पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५८७

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प्रास्तावित लाधित ( वि० ) : वामारी हुआ छूटने पर कुछ कुछ प्रासवल । रोवाला । द्रोह प्रौध प्रोल्लखनम् ( न० ) छीलना | चिन्ह करना । प्रोषित ( ० ० ) यात्रा के लिये विदेश गया हुआ। विदेशवासी पति के विदेश नायिका | प्रोटः ) ( पु० ) १ प्रौटः ) का ( ico ) रोग । सव ( वि० ) १ तैरता हुआ कूदता हुआ उड़लता हुआ । अनुपस्थित :- -भर्तृका (स्त्री० ) ! लवः (पु०) १ तैरना | उतरामा | २ जल की बाढ़ । ३ गमन से दुखी स्त्री बिरहिनी चुलाँग | कुलाँच | ४ वेड़ा घरनई | नाव | छोटी नाव | ५ मेदक ६ बंदर | ७ उतार । ढाल शत्रु १ भेद १० चाण्डाल | ११ मछली पकड़ने का जाल १२ वट वृत्त । १३ कारण्डव पक्षी (पु० ) १ वंदर | २ मेंढक । ३ जल का पक्षी विशेष | ४ शिरीष वृह २ सूर्य के सारधी का नाम ६ कन्याराशि - गतिः, (पु० ) मेदक । अवकः ( पु० ) १ मेड़क २ कूदने वाला रस्से पर नाचने वाला नट | ३ पाकर वृक्ष ४ पतित | चाण्डाल । ५ बंदर । बैल | साँड़ | २ तिपाई | काठ स्टूल ३ एक प्रकार की मछली । -पः ( पु० ) भाद्रपद भादों का महीना। --पदा (स्त्री) पूर्वाभाद्रपदा और उत्तराभाद्र- पदा नपत्र | } { वि० ) बहस करने वाला | मोहः ) ( पु० ) १ तर्क । न्याय | २ हाथी का पैर प्रौदः ३ गाँठ जोड़ I सोहन् ( पु० ) वह स्थान जहाँ से सरस्वती नदी निकलती है। प्रौद्ध: ( खो०] ) बालगी। पूर्णवयस्कता । २ प्रॉढिः बाद बढ़ती ३ बढ़ाई। बडप्पन उचता। शान | ४ साहस। ५ अभिमान | आत्मनिर्भरता | 1- ६ उद्योग उत्साह - वादः (पु० ) चटकीला भड़कीला भाषण |२ साहस से भरा बयान या अयंगः ( पु० ) १ लंगूर | वानर | प्रौढ अभिमानी । प्रोढ } (वि० ) 2 पूर्ण वृद्धि को प्राप्त। पका हुआ। पूर्ण।२ जिसकी युवावस्था समाप्ति पर हो || सवङ्गः ) पाकर वृक्ष | ३ गावा। धना । सतेज | सारवान | ४ विशाल । सवंगमः सबल। बलबान । २डन । प्रचण्ड | इसाहसी । ७ लवङ्गमः } (5० ) १ वावर १ २ मेंढक । सवनं ( म० ) १ तैरना । २ स्नान | अवगाह स्नान | ३ उछाल | छलाँग | फलाँग । ५ अललावन | जल- प्रलय ६ नीची ज़मीन । हवाका ( खी० ) बेड़ा। घरनई। लविक (वि० ) मझाह | माझी | प्लात्तं ( न० ) पूण वृक्ष के फल | प्रौढा ( श्री० ) अधिक उग्रवाली स्त्री । ३० से ५० या ५१ वर्ष तक की दयस वाली स्त्री प्रौढा मानी गयी है।-अङ्गना, ( श्री० ) साहसिन स्त्री । - उकि, (स्त्री० ) साहसपूर्ण कथन - प्रताप | ( वि० ) यहा शक्तिवान् | - यौधन, (वि० ) ढलती जवानी का । प्लावः (पु० ) १ बाद ( जल की ) । २ तरल पदार्थ का ( जिससे उसमें मैल न रह जाय।) सावनं ( न० ) इस्नान | मार्जन २जल की वाद । ३ उतराता हुआ । २ जाता. - समुद्रषाचका ( स्त्री० ) सरस्वती नदी का नामान्तर । - तीर्थ, ( न० ) - राजू, २ मृग | ३ जलप्रलय । प्लाषित ( च० कृ० ) : तैराया हुआ । उमड़ कर वहा हुआ। जल की बाद में डूबा हुआ। ३ नम | गोलर जल से छिड़का हुआ ४ ढका हुआ। कथन । प्रौष (वि०) चतुर। विद्वान | निपुण । सिंहू (धा० श्रारम० ) ( प्लेहते) जाना । ततः ( पु० ) १ वट वृक्ष | २ पाकर वृक्ष | ३ पुराणा- | सी (धा० परस्मैं० ) (प्लीनाति । जान | नुसार सात द्वीपों में से एक | ३ खिड़की-सीहन् ( पु० ) तिल्ली। वरवट लरक। -उदरं, ( न० ) तिल्ली की वृद्धि-उदरिन (वि० ) वह पुरुष जो तिल्ली की वृद्धि से पीड़ित हो ।