । श्रावश्यक | बलिः ( पु० ) १ किसी देवता का उत्सर्ग किया | वलीद } ( पु० ) साँच | बैल । कोई खाद्य पदार्थ २ भूतयज्ञ | ३ पूजन | चर्चा | ४ उच्छिष्ट । ५ नैवेद्य | ६ कर | टेक्स | | बल्यं ( न० ) बीर्थ । धातु । वल्य ( वि० ) १ मज़बूत ताकतवर २ बलप्रद । बल्यः (पु० ) बौद्ध भिक्षुक खिराज | ७ चौरी की उंडी एक प्रसिद्ध दैत्य का नाम, जो विरोचन का पुत्र था। इसी के लिये भगवान विष्णु ने वामनावतार धारण किया था। (स्त्री० ) भुरी। बढ़ | सिकुड़न ( कर्मन, ( म० ) १ भूवयज्ञ । समस्त प्राणियों को भोजन देना २ राजकर का भुगतान - दानं, (न० ) देवता का नैवेद्य का अर्पण प्राणियों को भोज्यपदार्थ प्रदान ध्वंसिन् (९० ) विष्णु । –नन्दनः,—पुत्रः-सुतः, (यु० ) बलिराज के पुत्र बाणासुर का नामान्तर । -पुष्टः, ( पु० ) - भोजनः, ( दु० ) फाफ | कौआ - प्रियः ( पु० ) लोधवृण -वन्धनः ( पु० ) विष्णु / - भुज् ( पु० ) २ गौरया । सारस । बगला वेश्मन्सझन ( न० ) पाताल लोक राजा बलि के रहने का स्थान 1-छन्, ( पु० ) विष्णु। -हरणं (न० ) आणिमात्र को आहार प्रदान | बल्लवः ( पु० ) खाला। अहीर | गोपाल । २ पाचक रसोइया । ३ भीम का फर्जी नाम जो उन्होंने अज्ञातवास के समय रखा था।-युवतिः, -युवती, (स्त्री० ) गोपी । वल्लवी (स्त्री० ) गोपी। ग्वालिन। अहीरिन । | बल्वजः ( पु० ) बलवजा (सी.) } एक जाति की मैौटे तृख की घाप्त । बल्किाः ) ( बहुवच० ) एक देश विशेष और वल्हीका: । उसके अधिवासी । वष्य ( वि० ) पूर्णवयस्क। जैसे गाय का वच्छा। वष्कयणी १ काक | मन्दिरं, -- | बकविणो । वष्कयनी बकयिनी, १ (स्त्री०) गै जिसका बच्छा बड़ा हो । २ गौ जिसके कई एक बच्चे हों। वस्तः (पु० ) बकरा |--क:, ( पु० ) साल वृष । बहल ( बि० ) अत्यधिक विपुल प्रचुर बड़ा ।
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