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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३५८

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तषित ( ३५१ ) उर्षित (०) अभिलाषी । इच्छुक । नहि ( ) १ उस समय । २ उस दशा में 1- यदा तर्हि, (वि०) जब तब (~-यदितर्हि, (न०) यदि तब । – कथं तर्हि, (न० ) तब कैसे ? तलं ( न० ) १ १ सतह । २ हथेली | ३ तलवा | | तात त ( वि० ) १ चिरा हुआ | कटा हुआ । छैनी से बीला हुआ। २ सम्हारा हुआ। तथ ( पु० ) १ यहई | २ विश्वकर्मन | तस्करः ( पु० ) चोर डाँकू । तस्करी (स्त्री० ) व्यसनो खो । तस्थु (वि० ) अचव स्थिर | पद की अपकृष्टता । ७ तलदेश | निम्न देश । ताक्षण्यः ताक्ष्णः } ( पु० ) बढ़ई का पुत्र 1 तली । पैंदी I-- अङ्गुलिः, ( स्त्री० ) पैर को | ताच्छीलिकः ( पु० ) विशेष प्रवृत्ति, झुकाब या उँगुली। - प्रतलं, (न० ) सात नाटकों में से स्वभाव सूचक प्रत्यय विशेष | एक ईक्षणः, ( पु० ) सुश्रर । — उदा, (स्त्री० ) नदी । - घातः, ( पु० ) थप्पड़ | चपेटा । - तालः, ( पु० ) बाजू विशेष - श्रं, - - वारखं, (न० ) धनुर्धरों का चमड़े का दस्ताना i – प्रहारः, ( पु० ) थप्पद - सारकं, (न०) ज़ेरबंद | तंग | अधोबंधन | तलकं ( न० ) बड़ा तालाव | तलतः (अव्यया० ) पैंदी से । तलाची (स्त्री० ) चढ़ाई। तलिका (स्त्री० ) ज़ेरबंद | तंग | अधोबंधन | तलितं ( न० ) तला हुआ माँस । तलिन (वि० ) १ पतला दुबला | लटा । २ कम | थोड़ा | ३ साफ | स्वच्छ | ४ नीचे का ५ पृथक तलिनं (न० ) विस्तरा। चारपाई। पलंग कोच तलिभं ( न० ) १ पत्थर जड़ा हुआ फर्श | २ चारपाई । खाट । ३ पाल। तिरपाल | चंदोवा | ४ लंबी तलवार या छुरी। तलुन: ( पु० ) हवा । पवन सल्कं ( न० ) जंगल | तल्पं ( न० ) ) १ चारपाई । पलंग । सेज । २ तल्पः ( पु० ) ) स्त्री भार्या ( यथा गुरुतल्पग ) ३ गाड़ी में बैठने का स्थान । ४ सकान के ऊपर की मंजिल । गुम्मठ | तल्पकः ( पु० ) वह नौकर जिसका काम चारपाई बिछाने का हो । तल्लजः ( पु० ) उत्तमता । सर्वोत्कृष्टता प्रसन्नता । यथा- गोतल्लजा, कुमारीतल्लजा । तल्लिका (पु० ) ताली । तल्ली ( स्त्री० ) जवान स्त्री। ताटक है ताटङ्कः ) (पु० ) कान का बाला। श्राभूषण विशेष | ताटस्थ्यम् ( न० ) १ सामीप्य । २ अनासक्ति | उदासीनता। उपेक्षा | ताड ( पु० ) १ प्रहार । ठोकर २ कोलाहल । ३ भ्यान । परतला । ४ पर्वत । पहाड़। ताडका ( स्त्री० ) एक राक्षसी जिसे श्रीरामचन्द्र जी ने विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा करते समय जान से मारा था। वह सुकेतु की बेटी, सुन्दर की भार्या और मारीच की माता थी। ताडकेयः (पु०) ताड़का का पुत्र। मारीच की उपाधि । ताडंकः, ताङङ्कः(४०) } हाड़पत्र | ताडनं (न०) मारना। कोड़ मारना। कोड़ा लगाना । ताडनी ( स्त्री० ) कोड़ा। चाबुक । | ताडि: ( पु० ) ) १ एक प्रकार का खजूर वृछ । २ ताड़ी (स्त्री० ) ) आभूषण विशेष । ताड्यमान (वि० ) पिटा हुआ । ताड्यमानः ( पु० ) वाद्ययंत्र विशेष । एक प्रकार का बाजा, जो लकड़ी से बजाया जाय। जैसे ढोल तांडवः, ताण्डवः ( पु० ) १ नृत्य | नाच | तांडवम्, ताण्डवम् ( न० ) २ विशेष कर, शिव जी का नृत्य विशेष । ३ नाचने की कला | ४ एक प्रकार की घास। -प्रियः, (पु० ) शिव जी तातः ( पु० ) पिता । अपने से उम्र में छोटों के लिये सम्बोधन का शब्द विशेष। यह शब्द अपने से बडों प्रतिष्ठा सूचक सम्बोधन की तरह किया जाता है - गु. ( बि० ) पिता के अनुकूल 1- गुः (पु० ) ताऊ | चाचा । युक्त