पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५१

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अनुप्रसादनम् अनुप्रसादनम् (न०) प्रसादन | सोपन दूसरे को सन्तुष्ट या प्रसन्न करने की क्रिया। अनुमाप्तिः । ( स्त्री० ) प्राप्ति । पहुँच। अनुप्लवः (पु० ) अनुयायी | नौकर। सहायक । अनुगामी । अनुप्रासः (पु० ) अलङ्कार विशेष इसमें किसी पद में एक ही अक्षर बार बार प्रयुक्त हो कर उस पद को अलत करता है। वर्णवृत्ति वर्णमैत्री | वर्णाम् । 1 अनुबद्ध ( व० कृ० ) १ बंधा हुआ । गसा हुआ । जकड़ा हुआ। २ यथाक्रम अनुगमन करने वाला। ३ सम्बन्ध युक्त | ४ सतत । लगातार । अनुबंधः ) ( पु० ) बन्धान सम्बन्ध युक्त । २ अनुबन्धः ) एक के बाद एक क्रमागत | ३ परिणाम | फल ४ इरादा उद्देश्य कारण ५ व्याकरण में प्रकृति, प्रत्यय, श्रागम, आदेश यादि में कार्य के लिये जो वर्ण लगा दिये जाते हैं, वे भी अनुबन्ध कहे जाते हैं । ६ माता पिता का अनु- वर्तन करने वाला पुत्र प्रारम्भ किये हुए किसी काम का अनुवर्तन करना | ७ भावी अशुभ परिणाम । फलसाधन । ८ वेदान्त में एक एक विषय का अधिकरण १ बात, कफ, पित्त में जो अप्रधान हो । १० लगाव | श्रागा पीछा । 19 होने वाला शुभ या अशुभ | अनुबंधनं अनुबन्धनम् } (न० ) लगाँव । सम्बन्ध । अनुबंधिन् । ( वि० ) १ सम्बन्धित । लगाव रखने अनुबन्धिन् । बोला । सम्बन्धो परिणाम स्वरूप | २ समृद्धशाली । ३ थवाधित । अनुवन्ध्य ( वि० ) १ मुख्य | प्रधान | २ मारे जाने को मार डालने को। अनुवलं ( न० ) मुख्य सेना की रक्षा के लिये उसके पीछे आने वाला सैन्यदल सहायक सैन्यदल अनुबोधः (पु० ) स्मरण या बोध जो पीछे हो । गन्धोद्दीपन | अनुबोधनम् ( न० ) प्रबोधन । स्मरण । स्मरण शक्ति । अनुमतिः साक्षात् करने से प्राप्त हुआ ज्ञान । परीक्षा द्वारा प्राप्त ज्ञान उपलब्ध ज्ञान | तजरबा | २ परिणाम । फल/- सिद्ध (वि० ) अनुभव या तजरवे से प्रतिपादित । अनुभवः (५०) अनुभावः (पु० ) राजसी चमकदमक । चमक दमक । महिमा | बढ़ाई। शक्ति । अधिकार प्रभाव | सामर्थ्य | निश्चय | २ हृदयम्भित भाव को प्रकाशित करने वाली कटाच रोमाञ्चादि चेष्टा । भावप्रकाश का भाववोधक ३ काव्य में रस के चार अंगों में से एक। वे गुण और क्रियाएं जिनसे रस का बोध हो सके । ४ अनुभाव के १ सात्विक २ कायिक ३ मानसिक और आहार्य चार भेद माने जाते हैं। हाव भी इसीके अन्तर्गत है। अनुभावक ( वि०) द्योतक । निर्देशक । बतलाने बाला। समझाने वाला। ३ अनुभावनम् (न० ) चेष्टाओं द्वारा मानसिक भावों का निर्देश करना अर्थात् बतलाना । अनुभावणं ( न० ) किसी दावे या कथन को दुहरा कर खण्डन करना। खण्डन करने के लिये किसी दावे या कथन को दुहराना। अनुभूतिः ( स्त्री० ) अनुभव | परिज्ञान। आधुनिक न्याय के अनुसार ये चार प्रकार की मानी गयी है । अर्थात् १ प्रत्यक्ष १ २ अनुमिति | ३ उपमिति ४ शब्दबोध | अनुभागः (पु० ) १ वह भूमि जो किसी को किसी काम के बदले माफी में दी जाय । खिदमती । २ सुखभोग विलास | अनुभ्रातृ (पु० ) छोटा भाई । अनुमत (व० कृ ) १ अनुज्ञात स्वीकृत । श्रङ्गी- कृत २ पसंद प्रिय प्यारा । कृपापात्र | | अनुमतम् ( न० ) स्वीकृति | रजामंदी । अनुमति । अनुमतः (पु) अनुरागी। आशिक । अनुशा अनुमतिः ( स्त्री० ) १ आज्ञा । अनुज्ञा | हुक्म | २ पूर्णिमा जिसमें एक कला कम हो। चतुर्दशीयुक्त पुर्णिमा | - पत्र ( न० ) प्रमाणपत्र जिसमें किसी काम की मंजूरी दी गयी हो ।