पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३६५

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( ३४८ ) तुरुष्क ( पु० ) तुर्की लोग तुर्थ (वि० ) चौथा। तुर्यम् ( म० ) चौथाई | चौथा हिस्सा | तुल ( धा० पर०) [तालति, तोलयति-तोलयते, तुलयति-तुजयते भी ] १ तोलना । २ सोचना विचारना। ३ उठाना। ऊँचा करना । ४ पकड़ना । पकड़े रहना १२ तुलना करना ६ वरावरी करना |७ तिरस्कार करना सन्देह करना ६ परीक्षा लेना | तुप (घा० परस्मै० ) [तुष्यति तु ] प्रसन्न होना। सन्तुष्ट होगा सन्तोष करना। ● तुषः ( पु० ) भुसी | -- ओसफण अनलः, ( पु० ) भूसी या चोकर की आाग 1- (०) उदकं, (न०) खट्टा जपागू खट्टा चाँवल का माँड़ प्रहः साः, ( पु० ) अझि । तुपार ( वि० ) ठंडा । कुहरे का ओस का - अद्रि गिरिः, -पर्वतः, ( पु० ) हिमालय पर्वत /- कणः, (पु० ) कोहरा या पाले की बूंद - कालः, ( पु० ) जाड़े का मौसम - किरणः, - रश्मिः, ( पु० ) चन्द्रमा-गौर, (वि०) बर्फ की तरह सफेद । बर्फ के कारण सफेद । ( पु० ) 1 कपूर | तुषार: (पु०) १ कोहरा | सर्दी । २ व ३ ओस 1 ४ पाला । यौछार | तुषिनाः (बहु० पु० ) उपदेवता जिनकी संख्या १२ या ३६ यतलायी जाती है। तुष्टः (व० कृ० ) 5 प्रसन्न । सन्तुष्ट २ जो प्राप्त हो उससे सन्तुष्ट और प्रप्राप्त प्रत्येक वस्तु से विरक्त । तुष्टिः ( स्त्री० ) सन्तोष । प्रसन्नता । आनन्द्र | तुष्टुः ( पु० ) कान में पहिनने का रत्न । तुलनं ( न० ) १ तौल । २ उठान | तुलना । तुलना ( स्त्री० ) १ समानता । २ मौत । ३ तन- मीना। ४ उठाना ऊपर करना। परीक्षा करना। तुलसी (स्त्री० ) वृण विशेष जो विष्णु को परम प्रिय है। तुला ( श्री० ) १ शराजु तम्ररी | २ नाए । बाँट --कूटः, ( पु० ) पासंगी तराजू कोटि: कोटी (स्त्री०) नूपुर- कोशः, कोपः, ( पु० ) परीक्षा विशेष : --दानं, ( न० ) अपने शरीर के वज़न के बराबर सुवर्ण आदि वस्तुएँ तौल कर उन्हें दान कर देना तुलादान कहलाता है -घटम, ( पु० ) बटखरा /- घरा, ( पु० ) 3 व्यापारी सौदागर | २ तुलाराशि 1--- --धारः, ( पु० ) व्यवसायी । सौदागर । परीक्षा, ( स्त्री० ) तुला द्वारा परीक्षा का विधान विशेष | -पुरुषः, ( पु० ) सोलह प्रकार के महादानों में से एक दान /- ग्राहः, (पु० ) तराजू की डोरी या डंडी (-यानं, (न० ) - यष्टिः, ( पु० ) तराजू की डॅडी । चीजें, (न०) घुँघची के दाने (सूत्रं, (न० ) तराजु की ढोरी । -- | अंशुः ( पु० ) -करः, - किराः, - तुहिन (वि० ) शीत | अकड़न ऐंठन । (शीत के कारण ) -युतिः, रश्मिः, (१०) श्चन्द्रमा २ कपूर | -अचलः ( पु० ) अदिः ( go ) - शैलः, (पु० ) हिमालय पर्वत (कण (पु०) ओस की बूंद शर्करा, (स्त्री० ) वर्क। तू (धा० उभय०) [ तूणयति, तूयते] सकोदना । [ तूणयते ] भरना। परिपूर्ण करना । तूणः ( पु० ) तूणीर | तरकस 1-धारः, ( पु० ) धनुषधारी | तुलित (व० कृ० ) १ तोला हुआ । २ मिलान किया हुआ । तुल्य ( वि० ) ३ एक ही प्रकार का या एक ही श्रेणी तुरखीर } (स्त्री० ) सरकस । का | बराबर का । समान । सदृश | २ उपयुक्त | | तूर: ( पु० ) १ दाड़ी रहित पुरुष | २ विना सींग का बैत । २ कसैला जायका १४ हिजड़ा। तूर् (धा० आत्म० ) [तूयतें, तूर्ण] १ तेजी से जाना। एक सा। अभिन्न दर्शन, (वि० ) समान दृष्टि से देखना। - पानं, (न०) एक साथ पीना । --रूप, (वि० ) समान। सदृश 1 जल्दी करना । २ चोटिल करना वध करना। तूरं ( न० ) सुरदी। एक प्रकार का बाजा । वर (वि० ) १ कसैले स्वाद का । २ दादी रहित ।