निशुभः, निशुम्भः ( ४४१ ) निषेधक निशुंभ: 1 (पु० ) १ हत्या | वध | २ मुग्नकरण | | षण (व० ० ) १ बैठा हुआ | आराम करता निशुम्भः ) २ भुकाने ( धनुष को ) की क्रिया ३ 1 हुआ | सहारा लिये हुए |२ जिसको सहारा मिला हुआ हो । ३ प्रस्थानित | गनन किया हुआ | उदास। पीड़ित | नीची गर्दन किये हुए । निपराक्रम् (न० ) बैठक। बैठकी। आसन | निवद्या ( स्त्री० ) १ छोटी खाट । २ व्यापारी की दूकान या गद्दी ३ मंडी हाट बाज़ार। निषहर: ( पु० ) १ कीचड़ | २ कामदेव । निपद्वरी (स्त्री० ) रात्रि | निषधः ( पु० वहु० ) १ देश विशेष और यहाँ के अधिवासी जहाँ राजानल राज्य किया करते थे । २ निपध देश का राजा ३ एक पर्वत का नाम । निपादः ( पु० ) भारतवर्ष की एक अति प्राचीन अनार्य जाति। इस जाति के लोगों ही में चिड़ी- सार माहीगीर आदि निन्दित कर्म करने वाले हुआ करते हैं। २ वर्णसङ्कर जाति विशेष चाण्डाल । विशेष कर ब्राह्मण पिता और शूत्रा माता से उत्पक्ष सन्तति । ६ सङ्गीत के सप्तस्वरों में अन्तिम और ऊँचा स्वर इसका सरगम में संचित रूप एक दैत्य का नाम जिसे दुर्गा देवी ने वध किया था । - मथनी, ( स्त्री० ) - मर्दनी, ( स्त्री० ) दुर्गा देवी की उपाधि | निशुंभनम् | निशुम्भनम् } (न० } वध | हत्या । निश्चयः (पु०) १ अनुसन्धान । खोज । २ निश्चित । सम्मति । इङ्ग विश्वास | ३ हड़ सङ्कल्प | ४ यकीन । विश्वास । ५ पूरा इरादा। पचा विचार । निश्चल ( वि० ) १ अचल | स्थिर | अटल । २ जो तनक भी न दिले हुले । २ अपरिवर्तनीय जो कभी बदले नहीं। अंग, ( त्रि० ) मजबूत शरीर । - अंगः (5० ) १ सारस विशेष २ चट्टान या पर्वत । + 1 निश्चला ( स्त्री० ) पृथिवी निश्चायक ( वि० ) वह जो किसी बात का निर्णय या निश्चय करता हो । निर्णायक | निश्वारकम् ( न० ) १ प्रवाहिका नामक रोग यह अतिसार का एक भेद है। २ वायु | हवा । ३ हठ । मनमौजीपना | निपादित (वि० ) १ बैठाया हुआ | २ पीड़ित | सन्तल । पका। जिसमें कोई फेर- निपादिन ( ब० कृ०) नीचे बैठा हुआ या लेटा हुआ । ( पु० ) महावत । निषिद्ध ( वि० ) वर्जित । मना किया हुआ । निपिद्धि: ( स्त्री० ) निषेध | मनाई। निश्रमः ( पु० ) १ अध्यवसाय | किसी कार्य को करते | निधूद ( न० ) वध | हत्या । अनुसन्धान निर्णय | २ सङ्कल्प पहा विचार | करते न घबड़ाना या ऊबना । निषूदनः ( पु० ) वध करने वाला । निश्चित ( च० कृ० ) निर्णीत | तैशुदा | निश्चितं (अव्यया० ) दृढ फार न हो। निश्चितिः ( स्त्री० ) १ खोज निश्रयणी निश्रेणि निश्रेणी नषेक: (पु० ) १ छिड़काव बुरकाव २ चुझाव | कराव। चूते हुए तेल की एक बूंद | ४ बहाव । ढरकाव | रिसाव । ५ वीर्यपात | १ सिञ्चन । वपाशी ६ धोने के लिये जल । ७ वीर्यपात सम्बन्धी अपवित्रता | ८ मैला पानी। निश्वासः (पु० ) स्वाँस लेना। आह भरना १ नियंगः ) ( पु० ) १ आलिङ्गन | २ ऐक्य | मेल । ३ निषङ्गः ) तरकस | तूणीर । नियंगथिः ) ( पु० ) १ आलिङ्गन | २ धनुर्धर | तीरं | निषेधः ( पु० ) १ वर्जन | मनाई | रोक। २ अस्त्री- निषङ्गथिः । दाज़ | ३ सारथी ४ रथ | कृति | इंकार | ३ निषेधवाची नियम | नियम का अपवाद ( स्त्री० ) सीढ़ी | नसैनी नियंगिन् ? (वि०) १ आलिङ्गन करने वाला | २ सर- नियङ्गिन् ) कस रखने वाला 1 – (पु०) १ तीरन्दाज़ | धनुर्धर । २ तूहीर | तरकस | ३ सखवार धारी निषेवक ( बि० ) 9 अभ्यास करने वाला अनुसरण करने वाला भक अनुरागी २ रहने वाला। से० श० कौ० ५६
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