पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४०१

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प्रातिस धातिस (न० ) १ प्रकाश चमक यामा न सितारा इगर [ = धोतिरिगस ] ( go ) खयंत. दत्त ( न० ) तौल विशेष नाप विशेष एक तोला : वृदयति ( क्रि० ) मज़बूत फरमा दृढ़ करना। डिसन (पु० ) मज़बूती ता| २ समर्थन | ३ वयान ४ बोक। भार द्रप्स ( न० ) माझ | तक | द्रम् (धा०] पर० ) [ स्त्री० -प्रमति ] दौड़ना इधर उधर जाना। इधर उधर भागते फिरना। ब्रमंड ( ३१४ ) ( म० ) तौल या नाप विशेष ० द्रव (वि० ) १ दौड़ने वाला ( घोड़े की तरह ) (२ चूने वाला टपकने वाला तर ३ बहने वाला पनीला | ४ तरल ५ पिघला हुआ।-आाधारः, (५०) छोटा बरतन चुल्लू /-जः, (पु०) शीरा। चोटा। राव। -द्राव्यं ( म० ) तरल पदार्थ --- रसा, (स्त्री० ) १ लाख २ गोंद। द्रवः ( ५० ) १ गमन भ्रमण गवि | २ टपकना । चूना उफनना चू जाना।३ पीछे भाग थाना | भाग जान | ४ खेल आमोद | बिहार २ पनीलापन ६ पनीखा पदार्थ तरल पदार्थ | ७ रस सार काय काढा ९ वेग | दुवंती 1 }(स्त्री० ) नदी । द्रविडः ( पु० ) १ दक्षिण भारत का प्रान्त विशेष | २ उस प्रान्त का निवासी | ४ एक नीच जाति का | नाम | द्रविणं ( न० ) : धन | रुपया पैसा | सम्पत्ति | २ सुवर्ण | पराक्रम विक्रम | ५ वस्तु सामग्री --प्रधिपतिः, -—ईश्वरः, ( पु० ) 1 पदार्थ | कुबेर की उपाधि | द्राव ८होड़ दव फूल | ७ मदिरा वृद्धि-सिद्धिः, (स्त्री० ) धन की प्राप्ति।-थोघः (पु०) धन का बाहुल्य -परिषद, (पु० ) धन या सम्पत्ति का अधि कार। ---प्रकृतिः, (स्त्री० ) पदार्थ का स्वभाव | संस्कार, पु०) यज्ञीय वस्तुओं की शुद्धि- वाचकं, (न०) सत्तावाचक । स्वाधीन मूलतत्व सम्बन्धी । स्थायी । | 1 द्रव्यवत् (वि० ) धनी। अमीर। द्रव्य (दि० ) १ देखने को देखने योग्य | २ मनो- हर प्रिय सुन्दर द्रष्टृ ( पु० ) ऋषि ध्यान द्वारा देखने वाला । २ न्यायाधीश | द्रहः ( पु० ) गहरी झील। द्रा ( धा० पर० ) [ द्राति द्वायति ] १ सोना | २ भागना । शीघ्रता करना भाग जाना। उड़जाना । द्राक् (अन्यया० ) शीघ्रता से तुरन्त फौरन - मृतकं, (न० ) टटका पानी । कुएँ से तुरन्त निकाला हुआ जल । द्राक्षा (स्त्री० ) दास मुनका चेंगूर - रसः, ( ५० ) अंगूर का रस शराब | अंगूरी शराब | द्वाघयति ( क्रि०) १ लंबा करना बड़ाना। पसारना। आगे करना । २ वृद्धि करना घनीभूत करना। ३ विलम्ब करना | द्राघिमन् ( पु० ) १ लंबाई | २ अश सूचित रेखा का अंश । द्राघिष्ट (वि० ) सब से अधिक लंबा । बहुत लंबा । | द्रावियस् (वि० ) [ स्त्री०–द्वाघियसी ] लंबा । [यह दीर्घ का Super है।] बहुत लंबा । द्वाण ( वि० ) १ बहा हुआ। भागा हुआ । २ सोने वाला। निंदासा । द्रव्यं ( न० ) १ वस्तु पदार्थ । २ उपादान | सामग्री उपयुक्त या योग्य पदार्थ २ वह पदार्थ जो किया और गुण अथवा केवल गुण का हो। ३ वैषिकदर्शन के द्रष्य जो १ माने गये हैं। ४ कोई भी अधिकृत वस्तु जैसे धन, सम्पत्ति, सामान आदि। श्रौषधि विशेष । २ शील ६ फाँसा J यजन, द्रागणं ( न० ) १ भागना । भमगढ़। २ नींद | द्रापः (पु० ) 9 कीचड़ | काँदा २ स्वर्ग | आकाश । ३ मूर्ख | सूद | ४ शिव । २ छोटा श द्रामिलः (पु० ) चाणक्य का नाम । द्रावः ( पु० ) १ पलायन : २ वेग ३ बहाव । ४ गर्मी । ताप । ५ पिघलाव |