पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३७५

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

( ३६५ दक्षिणाहि पुरस्कार | पारिश्रमिक | ४ दुधार गौ ५ दक्षिण & दिशा ६ दक्खिनी भारत दक्षिणा ( ) १ दहिनी ओर दूर । २ दक्षिण दिशा में दूर । दहिनी थोर । दत्तिणीय }( वि० } दक्षिणा पाने योग्य । दक्षिणेन ( अभ्य० ) दहिनी ओर का । दग्ध ( व० कृ० ) १ जला हुआ । अग्नि में भस्म हुआ । २ ( आलं० ) सन्तप्त । पीड़ित । सताया हुआ | ३ भूखों मरा हुआ। अकाल का सारा । ४ अशुभ अमङ्गलकारी १ शुष्क स्वादरहित । फीका | अलौना । ६ अभागा थापित दुष्ट । दग्धिका ( स्त्री० ) भुने हुए चाँवल । दन ( वि० ) [ स्त्री० दनी ] तक या ऊँचा | उतना गहरा दंडू ) ( धा० उभय० ) [ दण्डयति दराडयते, दण्डे । दण्डित ] दण्ड देना | सज़ा देना। जुर्माना करना। । दंडः, दराडः ( पु० १ लकड़ी । डंडा गढ़ा। दंड, दण्डम् ( न० ) ) सोठा । २ राजदण्ड । चात- दण्ड ३ दगढ जो हिजों को उपनयन संस्कार के समय ग्रहण कराया जाता है। ४ संन्यासी द्वारा ग्रहण किया जाने वाला दण्ड । ५ हाथी का दाँत ६ खंदुल कमलदण्ड । ७ नाव के डाँड ८ सथानी रई | अर्थदण्ड | जुर्माना | १० शरीरिक दण्ड ११ कैद । कारागृह-वास १२ आक्रमण | ज़्यादती सज़ा १३ सेना १४ व्यूह | १५ वश- वर्तीकरण संयम १६ चार हाथ का नाँप विशेष १७ लिङ्ग | १८ ग्रहकार | अभिमान । १६ शरीर । २० यम की उपाधि २१ विष्णु का नाम २२ शिव जी । २३ सूर्य का सहचर | २४ फोड़ा । ( पु० ) – अजिनं, ( न० ) दण्ड और मृगचर्म | २ ( आलं० ) दम्भ और छल या प्रवचना ।- अधिपः ( पु० ) मुख्य न्यायाधीश I अनीकं. ( न० ) सेना की एक टोली । -अर्ह, ( वि० ) सजा पाने योग्य-अलसिका (स्त्री०) हैज़ा । - आज्ञा, ( स्त्री० ) फौजदारी से सज़ा । आहातं, (न० ) मीठा ।। –कर्मन, ) ( न० ) दण्डविधान ( – काकः, ( पु० ) द्रोण- ) दड, दण्डम् काक। ---काएं, (न० ) डंठा । सेोठा ग्रहणं. ( न० ) संन्यासी होना 1- हृदनं, ( न० ) भाण्डार जिसमें भिन्न भिन्न प्रकार के वर्तन रखे जाते हैं।-ढक्का, ( स्त्री० ) एक प्रकार का ढोल । -दासः, (पु०) ऋण न चुकाने के कारण बना हुआ दास । - देवकुलं, (न०) न्यायालय । कचहरी । - घर, (वि०) –धार, (वि०) : आसा ले चलने वाला | २ दण्ड देने वाला 1-धरा, - धारः, ( पु० ) १ राजा २ यम । ३ न्याया- धीश -नायकः, ( पु० ) १ न्यायाधीश | पुलिस का अफसर । मैजिस्ट्रेट | २ सेनानायक - -नीतिः, (स्त्री०) १ न्यायविधान | २ नागरिक और सैनिक शासन पद्धति । ३ राजनीति | शासन व्यवस्था । ~ नेतृ. (१०) राजा । -पातः, ( पु० ) १ छड़ी का गिरना २ दण्डविधान । -पः, ( पु० ) राजा-पांशुलः, ( पु० ) द्वारपाल दरवान। -- पाणिः, (पु० ) यमराज । - पातनं, ( न० ) दण्ड विधान करना ।— पारुण्यं ( न० ) १ थाक्रमण | ज़ोर जबरदस्ती । प्रचण्डता । २ कठोर दण्डविधान - पालः, - पालक (पु० ) १ मुख्य या प्रधान न्यायकत्ती । २ द्वारपाल । दरवान - पोः (पु० ) मूठ- दार चलनी । – प्रजामः, ( पु० ) १ शरीर को भुकाये बिना नमस्कार करना प्रणाम करते समय डंडे की तरह सतर खड़े रहना । २ प्रणाम करते समय लकड़ी की तरह पृथिवी पर गिर पड़ना । - - बालधिः, ( पु० ) हाथी । -भङ्गः (पु० ) दण्डविधान को भङ्ग कर देना-भृत्, ( पु० ) १ कुम्हार | २ यम । - माणवः, मानवः, (५०) १ असाधारी। २ दण्डवारी संन्यासी -माथः, ( पु० ) राजमार्ग |-- यात्रा, ( स्त्री० ) १ बरात का जलूस | २ चढ़ाई। राज्य को जीतलेना ।- यामः, (पु०) १ यमराज | २ अगस्य | ३ दिवस । - वादिन, वासिन्. ( पु० ) द्वारपाल । रक्षक। -चाहिन्, ( पु० ) पुलिस का उच्च पदा- धिकारी । - विधिः, ( पु० ) १ दण्डविधान के नियम | २ फैौजदारी कानून । --विष्कम्भः (पु०) वह खंभा जिसके सहारे रई फेरी जाती है। - -