पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४८४

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परिश्र विवाह। म भार्या पली। 8 अपनी संरकता में लेना । अनुग्रह करना । ५० चाकर | टहलुआ । १९ गृहस्त । परिवार । परिवार के लोग । १२ अन्तःपुर | रनत्रास | १३ जड़ उत्पत्तिस्थान | १४ चन्द्रग्रहण सूर्यग्रहण १५ शपथ | १६ सेना का पिछला भाग । १७ विष्णु का नामान्तर । १८ पूर्णता | ( ३७७ ) (०) पति । [ विरह । परिधान ( ० ० ) १ थका हुआ परिश्रान्त । २ परित्रः ( पु० ) १२ वाधा रुकावट ३ मूठ पर जोड़ा जड़ा हुआ डंडा या छड़ी ४ लोहे का बेड़ा ५ घड़ा | कलसा । ६ शीशे का बड़ा | ७ घर वध नारा १ चोट | परिघट्टनम ( न० ) १ बटवारा अलगाव आघात । २ खलबलाना । परिच्छिन्न (च० कृ०) १ अलगाया हुआ । विभाजित | २ भली भाँति परिभाषा दिया हुआ । निश्चित किया हुआ । दर्याफत किया हुआ | ३ सीमावद्ध । घोलमेल करना । परिघातः ( २० ) परिधाननम् ( न० ) १ वध | हत्या हनन परिच्छतिः (पु० ) : अलगाव | बंटवारा। विवेक स्थानान्तरकरण । पिण्ड छुड़ाना | २ डंडा | लुहाँगी । परिघोष: ( पु० ) १ शोर । होहल्ला कोलाहल | २ अनुचित कथन | ३ मैत्रगर्जन । परिचतुर्दशनम् ( न० ) पूरा चौदह । परिचय: ( ० ) १ ढेर | संग्रह | २ जानकारी | | अभिज्ञता | घनिष्टता | अवगति : ३ परीक्षा | अध्ययन | अभ्यास उदरणी | ४ ज्ञान । २ पहचान | परिचर: ( पु० ) १ नौकर | अनुयायी। सेवक । २ शरीररक्षक ३फ चौकीदार ४ सेवा खिदमत परिचरण: (पु० ) नौकर | सेवक । सहायक । परिचरणम् ( न० ) १ चलना फिरना | २ सेवा ! परिचर्या ( स्त्री० ) सेवा उपस्थिति । परिचाय्यः ( पु० ) यज्ञीय अग्नि । परिचारकः परिचारिक: परात

(०) पर कपड़ा जो किसी वस्तु को ढक चाछिपा सके धाच्छादन २ वस्त्र | पोशाक ३ अनुचर | सेवक । आश्रितों का मण्डल | ४ छत्र चमर आदि सामान २ सामान असवात्र ( बरतनादि ) ६ यात्रोपयोगी सामान | परिष्कंदः } (पु० } अनुचर । लेबक | टहलुआ । परिच्छन (व० ० ) १ टका हुआ । लपड़ा हुआ । कपड़ा पहिने हुए। वस्त्र धारण किये हुए । २ छाया हुआ | ३ घिरा हुआ । ४ छिपा हुआ | परिच्छित्तिः ( स्त्री० ) १ सीना | अवधि | इयत्ता २ } ( पु० ) सेवक । टहलुआ । परिचितिः ( स्त्री०) १ परिचय जानकारी। घनिष्ठता परिद (स्त्री० ) १ राजा आदि के साथ सदैव रहने चाले नौकर अनुचर २ लवाजमा । ३ असवाव सामान | ( अच्छे का ) २ लक्षण | निर्णय |३ पहचान । फैसला ४ सीमा | अवधि | इयत्ता | ५ अध्याय प्रकरण । परिच्छे (वि० ) १ गिनने नापने या तौलने योग्य | बिलगाने योग्य | ३ वॉटने योग्य | विभाज्य | परिजनः ( पु० ) अनुचर | अनुयायी। पिछलगुया सड़ा साथ रहने वाले नौकर | २ आश्रित जन जैसे स्त्री पुत्रादि । ३ नौकर । परिजल्पित ( न० ) ऐसा गूढ़ कथन जिससे अपनी श्रेष्मा और विणता प्रकट हो और ( अपने स्वामी ) की निष्ठुरता, परिवञ्चना तथा अन्य ऐसे ही दुर्गुण प्रकट हों । परिज्ञप्तिः (पु०) १ वार्तालाप 1 संवाद | २ पहिचान । परिज्ञानम् ( न० ) पूर्णज्ञान पूर्णपरिचय | सम्यक् ज्ञान । परिडीनम् (न०) पक्षियों का चक्कर खाते हुए उड़ान परिणद्ध ( व० कृ० ) १ चारों ओर से ढका या बंधा हुआ। २ चौड़ा। लंबा । परिणत ( च० कृ० ) १ झुका हुआ | नवा हुआ । २ उतरता हुआ (जैसे उतरती उम्र ) ३ पका हुआ | पूवृद्धि को प्राप्त पूर्णरूप से बढ़ा हुआ ।