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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३५९

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तातन तातन. ( पु० ) सअन पक्षी | तातलः ( पु० ) १ रोग | २ लोहे का डंडा | लोहे की तेज नोंक की कील | ३ रसोई बनाना पकाना। ४ गर्मी । ( ३५२ ) तातिः ( 50 ) औलाद । ( स्त्री० ) सातस्य । पारम्पर्य वंशानुक्रम | तात्कालिक (वि० ) [ स्त्री० -तात्कालिकी ] समकालीन । २ समीप का। उसी समय का। तात्पर्यम् (न० ) आशय । निष्कर्षं। श्रंभिप्राय तात्विक ( वि० ) सत्य असली वास्तविक परमावश्यक | 1 तादात्म्यम् ( न० ) एक ही स्वभाव का । समान। तादृक्ष (वि० ) [ स्त्री० -ताक्षी] बैसा तादृश् ( वि० ) [ सी०लाशी] उसकी तरह। तानं ( न० ) 1 तनाव फैलाव | २ ज्ञानेन्द्रिय | तानः ( 50 ) 1 सुत | रेशा । २ ( गान में ) तान तानवं ( न० ) दुबलापन। स्वल्पता । तानूरः ( पु० ) भँवर | तांत ) (वि०) १ थका हुआ। शिथिल । परिश्रान्त तान्त) पीड़ित सन्तस ३ मुझया हुआ। कुम्हलाया हुआ | तांतवं तान्तवम् जाला कपड़ा तांत्रिक तान्त्रिक) }ट्टी 0 (वि० ) [खी० -तान्त्रिकी] किसी कला या सिद्धान्त में भली भाँति सुपरिचित २ तंत्र सम्बन्धी ३ तंत्रों में सुपठित तांत्रिक तान्त्रिक }(पु’ ) तंत्रों को मानने वाला । तापः ( पु० ) : गर्मी अमक धधक २ पीड़ा | कष्ट | २ शोक | दुःख 1- त्रयं, ( न० ) वीन प्रकार के फष्ट ( यथा आध्यात्मिक, आधिदैविक और आधिभौतिक) -हर, (वि० ) शान्ति- दायी। तात्र तापस (वि० ) [ सी० -तापसी ] तपस्या या सपस्वी सम्बन्धी २ साधु । धर्मनिष्ट । भक्ति पूर्ण तापसः ( पु० ) [ स्त्री०- तापसी ] साधु । संभ्यासी । तपस्वी । इष्टा (स्त्री० ) वाश दाख । अंगूर ।-~~तरुः,—द्रुमः, (पु० ) इजुदी गुण । [पुष्प | तापस्यं ( न० ) तपस्या | व्रतचर्चा | तापिन्छः ( पु० ) तमालवृध अथवा इस वृद्ध के तापी (स्त्री० ) १ लापती नदी | २ यमुना नदी । तामः ( पु० ) १ भयप्रद वस्तु २ कसूर | अपराध | दोष भूल त्रुटिं। ३ चिन्ता । कष्ट । ४ अभि जापा। तामरम् ( न० ) 1 जल | २ मक्खन | तामरसं (न० ) १ लालकमल । २ सोना तांबा तामरसी (स्त्री० ) तालाब जिसमें कमल हो। तामस ( वि० ) [ श्री०- तामसी ] १ कृष्ण काला | २ तमोगुणी | ३ धज्ञानी ४ दुष्ट तामसं ( न० ) अन्धकार । तामसः ( पु० ) दुष्टजन अधमजन अग्निद् । २ सौंप । २ घुघ्घू ! उल्लू | तामसी (श्री॰ ) १ कृष्णपक्ष की रात । २ मिला। उपाधि तामसिक ( वि० ) [ श्री०- तामसिकी ] चैंषि यारा। समस् सम्बन्धी । तमस् से उत्पन्न या निकला हुआ। तामिस्र: ( पु० ) नरक विशेष | तांबूलं ताम्बूलम् ) ( म० ) पान करकः, -पेटिका, (बी०) पानदान विल्हरा-दा- धरः, -वाहकः, (पु० ) नौकर जो अपने मालिक के साथ पानदान लिये हुए डोले और जहाँ जरूरत पड़े वहाँ पान खिलावे।चलो (स्त्री०) 1- पान की वेल । तांलिका ) ताम्बूलिकः) ( पु० ) तंबोली | तापनः ( पु० ) १ सूर्य २ ग्रीष्मऋतु ३ सूर्य- कान्तिमणि १ ४ कामदेव के ब्राणों में से एक बाण ताम्बूली ) ( स्त्री० ) पशन का पौधा का नाम । तायनम् ( न० ) १ जलन | २ कष्ट । ३ दरड | ताम्र (वि०) तांबे जैसे लाल रंग का 1-~अक्षः, (पु०) १ फाक १२ कोयल अर्धः, (पु० ) काँसा ।