पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५६७

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प्रशस्वरी शवरी ( ० ) नदी प्रम ( पु० ) १ मन्ति • शमन उपथम । ३ 1 नाश । ध्यस ४ अवसान अन्त विनाथ । २ निवृत्ति । प्रशमन (वि० ) [ श्री. प्रणमनो ] शान्त करने वाला । प्रशमनं ( न० ) शमन । शान्ति १२ दाशन। प्रशथिल (चि० ) बहुत ढीला | ध्वंसन | ३ मारय वध | ४ प्रतिपादन | २ वश | प्रशिष्यः (पु० ) शिष्य का शिष्य करण। स्थिरकरण | 4 प्रशामिन ( ० ० ) १ शान्त | उपशमित । २ चुका हुआ अधाया हुआ तुस २ प्रायश्चित्त द्वारा शुद्ध किया हुआ प्रशस्त (व कृ० ) १ प्रशंन्या किया हुआ प्रशंस नीय ३ श्रेष्ठ सर्वोत्तम कृतकृत्य | सुखी। शुभद्रिः (पु० ) एक पर्वत का नाम - शदः, (पु० ) एक प्राचीन आचार्य | इन्होंने वैशेषिक दर्शन पर पदार्थ धर्मसंग्रह नामक एक ग्रन्थ लिखा था, जो अब तक मिलता है। प्रशस्तिः ( स्त्री० ) १ प्रशंसा विरुदावली २ वर्णन | ३ प्रशंसा में रची हुई कविता ४ श्रेष्ठता | उता २ आशीर्वाचन ६ आदेश | प्रशस्य ( वि० ) प्रशंसा के योग्य प्रशंसनीय उत्तम 1 1 प्रस्तरणं ( ऋ० ) २ प्रस्तरखा (स्त्री०) ) प्रसत प्रशान्ति ( स्त्री० ) शान्सि । स्थिरता मणाम ( पु० ) १ शान्ति स्थिरता २ तृप्ति मशुद्धि: ( श्री० ) स्वच्छता पवित्रता | प्रशोपः ( पु० ) सूखना सूख जाना। प्रयोतनम् (न०) छिड़काव प्रश्नः ( पु० ) १ सवाल २ अनुसन्धान तहकी- फात । ३ विवाद प्रस्त विषय ४ शंकगणित का हल करने के लिये कोई सवाल | भविष्य सम्बन्धी जिज्ञासा | ६ किसी अन्य का कोई छोटा अध्याय -उपनिषद् ( न० ) एक उपनिषद् विशेष जिसमें ६ यक्ष और उनके छः उत्तर हैं। इतिः (श्री० ) पहेली दूती ( श्री० ) | प्रश्रथः ( पु० ) ढीलापन प्रश्रयः श्रेष्ठ ( पु० ) ): विनय | नम्रता । शिक्षता प्रध्यणम् (न० ) १२ प्रेम । स्नेह | सम्मान | प्रश्रित ( द० कृ० ) विनम्र । विनीत । शिष्ट | प्रशाख ( वि० ) १ अनेक सघन या विस्तारित | प्रश्लिड (व० ऋ० ) उमेठा हुआ । २ युक्तियुक्त । प्रलय (वि० ) १ बहुत ढीला | २ उत्साहहीन । शाखाओं बाळा । २ गर्भपिण्ड की पाँचबी अवस्था प्रश्लेषः ( पु० ) १ घनिष्ट संसर्ग | २ सन्धि होने में जब उसमें हाथ पैर वन चुकते हैं। प्रशाखा (स्त्री० ) छोटी ढाली या टहनी । प्रशासिका ( श्री० ) छोटी डाली या टहनी । स्वरों का परस्पर मिल जाना। १ सेज शय्या २ आसन । बैठकी। प्रशांत ) (व० ० ) १ स्थिर | अचंचल । २ ग्राम्स प्रशान्त ) निश्चल वृत्ति वाला ३ चश में किया हुआ। दमन किया हुआ | ४ समाप्त खत्म ५ मृत सरा हुआ-आमन्, (वि० ) शान्य चित्त । -ऊर्ज, (४ि० ) निर्बत किया हुआ। पैरों पदा हुआ।~-चेश, (वि० ) काम धंधा छोड़े हुए - वाघ, ( वि० ) वह जिसकी समस्त बाधाएँ दूर हो चुकी हों। " ३ अवसान | प्रशासनं ( न० ) १ हुकूमत करना शासन करना | २ हुकूमत शासन | ३ हुकुमदेना। प्रशास्त्र (पु० ) राजा शासक सूबेदार प्रश्वासः ( पु० ) मथने से बाहिर आयी हुई साँस । वायु के जथने से निकलने को किया। प्र (वि० ) १ सामने खड़ा होने वाला २ प्रधान । मुख्य अगुणा नेता -वाह, ( 50 ) जवान बैल, जिसे हल जोतने का अभ्यास कराया जाता हो। प्रसू ( घा० श्रात्म० ) [ प्रस, प्रस्य, प्रस्यते] 1 बचा पैदा करना । २ फैलाना पसारना। व्याप्त करना । यड़ाना । प्रसक ( व० ० ) : सम्बन्ध युक्त चटका हुआ। २ अत्यन्त आसक ३ समीप | ४ सतत ५ प्राप्त उपलब्ध |