पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५६

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अनूढा ( ४६ ) अनाकशायिन् धनूढा (स्त्री० ) वारी । अविवाहिता । --भ्रातृ | अमृतुः (पु० ) अनुचित समय | बेठीक वक्त - ( पु० ) १ अविवाहिता स्त्री का भाई । २ राजा को रखेल का भाई। कन्या (स्त्री० ) लड़की जिसको रजस्वलाधर्म न हुआ हो। अनूदकम् ( न० ) जलाभाव | सूखा । अनावृष्टि | प्रदेश: (पु० ) अलङ्कार विशेष | अनून ( वि० ) । १ अस्वल्प । श्रेष्ठ | अभावशून्य २ पूर्ण समस्त समूचा। बड़ा बहुत अनूप ( वि० ) जलप्राय | अधिक जल वाला। दलदल बाला :-जं (अनूपजन) (न०) १ नम | तर | २ अदरक । चादी । प्राय (वि० ) दलदल 7 वाला । अनूपः ( पु० ) अधिक जल वाला देश २ देश विशेष का नाम । अनूपाः बहुवचन दलदल । ३ जलाशय तालाय ४ ( नदी ) तद । (पर्वत) पार्श्व । ५ भैसा ६ मँडफ ७ तीतर विशेष हाथी अनूरु (वि० ) जंबा रहित । अनु (पु०) सूर्य के सारथि अरुण देव उपःकाल । भोर तबका। अनूर्जित (वि० ) अदद नामजबूत नियंत सामर्थ्यहीन २ गर्वरद्दित । मुग्धवोध । अमृद्ध (चि० ) जो सीधा न हो। टेवा । ( आ. ) दुष्ट येईमान बुरा। अनृण (वि० ) जो कर्तदार न हो । जिसके ऊपर ऋषियों, देवों एवं पितरों का कण न हो। वदनं, भाषणं, बोलना । असत्य बोलना ।--वादिन-वाच् (वि ) झूठा ( -व्रत (वि० ) ओ अपना अत झूठा सिद्ध करे। - अनृतम् (म० ) १ झूठ दसा धोखा २ कृषि | अनेक (वि० ) : एक नहीं | एक से अधिक । कई एक | भिन्न भिन्न | २ वियुक्त। विभाजित । अनेकधा ( धन्यवा० ) अनेक प्रकार से । अनेकशः (अन्य ) 8 कई बार बहुत बार अक्सर । बहुधा २ अनेक प्रकार से बहुत तरह से। ३ बहुत बड़ी संख्या में बड़ी तादाद में । बड़े परिमाण में । बड़ी मिकदार में । अनेकान्त (वि० ) अनियत । अनिश्चित जो एक रूप न हो। जिसके विषय में कुछ निश्चय न हो ! [ जैनदर्शन | 1 चञ्चल । अनेकान्तवादः (पु० ) स्यादवाद। आईतदर्शन। अनेकान्तवादी (वि० ) बौद्ध | जैनविशेष | सात पदार्थों को मानने वाले नास्तिक विशेष । अनूपर (वि.) लोना । ऊसर 1- नेहस ने अनेइसौ(बी० ) अनुच् } (दि० ) विना ऋचा का । जो ऋग्वेदन | अनैकान्त (वि०) अनिश्चित । चञ्चन। अस्थिर। परि- अव पड़ा हो या न जानता है। यज्ञोपवीत न होने के कारण जिसे वेदाध्ययन का अधिकार न हो। । वर्तनीय कभी कभी नैमित्तिक । बीच बीच में अनैकान्तिक (चि० ) [ खो०- अनैकान्तिकी ] प्रभावः । चञ्चल अस्थिर । २ न्याय में हेत्वाभास के पांच प्रकारों में से एक [ इसके तीन भेद हैं। यथा साधारण । असाधारण । अनुपसंहारी । सम्यभिचार । ] म् (म० ) एकता का अभाव बहुतायत २ ऐक्य का अभाव। गड़बबी। दुर्व्यवस्था | अनैतिहाम् (न० ) परम्परागत पद्धति के विरुद्ध । अ ( अव्यया० ) नहीं । न । मनोकशायिन् ( पु० ) [ श्री० --अनेोकशायी ] घर में न सोने वाला । भिक्षुक | अमृत ( वि० ) झूठा। व्याख्यानं ( न० ) झूठ व्यनेड: (वि० ) मूर्ख आदमी। अनाड़ी आदमी - मूक ( वि० ) १ गूंगा बहरा २ अँधा । ३ बेईमान ४ दुष्ट | अनेनस् (वि० ) पापरहित । कलङ्कशून्य ( go ) }}₁ समय काल वक्त ✔ सं० श० कौ