पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३५४

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

( २४७ ) तवीय । तदीय ( चि० ) उसका। उनका तहत् (वि०) उसके समान समानता से। तन् (धा० उभय० ) [ तनोति, -तनुते, तन । तम्यते, तायते । तितंसति, तितांसति नित निपति ] १ फैलाना। पसारना । लंबा करना । २ ढकना परिपूर्ण करना ३ पूरा करना ४ रचना करना। लिखना। ५ झुकाना ( धनुष को ) तनयः (पु० ) पुत्र । २ नर औलाद | तनया ( स्त्री० ) लड़की । पुत्री । तनिमन् (पु० ) छुटाई। सूक्ष्मता पतलापन | सनु (वि०) [ श्री०- सतु, तन्वी] १ पतला दुबला | लटा हुआ | २ कोमल मुलायम ३ मिट्टीन। ४ छोटा बोना कम | थोड़ा । परिमित २ तुच्छ ६ छिछला पायाव ( नदी ) । (श्री० ) शरीर देह । २ ( बाहिरी ) रूप | आकार ३ स्वभाव | ४ वर्म | चाम 1 श्रङ्ग, (वि०) दुयला पतला कोमल अङ्गी (स्त्री०) दुबली पतली स्त्री | नजाकत वाली औरत /~-कूपः, ( पु० ) रोमों के छेद /-छेदः, ( पु० ) कवच | जरह- दक्खतर-जः, (पु० ) पुजा (स्त्री० ) पुत्री यज् (वि० ) अपने प्राणों को i तत्र, तम्बम् -हं, ( म०) श्रोम खोम (पु० भी होता है ) । २ पर-रु (पु० ) पुत्र | तंतिः ) ( स्त्री०) : रेखा । वृत्तांश की सरल रेखा | तन्तिः । डोरी २ पंक्ति अवली-पालः, ( पु० ) गौओं की हेड़ों का रखवाला । २ विराट् राज के यहाँ रहते समय सहदेव ने अपना बनावटी नाम सतपाल ही रखा था। तंतुः (५०) १ डोरा सूत | तार डोरी धारी। २ १ श्रौलाद | जाति । ५ जलजन्तु विशेष | ६ परवा | -कीटः, (पु० ) रेशम का कीड़ा 1-नागः, ( पु० ) बृहद् अक्षजन्तु विशेष निर्यासः, ( पु० ) वृष विशेष - नामः, (पु० ) मफदी। -भः, ( पु० ) १ राई के दाने २ बा वायं, (न० ) बाजा जिसमें तार या डोरी लगी हों !-वानं, (२०) बुनावट/वापः, (पु०) १ जुलाहा कोरी | २ करवा ३ सुनाई/-विग्रहा ( स्त्री० ) केला - शाला, ( श्री० ) कपड़ा बिनने का घर। -सन्तत, (चि० ) बिना हुआ। सिक्षा हुआ-सारः, ( पु० ) सुपारी का यूप तंतुकः t खतरे में डालने वाला। मरने वाला त्याग, तन्तुकः ( पु० ) राई के दाने । ( वि० ) थोड़ा थोड़ा खर्च करने वाला कंजूस तंतुणः, तन्तुणः ऽ मत्स्य | तंतुनः तन्तुनः ) ( पु० ) जलजन्तु विशेष शार्क ——त्रं,—त्राएं, (न० ) वयच ! भवः, (ख), तंतुरं, तन्तुरंत } ( न० ) कमलनाल का देशा। तंतुलं, तन्तुल - पुत्र | - भवा ( स्त्री० ) पुत्री 1-भखा, ( श्री० ) नाक । -- भूसू, ( पु० ) जीवधारी | प्राणधारी मध्य, ( वि० ) पतली कमर वाला।-रसः, ( पु० ) पसीना पसेव | रुह, यहूं, (न० ) शरीर के रोम | वारं, (न० ) कवच -त्रणः, (पु० ) मुहासे । -सञ्चारिणी, तंत्रयति, - तंत्रयते - शासन करना । हुकूमत करना । २ परवरिश करना। पालन पोषण { करना । ( स्त्री० ) दस वर्ष की उम्र की लड़की। युवती | तंत्रं ) (न०) किरघा | २ सूत | ३ ताना ॥ २ वंश | २ प्रविच्छिन्न (वंश) परंपरा | ६ कर्मकाण स्त्री ।!~~-सरः, ( पु० ) पसीना ।-~-हृदः (F०) | तन्त्रम् गुदा मलद्वार | J तनुल (वि०) फैला हुआ बड़ा हुआ। तनुस् (न० ) शरीर । पद्धति । ७ मुख्य विषय | सिद्धान्त | नियम | कल्पना विज्ञान ७ परतंत्रता | पराधीनता १० विज्ञान शाख ११ अध्याय | पर्व | १२ तंत्र शास्त्र | १३ मंत्र तंत्र | १४ मुख्य या प्रधान तंत्र १५ दबाई १६ शपथ १७ पोशाक १८ किसी कार्य के करने की ठीक ठीक पद्धति १६ राजकीय परिवार। दरवारी | २० प्रान्त | प्रदेश । J तनू ( स्त्री० ) शरीर 1-ऊद्भवः, -अः, (पु० ) पुत्र उद्भवा-जा ( स्त्री० ) पुत्री - नपुं, (न० ) धी-नपातू ( पु० ) ग्राम | तंत्र ) (धा०] उभय० ) [ तन्त्र ) तंत्रित] संयम में करना