( ३६० ) श सरस्वती का नाम ४ महिना २ प्रतिष्ठित त्रिया का उप दश. ( 3०, १ थान भाग भूमण्डल का कोई स्थान २ प्रान्स ३ विभाग | हिस्सा ४ क्रामा नियम 1-अतिथिः, (५०) विदेशी --- अन्तरम्. ( न० ) अन्य देश अन्दरिन, ( पु० ) विदेशी :- प्राचार, धर्मः, (पु० ) स्थानीय रस्त या शाईन। किसी देश का प्रचार | - कालज्ञ (वि० ) उचित समय और स्थान का ज्ञाता ---ज, -ज्ञान, (वि० ) १ देशी | २ | दिसावरी | ३ विशुद्ध सन्तति। -भाषा (स्त्री०) किसी देश की चाल की भाषा-रूपं, ( न० ) योग्यता | उपयुक्तता व्यवहारा, ( पु० ) स्थानीय थाचार | 1 J देशकः ( पु० ) १ शासक सुवेदार २ उपदेशक शिक्षक | गुरु ३ पथप्रदर्शक रहनुमा । देशना ( स्त्री० ) आदेश । निर्देश। देशिक (वि० ) स्थानीय | किसी देश विशेष सम्बन्धी । देशिक: ( पु० ) आध्यात्मिक गुरु | २ यात्री पथ [1] प्रदर्शक ४ स्थानों से परिचय रखने वाला। देशिनी (स्त्री०) तर्जनी | अंगूठे के पास वाली अँगुली। देशी (स्त्री० ) प्राकृतिक भाषाओं में से कोई एक देशीय (वि० ) : किसी प्रान्त का प्रान्तीय १२ देश सम्बन्धी । स्थानीय देश्य ( वि० ) १ जो बतलाने को हो था जो सिद्ध करने को हो । २ प्रान्तीय । स्थानीय ३ सद् देश जात विशुद्ध उत्पत्तिका ४ प्रायः दैय दु० ) १ शरीर का आच्छादन २ पर न ३ चमड़ा 1 " शरीर का नाश २ बीमारी। पिता काय कर वाली वस्तु चयः, (पु० ) रोग ww शत. ( वि० ) अवतार शरीर में प्राप्त -अः, ( पु० ) पुत्र /-आ ( स्त्री० ) पुत्री । - त्यागः, ( go ) मृत्यु | इच्छा मृत्यु / दः, ( पु० ) पारा -दीपः, ( पु० ) नेत्र 1-धर्मः, शरीर के आवश्यक धारकं, (न० ) 1- भृत् (पु०) 1 हड्डी। -धारणं, (न० ) जीवन । —धि (पु०) बाजू ढैनाधृप् ( पु० ) पवन | वायु | -चद्र (वि०) शरीरधारी 1 --- भाजू, (पु०) शरीरवारी कोई भी जीव । विशेष कर मनुष्य | --भुज् (पु०) १ जीव २ सूर्य १ जीवधारी विशेष कर मनुष्य २ शिव जी । ३ जीवन | जीवनी शक्ति ।-यात्रा ( स्त्री० ) १ मरण मृत्यु २ दारीर की रक्षा का साधन । ३ आजीविका (~~लक्षणं, ( न० ) चर्म के ऊपर का तिल या मस्ला -वायुः, ( पु० ) शरीर स्थित पाँच पवन ।-~-सारः, ( पु० ) मज्जा | देहंभर ( त्रि० ) मरभुखा। पेटू देहवत् ( वि० ) शरीरधारी 1 / पु० ) १ मनुष्य । २ जीव रूह | देहला : स्त्री० / शराद । मदिरा | देहलिः ) ( स्त्री० ) घोड़ी। दहलीजू | दहरी - देहली दीपः, (पु० ) खोदी का दीपक देहिन् (वि० ) [ स्त्री०-देहिनो ] शरीरधारी । (पु० ) १जीवधारी विशेषतया मनुष्य | २ जीव । रूह। देहिनी ( श्री० ) पृथिवी है ( दायति. दात ; १ पवित्र करना। साफ करना । २ पवित्र होना । ३ यचाना। रक्षा करना | देश्यं ( ज ० ) पूर्व पक्ष : प्रथम सम्मति । देहे ( न० ) ) शरीर /- अन्तरं, ( न० ) अन्य देहः ( पु० ) ) शरीर। -अन्तरप्राप्तिः, (स्त्री० ) - दैतेयः ( पु०) दिति के पुत्र राक्षल। दैत्य-- जन्मग्रहय । श्रात्मवादः, ( पु० ) चार्वाक इज्यः, गुरुः, -पुरोधस्, ( पु० ) पूज्यः, का मत। नास्तिकवाद । श्रमवादिन, (१०) ( पु० ) शुक्राचार्य - - निपूदनः, (पु० ) चार्वाकसिद्धान्तानुयायी आवरण (२०) विष्णु /- मातृ, (स्त्री०) दिति। वैस्यों की माता । कवच पोशाक। ईश्वरः (g०) जीव | --मेद्जा, ( स्त्री० ) पृथिवी -उद्भव,उद्भूत, ( वि० ) शरीर में उत्पन्ध ! दैन्यः (g० ) दिति के पुत्र अर्थात् दृश्य। -- कर्तु (पु०) सूर्य २ परमात्मा | ३ ( पु० ) १ देवता । २ विष्णु । --देवः, ( पु० ) 1 देश्यः ( पु० ) १ प्रत्यक्षदर्शी | २ किसी देश का अधि बासी ।
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