पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५३२

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पाढ़ी आख्ता | ग्रस्सी बचिया ३ रानी। पोटी (स्त्री० ) बढ़ा घड़ियाल 1 पांडलिका ) ( स्त्री० ) पुरिया पोटरी पैकट | पोली पारसल गट्ठा गट्ठर पोतः ( पु० ) किसी भी जानवर का नर । २ दस वर्ष की उम्र का हाथी ३ नाय | वेड़ा : जहा 8 वस्त्र | कपड़ा वृक्ष का आ ६ वह स्थल जहाँ घर हो । खाद(०) तंबू । कनात ! -आाधानं (व० बोटी मी का यथा-धारिन, (पु० ) जहाज़ का मालिक !-~-भङ्गः, (पु० ) जहाड़ का डूबना - रक्षः, (५० ) गाव का डाँड़ :- वणिज, ( पु० ) व्यापारी जो समुद्र मार्ग से गमनागमन कर व्यापार करे --वाहः, ( पु० ) माझी. मल्लाह | केवट | - पोतकः ( 50 ) १ जानवर का यथा २ छोटा ३ वह भूखण्ड जिस पर घर बना हो । पोतासः ( पु० ) कपूर । पनिस्क, पनिरुत्य चौंक (वि० ) पालन पोपण कसा खिलाने पोष्ट 5 पिलाने वाला । ( पु० ) पालने पोसने वाला रक्षक | पोप्य (०)पालमीय | पाखने योग्य २ प्रकार पाला पोसा हुआ पुनः पुनः 13०) इसक या गोद लिया हुआ --- वर्गः (पु०) माता, पिता गुरु, पुत्र, पत्नी, सन्तान, अभ्यागत और शरणागत "योध्यवर्ग में हैं। पौलीय (वि० ) | स्त्री०-पौधलीया ] वेश्या पल्लां (न० ) वेश्यापन | कुजटापन । सम्बन्धी | पौंसवनं (न० ) देखो -"पुंसवन" । पोस्त (वि० ) [ स्त्री० - पौंस्नी ] मानव योग्य पौरनं (न० ) मनुष्यता | मर्दानगी २ मानवता | मर्दानगी ! पोगण्ड ) } [ स्त्री० - पौगराडी ] लड़कपन पौगंड पतृ ( ० ) यज्ञ कराने वाले सोलह ब्राह्मणों में से एक जिसको याशिक भाषा में "ब्रह्मन" कहते हैं। पोत्या ( स्त्री० ) नावों का समूह | प्रायुधः ( पु० ) शूकर सुअर पोत्रिन्] ( पु०) शूकर सुधर पोलः (पु० ) १ र २ आयतन | थाकार | पोलिका पोली पोलिंद: } { स्त्री० ) गेहूँ के आटे की पूर्वी । पोलिन्दः } (पु० ) जहाज़ का मलूळ । परवरिश | यो ( न० ) सुअर का थूथन या खाँग ३ नाव अहाह ४ हल की फाल २ वन || पौत ( न० ) एक माँप | वस्त्र ६ यज्ञपात्र विशेष जो पोत नामक याजक के पास रहता है। पोता नामक याजक का पद - 1 पोषः (पु० ) पालन पोषण पोषयितुः (पु० ) कोमल पोशिद (वि०) पालन पोषण करने वाला | पौगंड ) ( म० ) लड़कपन । ( पाँच से सोलह पोगण्डन् । वर्ष तक की अवस्था () पौंडू: १ ( पु० ) एक देश का नाम | २ उस देश पौराहू:) के राजा या वाशिंदे का नाम । ३ गया या ईस विशेष ४ माथे पर का तिलक । १ भीम के शत्रु का नाम पौंडूकः ) (१०) पौंदा। गफा २ वर्णसङ्कर जाति पोकः । विशेष | खिलाने वाला परवरिश करने वाला रचक पौत्तिक (न० ) एक प्रकार का शहद पौत्र (वि० ) [ स्त्री० --पौत्री ] पुत्र सम्बन्धी या पुत्र से निकला हुआ | पौः (०) पुत्र का पुत्र | नाती पोता । पौत्री (स्त्री० ) नातिन | पोती पौषिकेयः (पु० ) लड़की का लड़का जो अपने नाना की सम्पत्ति का उतराधिकारी हो । पौनःपुनिक (वि०) [ स्त्री०- पौनःपुननिकी ] बार बार होने वाला। अक्सर दुहराया हुआ। पौनःपुन्यं ( न० ) प्रायः या सदैव पुनरावृत्त । (पु० ) ) ( न० ) 1 बारबार दुहराने की किया। पौनरुक्त्यं । २ व्यर्थया। फालतूपना।