नलकिनी ( ४१७ ) नवनू आकार की हड्डी + २ कालदेवल के भतीजे का । नवं ( न० व्यया० ) टटका । हालका | बहुत देर क नाम, जिसे बुद्ध ने उपदेश दिया था। नहीं । नलकिनी ( स्त्री० ) १ जंघा. जांध | २ टांग । नलिनं ( न० ) १ कमल का फूल | २ जल । ३ नवः ( पु० ) काक | कौचा नवकं ( न० ) नौ का जोड़ नील का पौधा । “नलिनेशयः" विष्णु की उपाधि | नवत (वि० ) [ स्त्री० -नवती ] नव्वेवाँ । नवतः ( पु० ) हाथी की भूल जिस पर चित्रकारी हो २ ऊनी वस्त्र कंबल २ भूल उधार पर्दा । नवतिः ( स्त्री० ) नव्वे | नवतिका ( स्त्री० ) १ नव्वे | २ चित्रकार की कूची । नवन ( वि० ) नो । १ । - प्रशीतिः, ( स्त्री० ) मह नवासी । – अर्चि, (पु० ) - दीधितिः, ( पु० ) मङ्गल ग्रह । –कृत्वस, ( अन्यया० ) नोगुना |-- प्रहाः, ( पु० ) बहुवचन, नवग्रह - चत्वारिंशः, (वि० ) ४६ वा उनचासवाँ |--- चत्वारिंशत् ( स्त्री० ) ४६ | उनचास |-- चिद्रं, – द्वारं, (न० ) शरीर जिसमें १ छेद हैं | - त्रिंश, ( वि० ) ३६ वाँ /--दश, ( वि० ) १६ वौँ । उनीसवाँ -नवतिः, ( स्त्री० ) ३६ ॥ निन्यानवे । - निधिः, ( पु० बहु० ) कुबेर की नौ निधियाँ यथा- नलिनः ( पु० ) सारस । नलिनी ( स्त्री० ) १ कमलिनी | कमल | २ कमल का ढेर | ३ वह स्थान या तालाव जहाँ कमल बहुता- यत से उत्पन्न होते हों - खराडम्, पण्डम्, ( न० ) कमलों का ढेर | - रुहः, ( न० ) ब्रह्मा की उपाधि । - रुहं, (न० ) कमलनाल | कमल के नाल के भीतर के सूत। [हाथ का होता है। नल्वः ( पु० ) भूमि नापने का एक नाप जो ४०० नव ( वि० ) १ नया ताज्ञा टटका हाल का। २ आधुनिक नं. ( न० ) ताज़ा अनाज | -अम्बुः, ( पु० ) ताजा पानी । प्रहः, ( पु० ) पक्ष का प्रथम दिवस। -इतर (वि० ) पुराना - उद्धतं, (न० ) टटका मक्खन । उढ़ा, पाणिग्रहणा, (स्त्री०) हाल की ब्याही दुलहिन । –कारिका, – कालिका, फलिका, (स्त्री०) १ हाल की व्याही औरत । २ स्त्री जो थोड़े ही दिनों पूर्व प्रथम बार रजस्वला हुई हो। छात्रः, (पु०) हाल में दाखिल हुआ विद्यार्थी । -नी, ( स्त्री० ) - नीतं, (न० ) ताज्ञा मक्खन | - नीतकं. ( न० ) १ घी | २ टटका मक्खन – पाठकः, ( पु० ) नया शिक्षक | - मल्लिका, मालिका, ( स्त्री० ) चमेली का एक भेद । -यज्ञः, ( पु० ) नये अन्न या फल से अग्नि में आहुति देने की क्रिया विशेष । - यौवनं, (न०) ताज़ी जवानी या युवावस्था । रजस्, (खी० ) लड़की जिसको हाल ही में रजोदर्शन हुआ हो । -वधू- वरिका, ( स्त्री० ) हाल की व्याही लड़की । -वल्लभम्, (न० ) एक प्रकार का चन्दन | - वस्त्रं, (न० ) कोरा या नया कपड़ा - शशिभृत्. ( पु० ) शिव जो का नाम - -सूतिः, सुतिका, (स्त्री० ) १ दुधार गौ । २ जच्चा स्त्री | महापग्रह पञ्च हो र कच्छयौ । मुकुन्दकुन्द नीलाइ सर्वच निथ्यो नथ || पञ्चाश, (वि० ) ५१ उनसठवां ।-पञ्चाशत्, ( स्त्री०) ५६ | उनसठ | - रत्नं, (न०) नौ बहुमूल्य रत्न | २ विक्रमादित्य की सभा के नौ कविरन " धन्वतरिचयखजागर सिंह बेताल घटकर्षरकालिदासाः | ख्यातो घराइमिट्रिो शृपतेः सभःयास् रत्नानि वें वररुचिर्नद विक्रमस्य || ---रसा:. ( पु० बहु०) काव्य के नवरस यथा-- १ शृङ्गार, २ करुणा, ३ हास्य, ४ रौद्र, ३ वीर, ६ ७ वीभत्स |८ अद्भुत और 8 शान्त – रात्रं, (न० ) नौ दिन चैत्र शुक्ला प्रतिपद से नवमी तक और आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से १ मी तक के नौ दिन, जिनमें लोग धर्मानुष्ठान किया करते हैं। - विंश, ( वि० ) २१वौँ । उनतीसवाँ ।—विंशतिः, ( स्त्री० ) २३ | उनतीस -विध, (पु० ) नौ गुना या नौ प्रकार का । - शतं, ( न० ) ११०६ | एक सौ नौ । २ नौ सं० श० को ५३
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