पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४५१

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

निस - C - 1- - 1 (= किञ्चन ) ( वि० ) 'जसके पास एक पाह भान हो । धनहान निधन कुप (=निष्कुल ) ( वि० ) जिसके कुल में कोई न रह गया होकुलीन, ( = निष्कुलीन, ) ( वि० ) नीचट (= निकूट ) (दि०) जो कपटीन हो ! ईमानदार सथा । कृप, (= निकूप ) ( वि० ) निष्ठुर क्रूर बेरहम | -के, (= निकेल्य) (वि०) १ नितान्त | निपट बिल्कुल । २ मास हीन |-- क्रिय, ( = निष्क्रिय ) ( वि० ) निश्चेष्ट | बेफार कुछ न करने वाला /- तत्र ( = निःक्षत्र ) -- क्षत्रिय (= निःक्षत्रिय ) ( वि० ) क्षत्रिय जाति से रहित या शून्य [-क्षेपः (=निःक्षेपः ) ( पु० ) १ फेंकने या डालने की क्रिया का भाव- त्याग २ धरोहर | धमानत। थाती।चतुस्, (= निश्चनुस्) (वि० ) अंधा | नेत्रहीन | - चत्वारिंश (= निश्चत्वारिंश ) ( वि० ) चालीस के ऊपर-~-चिन्त, (= निश्चिन्त ) : चिन्ता से रहित वेफिक्र | २ अविवेकी | विचार- हीन-चेतन, (= निश्चेतन ) मूर्चित वे होश |--चेतस्, (= निश्चतस् ) ( वि० ) वह जिसके होश हवास दुत न हो। वेद्र, (= निःचेद्र (वि० ) गतिद्दीन | शक्तिहीन | ~~दन्दस्, (= निश्छन्दस् ) ( वि० ) वेदों का अध्ययन न करने वाला।-विद (=निश्चिद्र) १ बिना किसी दोष या त्रुटि का | २ विना छेदों फा ३ अबाधित । बेरोक टोक विना चोटफेंट का। -- तन्तु, ( वि० ) सन्तानहीन तन्द्र, ( वि० ) जो काहिल या सुख न हो । ताज़ा। तंदुरुस्त । भला चंगा । -समस्क, – तिमिर, (वि० ) अंधकारशून्य । प्रकाश | २ पाप या दुराचस्य से रहित --सर्थ, (वि० ) विचार से परे ।-तल, ( वि० ) १ गोल । मण्डलाकार या गोलाकार । २ गतिशील । कम्पित | ३ जिसमें सली न हो।-तुष, (वि० ) जिसमें भूसी न हो । २ साफ किया हुआ। सरल किया हुआ || -तेजस् (चि० ) १ अग्निहीन । उष्णताशून्य || नपुंसक २ सुस्त | काहिल पहदी | ३ धुंधला X निस ज्जि | अस्पष्ट | नप (वि०) नेहवा त्रिश (वि०) १ तीस से ऊपर २ वरम | नृशंस | क्रूर / त्रिंशः, ( पु० ) तलवार 1-जैगुण्य, ( वि० ) सत्व, रजस् और समस् से रहित /- पङ्क, (= निष्पङ्क, ) ( चि० ) जिसमें कीचड़ आदि न लगा हो । स्वच्छ निर्मल | साफ | सुथरा।-पताक, (= निष्पताक, ) ( वि० ) जिसके पास फंडा मंडी न हो।-पति, सुता, ( = निष्पतिसुता ) ( वि० ) वह स्त्री जिसका न पति हो न पुत्र हो।-पत्र (=निष्पत्र) (वि०) पत्रों से रहित २ पररहित जिसके पंख न हों। - पद, (=निष्पद ) ( वि० ) विना पैरों का | --पदं, (न० ) यान जो विना पहियों के चले। - परिकर, (= निष्परिकर ) ( वि० ) farm तैयारी के विना सरंजाम के परिग्रह - 4 - (= निप्परिग्रह ) ( दि० ) जिसके पास कुछ भी सम्पत्ति न हो ।- परिग्रहः ( पु० ) संन्यासी जिसके वंश में कोई न रह गया हो। परिच्छद, (= निष्परिच्छद) (वि० ) जिसके गु न हों। जिसके अनुचर न हो 1-1 - परीक्ष ( = निष्परीक्ष ) ( वि० ) बो भलीभाँति परी- चित न किया गया हो। जिसकी तरह से 2 S S a जाँच पड़ताल न की गयी हो।-परीहार, ( = निप्परीहार ) ( वि०) जो चेतावनी की पर- वाह न करे। --पर्यन्त ( = निष्पर्यन्त ) (वि०) -पार, ( = निवार) (वि० ) असीम | सीमारहित । जिसकी हद्द न हो। बेहद। -पाप, (= निष्पाप ) ( वि० ) पापशून्य निरपराध | साफ | शुद्ध | --~-पुत्र ( = निपुत्र) ( वि० ) सन्तानहीन | ~ पुरुष (= निप्पुरुप ) ( वि० ) उजाद। १ बेयाबाद। २ पुत्रसन्धान रहित ३ पुटिङ्ग नहीं: स्त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिङ्ग/पुरुषः ( पु० ) १ हिजड़ा। जनाना। ३ मीर। डरपोंक। -पुलाक, (=निप्पुलाक ) (वि० ) भूसी निकाला हुआ । विना भूसी का पौरुष, ( = पौरुष ) ( वि० ) अमानुषिक /- प्रकम्प, ( = निष्पकम्प ) ( वि० ) छ । अटल। गतिहीन । - प्रकारक, ( = निष्का- -