पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५३९

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( ५३२ ) प्र.. मचल ( वि० ) १ थरथराता हुआ । काँपता हुआ || प्रच्छ ( धा० पर० ) [ पृच्छति, पृष्ठ (निजन्त २ प्रचलित रिवाज़ के मुताविक । प्रच्छयति ] पूछना। प्रश्न करना । सवाल 1 मचलाकः ( पु० ) १ तीरंदाज़ी | २ मयूर की पूछ । २ सर्प । सौंप । करना । दर्याप्त करना । २ तलाश करना खोजना | ढूंढना | 1 प्रचलाकिन (पु० ) मयूर मोर मजावित ( वि० ) लुढ़कने वाला उचलने वाला प्रचलायितम् (न०) सिर हिलाना । प्रचायिका ( स्त्री० ) १ बारी बारी से फूल चुनने वाला | २ मालिन । प्रच्छदः (पु० ) आच्छादन | परदा चादर पलंग पोश । पलंग की चाइर–पटः, (पु० : पलंग की चादर चाँदनी । प्रयल Zचारः (पु० ) १ चलने वाला | २ भ्रमणकारी । ३ प्रत्यक्ष होना । दृष्टिगोचर होना | ४ चलन रिवाज़ | किसी वस्तु का निरन्तर व्यवहार या उपयोग | ५ चालचलन चरण ६ रीतिरस्म नेग। ७ क्रीड़ास्थली । अखाड़ा । चरागाह । ६ पथ । मार्ग रास्ता | प्रचालः ( पु० ) वीणा का एक भाग विशेष । प्रचालनम् ( न० ) भली भाँति गड्ढबड्ड करना । हिलाना डुलाना । प्रचित ( व० ऋ० ) १ एकत्रित किया हुआ | संग्रह किया हुआ | तोड़ा हुया । २ जमा किया हुआ | ३ ढका हुआ भरा हुआ। प्रचुर (वि० ) १ बहुत अधिक विपुल | २ बड़ा | दीर्घ विस्तृत ३ वाहुल्यता से सम्पन्न - पुरुष, ( वि० ) आबाद | बसा हुआ १-पुरुषः, ( पु० ) चोर : प्रचुरः ( पु० ) चोर । प्रचेतस् ( पु० ) १ वरुण का नामान्तर एक प्राचीन ऋषि जो स्मृतिकार भी थे। प्रचेतृ ( पु० ) सारथी । रथ हाँकने वाला। केोचवान | श्चेलं ( न० ) पीला चन्दन काष्ठ । प्रचेलकः ( पु० ) घोड़ा। चश्व । प्रचोदनम् ( न० ) १ अनुरोध | प्रेरणा २ प्रवृत्ति | साजिश । आज्ञा । आदेश। ४ नियम । उत्तेजन । कायदा क़ानून । । स्वोदित ( ३० कृ० ) १ प्रेरित । उत्तेजित | प्रवर्तित ३ प्राप्त । निर्देश दिया हुआ । निर्दिष्ट | ४ प्रेषित। भेजा हुआ । निश्चय किया हुआ । अनुसन्धान । जिज्ञासा | प्रश्न | प्रच्चनं (२०) प्रच्छना (स्त्री०) । सवाल | प्रच्छन्न ( च० कृ० ) १ छिपा हुआ | परवेष्ठित वस्त्रा छादित । कपड़े से लपेटा हुआ । गोप्य | निजी । दुराव करने योग्य | छिपा हुआ । प्रच्छन्नं ( धन्यया० ) चुपके चुपके । चोरी से | तस्कर, (पु० ) ऐसा चोर जो चोरी करते कभी देखा न गया हो, किन्तु चोरी अवश्य करता हो । प्रच्र्दनम् ( न० ) १ वमन | रेचन । प्रच्चदिका ( स्त्री० ) वमन । कै । प्रच्छादनम् ( न० ) १ ढकना । छिपाना | २ कपड़ों के ऊपर पहनने का वस्त्र विशेष - पटः, ( पु० ) चादर उड़ौना। प्रच्छादित ( व० कृ० ) १ ढका हुआ । थोड़े हुए। वस्त्राच्छादित । छिपा हुआ। प्रच्छायं ( न० ) सघन छाया | छायादार स्थान । प्रच्छिल (वि०) निर्जल । सूखा मध्यवः (पु० ) अधःपात नाश बरबादी | २ वापिसी । प्रध्यवतम् ( न० ) १ प्रस्थान | पलायन । पीछे की ओर हटाव । २ हानि | अभाव | ३ चरण | टप- कना चूना । प्रच्युत (व० कृ०) १ झड़ा हुआ। टूटकर गिरा हुआ। २ अपने स्थान से हटा हुआ । ३ स्थानच्युत अध:पतित । ४ भगाया हुआ हटाया हुआ । प्रच्युतिः ( स्त्री० ) १ अपने स्थान से गिरने या हटने का भावा । २ हानि अभाव । अधःपात ३ बरबादी | नाश । प्रजः ( पु० ) पति । शौहर ।