पलव ( ४ पनवः (पु० ) एक प्रकार का जाल जिससे मछलियाँ पकड़ी जाती हैं। पलांडु पलायडु }( पु० न० ) प्याज़ । ) रस्सा | पलापः ( पु० ) १ हाथी की कनपटी | २ बंधन | [ भाव | पलायनम् (न० ) भागना भागने की क्रिया या पलायित ( च० कृ० ) भागा हुआ । जो छूट कर भाग गया हो। पलाल: ( go ) ) पुआल । भूसी । चोकर - पलालम् (न० ) ) दोहद ( पु० ) ग्राम का वृक्ष पलालिः ( पु० ) माँस का ढेर | पलाश: ( पु० ) एक वृक्ष का नाम जिसका दूसरा नाम किंशुक भी है। ढाक | टेसू पलाशम् ( न० ) १ पजारा वृक्ष के फूल २ पत्ता | ३ हतरंग | पलाशिन] ( 50 ) वृक्ष पलिकि (स्त्री०) १ बूढ़ी स्त्री जिसके बाल पक गये हों। २ गाय जो प्रथम बार व्यायी हो । बालगर्नियी । पलिघः ( पु० ) १ शीशे का घड़ा। काँच का बरतन । २ दीवाल | परकोटे की दीवाल | ३ लोहे का डंडा ४ गोशाला । पलित ( वि० ) पका हुआ । बुड्ढा । सफेद (बाल) । एलितम् ( न० ) १ सफेद बाल केश। खुदापे के कारण वालों का सफेद होना । अत्यत्रिक या सम्हाले हुए केश । पनिकरण पलितकुरण ! }( वि० ) सफेद कर देने बाला । पलितंभविष्णु (वि०) सफेद हो जाने वाला। पल्यंकः } ( पु० ) पलंग । खाट । पल्ययनम् ( न० ) १ जीन । काँठी २ लगाम | रास । पल्तः (पु०) एक बड़ा अनाज का भाण्डार या खत्ती । पल्लव: ( पु० ) अङ्कर अँखुआ । कोंपल । पदम् (न० ) ) कल्ला | २ कली । फूल | ३ विस्तार | पसार | फैलाव | ४ अलक्त । (श्राल० ) | लाल रंग । २ बल । ताकत । ६ तृण । घास की पत्ती । ७ कड़ा या कंकण या बाजुबंद। ) पषित प्रेस क्रीड़ा ६ चपलता चाञ्चलम ( पु० ) अधर्मी । दुराचारी । - अङ्गुर, ( पु० ) - श्राघास, ( पु० ) शाखा | डाली । -श्रलः, ( पु० ) कामदेव ।—त्रुः, ( पु० ) अशोक वृत्त । पछुवकः ( पु० ) : अधर्मी | दुराचारी | २ वह बालक जो अप्राकृतिक मैथुन करवावे । अस्वा भाविक अभिगमन के लिये रखा हुआ बालक | ३ रंडी का प्रेमी या आशिक | ४ अशोक वृक्ष । ५ एक प्रकार की मछली | ६ कल्ला | शँखुचा । पट्टविकः ( पु० ) १ नास्तिक | दुराचारी | २ बहा- दुर साहसी ३ गाडू । पल्लवित (वि० ) [ स्त्री० -- पल्लविनी] कोंपल या कल्ले वाला (वृत्त ) । ( पु० ) वृक्ष पेड़ | पलिः ) (स्खी०) १ गाँवड़ा | छोटा ग्राम | २ पड़ी। पल्ली ) ३ मकान स्थान टिकासरा | ४ नगर या कस्वा । ५ छिपकली। बिस्तुइया । पलिका (सी० ) १ गाँवड़ा टिकासरा | ठहरने का स्थान | २ छिपकली | विस्तुइया | पलवलं ( न० ) छोटा तालाव । -भावासः, ( पु० ) कछवा ।-पङ्कः, ( पु० ) कीचड़ ( तालाव की) पवः ( पु० ) १ पवन | हवा | २ शुद्धता | ३ अनाज को फटकना या पछोरना पवम् ( न० ) गोबर | पवनः ( पु० ) हवा । बयार | पवनम् ( न० ) १ सफाई । २ पछोरना। फटकना । ३ चलनी । ४ जल | ५ कुम्हार का चुँवा । ( पु० भी है ) -अशनः, भुज्, ( पु० ) साँप 1- आत्मजः, ( पु० ) १ हनुमान १२ भीम । ३ अनि । आः (पु० ) सर्प । -नाशः, (पु०) १ गरुड़ | २ मयूर -तनयः, ( पु० ) -सुतः, ( पु० ) १ हनुमान । २ भीम । -व्याधिः, ( पु० ) १ कृष्णसखा उद्धव या ऊधो । २ गठिया का रोग | [विशेष | पवमानः (पु० ) पवन हवा २ यज्ञीय अग्नि पवाका ( स्त्री० ) तूफान | बबण्डर । पविः ( पु० ) इन्द्र का बज्र [ हुआ। पवित ( वि० ) स्वच्छ किया हुआ । साफ किया पवितं ( न० ) काली मिर्च | गोल मिर्च । सं० श० कौ० - ६२
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