प्रणिनाद ( 13k ) प्रति नौकर चाकर। अली १ विनयी । प्रार्थना । प्रतपनं ( न० ) तपाना । तस करना ! याचना । प्रतम ( व० ऋ० ) १ सर्माण हुआ १२ उत्सुक २ मणिनादः (पु० ) उच्चस्वर | उतरना | पार जाना। तिनं ( न० ) ) प्रथाम । ड्रडवत | नमस्कार । प्रणिपातः ( पु० ) ) चरणों में सिर भवाना /- रसः, ( पु० ) आयुधों पर पट्टा जाने वाला मंत्र विशेष । | मन्तप्त सताया हुआ। पीड़ित प्रतर्कः ( पु० ) ) ६ अनुमान | नयाल । २ बाद- प्रतरः (५०) पार होना प्रतर्कएं ( ० ) 5 विवाद | प्रतजं (२०) सप्त अधोलोकों में से एक प्रततः ( पु० ) हाथ की हथेली । प्रतान: ( पु० ) १ अङ्कुर | कुआ | कोंपल | २ लता चेल ३ बहुशाँखस्य | पल्लवित होना! ४ रोग विशेष जिसमें मू आती है। प्रतानिन् (वि० ) १ फैलने वाला | २ अँकुओं या फॉपल वाला। प्रतानिती (स्त्री- ) खूप फैलने वाली लता या वेल प्रतापः ( पु० ) उध्यता । गर्मी २ ताप ३ चमक | आभा | ४ गौरव ५ साइस। दीरता | ६ जीवट पराक्रम | ७ | प्रतापन (वि० ) १ गर्माना । पोड़न करना | प्रतापनं (न० ) १ जलन | उभ्यता । गर्मी ताप २ पीड़ा | सन्ताप | दण्डविधान | प्रतापनः (पु० ) एक नरक का नाम कुम्भीपाक नरक : २ विष्णु भगवान का नाम । प्रतापवत् ( वि० ) १ महिमान्वित | गौरवान्वित | २ पराक्रमी विक्रमी | बज्रवान् । बली । ( पु० ) प्राप्त । पेश | प्रणिति ( च० कृ० ) ३ स्थापित लगाया हुआ २ सौपा हुआर ६ फैलाया हुआ। बढ़ाया हुआ। पसारा हुआ। ४ जमा किया हुआ | २ लवलीन | ६ प्रति निर्यात ७ सावधान उपलब्ध ६ जासूसी किया हुआ। प्रणीत ( ३० कृ० ) उपस्थित किया हुआ किया हुआ | सामने रखा हुआ । २ सौंपा हुआ। दिया हुआ भेंट किया हुआ। ३ लाया हुआ। ४ तैयार किया हुआ बनाया हुआ । २ सिख लाया हुआ। ६ फैका हुआ निकाला हुआ। प्रणीतः ( पु० ) मंत्रों से संस्कृत किया हुआ यज्ञाग्नि) | प्रतिं ( न० ) अच्छी तरह पकाया या बनाया हुआ : कोई पदार्थ । . प्राप्त ( च० कृ० ) 1 निकाला हुआ। भगाया हुआ। २ भदकाया हुआ | चौकाया हुआ। दराया हुआ। प्रसुन्न ( ३० कृ० ) १ भगाया हुआ । २ चलाया हुआ। ३ भड़का हुआ। ४ कौंपता हुआ। प्रये (पु०) १ नेता सृष्टिकर्ता बनाने वाला ३ किसी सिद्धान्त का प्रचारक आचार्य प्रण- यनकर्ता । अन्थरचयिता । 1 मोय ( वि० ) १ आज्ञाकारी अधीन बशयत । २ किये जाने को पूरा किये जाने को 12 निश्चय करने को तैकरने को । 1 प्रयोदः ( १० ) १हकांना । २ सुझाना | प्रतत (व० ० ) छाया हुआ । ढका हुआ । २ तना हुआ। [ वेल | प्रततिः ( स्त्री० ) १ विस्तार | फैलाब १२ लता । प्रतन (वि० ) [ स्त्री० - प्रतनी ] प्राचीन पुराना प्रतनु (वि० ) [ स्त्री० --प्रतनु या प्रतन्वी] १ क्षीण दुवला । २ बारीक सूचम ३ बहुत छोटा १४ तुच्छ। शिव का नामान्तर | प्रतारः (पु० ) पार से जाना १२ वञ्चना ठगी धोखेबाज़ी| उगी | | प्रतारणम् ( ० ) पार करना । २ छलना । प्रतारकः ( पु० ) १ बक्षक ढंग धूर्त धोखा देना। उगना | प्रतारणा ( स्त्री० ) छल । धोखा | उगी। बदमाशी चालबाजी। दम्भ | प्रतारित ( वि० ) छला हुआ। ठगा हुआ। प्रति ( अव्यया० ) एक उपसर्ग जो शब्दों के पूर्व लगाया जाता है और निम्न अर्थ देता है। विरुद्ध विपरीत २ सामने ३ बदले में 18 हर एक एक एक ५ समान सदश । ६ जोड़ का मुकाबले का ७ सामने मुकाबले में म 1 1 1
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