सामग्री पर जाएँ

पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४२१

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

नदकिन् नन्दकिन् नन्दकित् } { V० ) विष्णु ! नंदधु ) ( पु० ) प्रसन्नता आनन्द खुशो नन्दधुः नंदन ) (वि०) प्रसन्नताकारक 1-जं, (न० ) पीले नन्दद चन्दन की लकड़ी। हरिचन्दन । नंदूनः ( (पु०) १ पुत्र । २ मेंढक । ३ विष्णु । शिव। नन्दनः नंद : ( न० ) १ इन्द्र के उद्यान का नाम २ नन्दम् प्रसव होना। ३ हर्ष । ( ४१४ ) } ( पु० ) पुत्र । नंद्यतः नन्द्रयस्तः) जँड़ा ) ( स्त्री० ) १ प्रसवता | हमे । २ धनदौलत नवा ) सम्पनि । छोटा मिट्टी का घड़ा । ३ नन्द | ५ शुक्ल पक्ष की ये तिथियां शुभ मानी गयी है। प्रतिपदा, छठ और १९शी तिथियां " → नंदिः ) ( पु० स्त्री० ) प्रसन्नता । इर्ष | - ईशः, नन्दिः ) ईश्वरः, (पु०) १ शिव । २ शिव जी के प्रधान गरण का नाम :- प्रमः ( पु० ) उस आम का नाम जहाँ श्रीराम के बनोवासकाल में भरत जी रहे थे। घोषः, (पु० ) अर्जुन के रथ का नाम । वर्धनः, ( स० ) शिव का नाम । मित्र | चान्द्र . नपुंसू नपसः पक्ष का अवसान । श्रमावास्या | नंदिकः ( पु० ) १हर्प । २ घल्लिया। छोटा घड़ा। नन्दिक / ३ शिव का एक गए 1-- ईश:- ईश्वरः, (५०) शिव जी के एक प्रधान गण का नाम । २ शिव का नाम । नंदिन ) (वि०) आन्दित आह्लादित | २ प्रस- | नमसंगलः ) नन्दिन) अताकारक ( ० १ पुत्र । २ नाटक में नभसः पु० ) पक्षी 1 द्वारपाल का नाम शिव के वाहन का नाम । नंदिनी ) ( स्त्री० ) १ लड़की २ नन्द | भद् नन्दिनी ) पति की बहिन । ३ सुरभी गौ की लड़की। कामधेनु ४ श्री गङ्गा जी । ५ श्यामा तुलसी । नशन् (पु० ) नाती पौन। यह वैदिक प्रयोग है यथा 'तनूनपात् ।” . नमव नष्ट ( पु० ) नाती । पौत्र | नमः ( पु० ) श्रावण मास । नभम् (न० ) १काश । वायुमण्डल | २ मेव । ३ कोहरा । वाष्प | ४ जल । ५ वय । उम्र ( पु० ) १ जलदृष्टि | २ वर्षाऋतु । ३ नासिका। ४ गन्ध | ५ आवणमास प्रम्बुपः (पु० ) चातक पक्षी । - कान्तिन, ( १० ) सिंह (- -गः, ( पु० ) बादल 1-चतुस्. ( पु० ) सूर्य-चमसः ( पु० ) १ चन्द्रमा २ जादू /-वर, ( वि० ) आकाशगामी - 1 चरः, ( पु० ) १ देवता । किसर आदि । २ पक्षी - - दुः, ( पु० ) मेघ टि, (वि० ) , ओर देखने वाला । धंधा । श्रीकाश ) }{ पु० ) हिजड़ा । जुनाना । - आशीर्वादात्मक वचन कहने वाला । ३ शिव के / नमस्य: ( पु० ) भाद्रपद मास । नपुंसक ( न० ) ) १ न स्त्री और न पुरुष नपुंसकः ( पु० ) हिजड़ा | २ भीरु | डरपोंक। - ( न० ) नपुंसकवाची शब्द । नपुंसकलिङ्ग | - द्वीपः, - धूमः, ( पु० ) मेघ । बादल | नदी (सी० ) श्रीगङ्गा |-- प्राणः, ( पु० ) वायु । पवन । - मणिः, ( पु० ) सूर्य । - मण्डलं, (न० ) आकाश । वायुमण्डल । रजस्. (पु० ) अन्धकार i- रेाः, ( स्त्री० ) कोहरा । तुवार । – लयः, (पु० ) धूम | लिहू, ( वि० ) आकाश चाटने वाला। महोच | बहुत ऊँचा !---सद् ( पु० ) देवता :-मरित् ( स्त्री० ) चाकाशगङ्गा-स्थली. (स्त्री० ) आकाश | -स्पृश, ( वि० ) चाकाश को छूने वाला । नमसः (पु० ) १ आकाश | २ वर्षाऋतु | ३ समुः । नभस्वत् (वि० ) वाष्पीय कुहरा का । ( पु० ) पवन । वायु | नभाकः ( पु० ) अन्धकार | २ राहु उपग्रह | नम्राज़: पु० ) काली घटा या काला बादल। नम् (धा० पर० ) [नमति-नमते. नत, ( निजन्त) नमयति-नमयते ] नवना | प्रणाम करना । सुकता | निम्न गमन करना । कुक कर टेढ़ा होना । नसत (वि० ) भुका हुआ। टेड़ामेड़ा | 1 नमतः ( पु० ) १ अभिनय कर्त्ता-चट | २ धूम ३ स्वामी | प्रभु | ४ मेघ । बादल ।