अनुवेश अनुष्णम् १ अनुसरण | पीछे प्रवेश करना | | अनुशिष्टि: (स्त्री०) श्रादेश। शिक्षण | निर्देश । आज्ञा विचार पूर्वक कर्तव्याकर्तव्य का निरूपण | पु०) ईका विवाह । } (न० ) गौण क्षक्षण ॥ अनशोकः ( पु० ) ) शोक | पछतावा | दुःख । ( पु० ) १ चोट | छेदन | धन | | अनुशोचनम् ( न० ) ) खेद | २ संभोग। मिलन | ३ भुकन | ४ रोक | अनुश्रवः ( पु० ) गुरु परम्परा से उच्चारित। जो केवल सुना जाय। वेद । १ पुनरावृत्ति | पुनः पुनः उच्चारण । २ शाप | अकोसा। (न०) ) घर आये हुए शिष्ट पुरुषों के जाने बी०) ) के समय, कुछ दूर तक उनको के लिये जाना । शिष्टाचारविशेष । पीछे जाना । ० ) भक्त | भक्तिमान् | अनुरक्त अनु- 1 वि० ) सौ के साथ या सौ में खरीदा वि० ) सुब्ध | दुःखी । ( स्त्री० ) परकीया नायिका का एक भेद । अपने प्रिय के मिलने के स्थान के नष्ट दुःखी हो । वि० ) १ भक्ति के कारण अनुरागी । निष्ठ ।२ पश्चात्ताप करने वाला। ० ) १ पश्चात्ताप परिताप । दुःख भारी वैर घोर शत्रता। महाक्रोध । ३ अनुषङ्गिक (वि० ) सहभावी। सहवर्ती सम्बन्धी । 'निष्ट सम्बन्ध । घनिष्ट अनुराग ४ किसी | अनपेंगिन् } ( वि० ) १ सम्बन्ध युक्त | सम्बन्धी । खरीदने के बाद का क्षोभ | २ अनुष हुआ । चिपका हुआ । २ ज्याप्त । अनुषेक (पु०) पानी से बार बार तर करना। अनुसेचनम् ) ( न० ) सींचना | राम । एक घृणोत्पादक | १० ) राक्षस । ( वि०) निर्देशक । शासन करने वाला। आशा देने वाला राज्य का प्रबन्ध करने उपदेष्टा । शिक्षक। देश था वाला अनुशीलनम् ( म० ) बार बार देखना। आलोचन अध्ययन विशेष । ( ( न० ) १ उपदेश । शिक्षा आज्ञा । आदेश व्याख्यान | विवरण | २ महा- एक पर्व । अनुष्क (व० ० ) १ सम्बन्धित | चिपका हुआ। सटा हुआ । अनुषङ्ग ( पु० ) १ अतिनिकट सम्बन्ध या विद्यमानता 1 सम्बन्ध | मेल । संघ | २ एकीभाव | संहति । ३ एक शब्द का दूसरे शब्द से सम्बन्ध | ४ निश्चित परिणाम | ५ दया | करुणा । ६ प्रसङ्ग से एक बाक्य के आगे और वाक्य लगा लेना । ७ (न्याय में ) उपनयन के अर्थ को निगमन में ले जाकर घटाना । अनुष्टुतिः ( स्त्री० ) स्तुति प्रशंसा । ( यथाक्रम ) । अनुष्टुभू] ( स्त्री० ) १ प्रशंसा से पूर्ण वाणी। २ सरस्वती । ३ चार पाद का एक छन्द विशेष | इसके प्रत्येक पाठ में चार अन्तर होते हैं। अनुष्ठाव अनुष्ठायिन (चि० ) करते हुए । बनाते हुए। अनुष्ठानम् (न०) किसी क्रिया का प्रारम्भ शास्त्र विहित किसी कर्म को नियम पूर्वक करना। प्रयोग | पुरश्चरण | अनुष्ठापनम् (म० ) कोई काम करवाना। अनुष्य ( वि० ) १ जो गर्म न हो। ठंडा २ सुस्त काहिल । निरपेक्ष | अनुष्णः (पु०) ठंडा | शीतज्ञ । अनुष्यम् (न० ) नीलकमल । उत्पक्ष ।
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५४
दिखावट