पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४०६

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द्वैधीभाव धनम् पारस्परिक व्यवहार में दो प्रकार का स्वभाव रखना पड़ता है। अर्थात् मुख्य उद्देश्य को छिपा कर गौख उद्देश्य प्रकट किया जाता है। द्वैमातुर (बि०) दो माताओं वाला। एक जननी दूसरी सौतेली माता | द्वैमातुरः (पु० ) १ गणेश २ जरासन्ध | द्वैधीभाव: ( पु० ) १ द्विधाभाव | अनिश्चय | २ | द्वैमातृक (चि० ) [ स्त्री० --द्वैमातृकी ] वह भूमि D भीतर कुछ बाहिर कुछ द्वैध्यं ( न० ) १ थन्त | फर्क | २ द्वैप (वि० ) [ स्त्री०-वैपो ] १ दापू में वाला । २ चीते का जो सृष्टि के जल और नदी के अक्ष पर निर्भर हो । द्वैरथं (न०) दो रथों पर सवार दो योद्धाओं का पार स्परिक युद्ध । ( ०६६ ) 1 | द्वीप सम्बन्धी ध्याधाम्बर से हुआ रथ या ढका हुआ या बना हुआ। द्वैपः ( पु० ) स्थान की चाम से मड़ा गाड़ी। द्वैपक्षं (न० ) दो दल | द्वैपायनः (पु० ) टापू मेंपस । व्यास जी का नाम । द्वैप्य (वि० ) [ स्त्री०-ईप्या या हैप्पी ] टापू में रहने वाला था टापू से सम्बन्ध रखने वाला। ध ध नागरी या संस्कृत वर्णमाला का उतीसवाँ व्यञ्जन घटिका { और तवर्ग का चौथा वह। इसका उच्चारण स्थान | घटी "} १ पुराना वस्त्र चिथड़ा | २ कोपीन | दन्तमूल है। इसके उधारण में धान्यन्तर प्रयत्न घटिन् ( पु० ) १ शिव जी । २ तुला राशि | की आवश्यकता होती है, और जिल्हा का अधण् (धा० परस्मै० ) [ घणति ] शब्द करना | भाग दाँतों के मूल में लगाना पड़ता है। बाह्य धत्तरः ) प्रबल संवार, नाव, बोप महाप्राण है। धतूरेकाः } पर धत्तूरका धन (० परस्मै० ) [ धनति ] शब्द करना । धनम् ( न० ) १ सम्पत्ति । दौलत | खजाना | रुपैया | २ प्रियतम कोई भी वस्तु । बहुमूल्य कोई भी वस्तु ३ पूँजी लुट का माल शिकार। २ खिलाड़ी को, जो खेल में जीता हो, दिया जाने वाला पुरस्कार | ६ पुरस्कार प्राप्त करने के लिये भिडन्त । ७ अङ्क गणित में जोड़ का चिन्ह (+) -अधिकार. ( पु० ) पैतृक सम्पत्ति पर अधि- कार पाने का हक़ |-अधिकारिन, अधिकृतः, ( पु० ) १ खजानची कोषाध्यक्ष |२ उत्तराधि कारी 1-अधिगोप्त, अधिः, -अधिपतिः, ---अध्यक्षः, ( पु० ) १ कुबेर | २ कोपाध्यय । ध (वि० ) धारण करने वाला २ ग्रहण करने वाला पकड़ने वाला। धं ( न० ) धनदौलत | सम्पत्ति धः ( पु० ) १ ब्रह्मा २ कुबेर | ३ धर्म सद्गुण सदाचार | धक् ( पु० ) कोष में निकलने वाला शब्द विशेष | धक (धा० उभय० ) [ यति धक्कयते ] नाश करना। द्वैरथः ( पु० ) शत्रु । वैरी । द्वैराज्यं (न०) वह राज्य जो दो राजाओं में बँदा है। द्वैवार्षिक (वि० ) दुसाला द्वैविध्यं ( न० ) १ दुहरापन | दो प्रकार का स्वभाव । २ भिन्नता अन्तर फर्क घटः ( पु० ) 1 तराजू २ तराजू द्वारा कठोर परीक्षा । २ तुला राशि | घटकः ( पु० ) ४२ रत्ती के वजन की तौल विशेष | धतूरा -