पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५३१

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पशि पेणी - पनि ) ( स्ना० ) १ गोश्तका माँसखर २ मॉम का गला या पिड ३ अथा। ४ रंग पट्टा १५ गर्भाशन हान के कुछ ! ही दिनों बाद का कथा गर्मपिण्ड | ६ सिलने वाली कली ( पु० ) का एक प्रकार का बाजा - कोशः- कोपः, (पु० ) पक्षी का अंदा पेषः (पु० ) पसीना। कृटना | कुवरना । पेणं ( ० ) १ पसीना । चूर करना | २ खलि रान में यह जगह जहाँ दौंप चलाई जाती है। ३ सल और लोड़ा कोई भी छूटने पीसने का यंत्र | ( २२४ ) पेपणिः (स्त्री) (e) चक्की का पाट सिल लोदा पैपाकः ( पु० 1 येस्वर (वि० ) १ गमनकारी । २ नाशकारी | पै ( धा० पर० ) ( पायति ) सुखाना | कुम्हलाना। } ( पु० ) यास्क का नाम विशेष पैठीनसिः (पु० ) एक प्राचीन ऋषि का नाम । पेंडिक्यं, पेण्डिक्यम } ( श० ) भिखारीपमा । पैतामह ( वि० ) [ श्री० --पैतामही ] बाया सम्बन्धी पितामह या बाया से प्राप्त 1 पैतामहाः (पु० बहु० ) पुरखा पूर्वरुप पैतामहिक (वि० ) [ स्त्री०- पैतामहिको ] पिता- मह सम्बन्धी |

I [1] पैतृक (वि० ) [ सी० पैतृकी ] : पिता सम्बन्धी | २ पुश्तैनी परंपरागत प्राप्त । ३ पितरों का पैतृकं ( न० ) पुरुखों का आजू फर्म | चैतृमत्यः ( पु० ) १ कानीन । अविवाहिता स्त्री का पुत्र २ किसी प्रसिद्धपुरुष का पुत्र । पैतृष्वसेगः पेतृप्यत्रीय: } { पु० } चाची या काकी का पुष। पाठा ऐस (वि० ) [ श्री० पैती ऐत्तिक ( च० )[ श्री० पेत्तिकी 1 ) सम्बन्धी पैशाया ( पु० ) १ आठ प्रकार के विवाहों में से श्रावों या निकृष्ट श्रेणी का विवाह । २ एक प्रकार का पिशाच वा राक्षस वैशाचिक (वि०) : नारकीय | २ शैतानी | राणसी। | पेशाची ( श्री० ) १ किसी धार्मिक विधान के समय बनाया हुआ नैवेद्य २ रात | ३ एक प्रकार की निकृष्ट प्राकृत बोली । पैशुनं ) ( न० ) १ चुगली पीठ पीछे निन्दा पैशुन्यम् २ गुढई। बदमाशी | ३ दुष्टता | पैर (दि० ) [ श्री०- पेष्टी] भाव या पिठी का बना हुआ । पैजूयः २ ( पु० ) कर्म । कान पैन् । 0 पैटर (वि० ) [ की० --पैठरी ] किसी पात्र में पैटिक (वि० ) [ स्वी० - पैटिकी ] आटा या पिठी उथाला हुआ। का बना हुआ । पैटिकम् ( म० ) १ कचौड़ियाँ | २ अनाज से खींची हुई मदिरा पैथी (स्त्री० ) धनाज को सड़ाकर बनाया हुआ मद्य | पोगंड २ (वि० ) १ पाँच से सोलह वर्ष तक की पोगण्ड व्यवस्था का २ वह जिसका कोई अंग कम या विकृत हो । भाँदा भद्दा | बदशक | पण का पै (वि० ) [ सी-पैथी ] १ पैतृक | पुश्तैनी | २ पितरों का मैत्रम् (न० ) तर्जदी और अँगूठे के बीच का स्थान | पैलव (वि० ) [ स्त्री०- दैवी ] पिला की लकड़ी पित्त का बना हुआ | पेश (०) नाता| नरमी । कोसलता । पैशाच (वि० ) [ स्त्री०-- पैशाची ] वैशाचिक नारकीय | पोगंडः, पोगराड: ( पु० ) पाचवीं से सोखहवीं वर्ष तक के भीतर का बालक। घोटकः (पु०) नौकर { पोट: ( पु० ) घर की नीव गालः, ( पु० ) · एक प्रकार का नरकुल २ काँस | ३ मही विशेष | पोटा (स्त्री० ) १ मरदानी औरत मर्दों के चिन्ह ३ डाड़ी मूछ आदि रखने वाली स्त्री ३ हिजड़ा