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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५०

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अनुपतन अनुपतनं (न०) गणित की वैराशिक किया। अनुपातः (50) ) वैराशिक गणित । २ पीछे गिरना । पीछा करना । ३ आनुगुण्य एक अद्भ के साथ दूसरे अङ्ग का सम्बन्ध । अनुपथ (वि० ) मार्ग का अनुसरण अनुपथम् ( क्रि० वि० ) सड़क के साथ साथ । अनुपद (वि० ) १ पीछे पीछे कदम कदम | २ अनन्तर। बाद ही। अनुपपत्तिः (स्त्री०) १ उपपति का श्रभाव | सङ्गति । असिद्धि । २ असम्पन्नता असमर्थता । अनुपम ( वि० ) उपमारहित बेजोड़ सर्वोत्तम । सर्वोकृष्ट अनुपदवी (स्त्री० ) मार्ग सड़क | अनुप (वि०) अनुसरित पीछे लगा हुआ खोजने वाला। तलाश करने वाला जिज्ञासु । अनुपदीना ( स्वी० ) जूता, मोना, खड़ाऊ । अनुपधः ( पु० ) उपधा या उपान्त्य शब्दोश का [जाल साड़ी के । श्रभाव | अनुपधि ( वि० ) प्रयञ्चना रहित । चलवर्जित । विना अनुपातकम् ( न० ) महापातक जैसे चोरी, हत्या, अनुषन्यासः ( पु० ) १ वर्णन न करना | बयान न व्यभिचार आदि । विप्में, इस श्रेणी में, ३२ और मनुस्मृति में ३० प्रकार के पातकों को शामिल किया है। देना | २ सन्देह शक । प्रमाण या निश्चय का अभाव असमाधान | बेनजीर [हथिनी । अनुपमा ( स्त्री० ) नैऋत्य कोण के कुमुद दिग्गज की अनुपमेय ) ( वि० ) येजोड़ | जिसकी तुलना न अनुपमित हो सके। अनुपलब्धिः (खी ३) । अप्राप्ति | न मिलना । अस्वी कृति प्रत्याभिज्ञान। ( सांख्य ) प्रत्याभिज्ञान | अनुपलंभ (पु० ) बोध या अत्यम का अनुपलम्भः अभाव । अतुपवीतिन् ( १० ) जो द्विज यज्ञोपवीत धारण न करे । अनुमसक्तिः अनुपसंहारिन (पु० ) ( न्याय ) हेत्वाभास । अनुपसर्गः ( पु० ) १ शब्दांश जिसमें उपसर्ग न हो । २ उपसर्ग रहित । अनुपशयः ( पु० ) १ कोई वस्तु या अवस्था जो रोग की वृद्धि करे २ रोगज्ञान के पांच विधानों में से एक इससे आहार विहार के बुरे परिणाम से रोगी के रोग का ज्ञान प्राप्त किया जाता है। अनुपस्थानम् ( ० ) गैरहाज़िरी अनुपस्थिति। समीप न होना। अविद्यमानता । अनुपस्थित (वि० ) गैरहाजिर | अविद्यमान | मौजूद नहीं | अनुपस्थितिः ( स्त्री० ) गैरहाज़िरी । अविद्यमानता । अनुपहत ( वि० ) १ चोटिल नहीं २ श्रव्यवहृत | काम में न लाया हुआ। अभ्यस्त | ३ कोरा (जैसा कपड़ा ) । अनुपाख्य (वि० ) जो साफ साफ न देख पड़े । जो साफ़ साफ़ समझ में न आवे । अनुपानम् (न० ) पदार्थ विशेष जो किसी औषध के साथ या ऊपर से खाया जाय। [आज्ञाकारी । अनुपालनम् ( म० ) रखवाली अनुपुरुषः (पु० ) अनुयायी । अनुपूर्व (वि० ) यथाक्रम | सुविभक्त जः (वि० ) पीढ़ी दर पीढ़ी सुरक्षा | ! साख व साख -वत्सा (वि० ) गौ जो नियमित रूप से बच्चे दे। --पूर्वशः, - पूर्वेण ( क्रि० वि० ) - क्रमागत रीति से । 1 समपरिमित | अनुपेत (वि० ) जिसका उपनयन ( यज्ञोपवीत ) संस्कार न हुआ हो। [प्रयोग | अनुप्रयोगः (पु० ) बार बार दुहराना। अतिरिक्त अनुप्रवेशः ( पु० ) दरवाजे के भीतर जाना । किसी के मन के भीतर घुसना मन में स्थान करना । अनुप्रसकिः ( सी० ) १ घनिष्ट प्रेम | प्रगाढ़ अनुराग । २ ( शब्दों का) अत्यन्त घनिष्ट सम्बन्ध |