( ३४६ ) तदानीतन तड़ ( वा० उभय० ) [ ताड़यति-ताड़यते, ताडित ] | सनत्य, ( अव्यमा० ) वहाँ होने वाला । वहाँ की मारना। सितार आदि के तारों को बजाना। तडगः ( वि० ) देखो तड़ाग तडागः ( पु० ) तालाव। गहरी पुष्करिणी । तडाघातः (पु०) तटाघात । तटों में टक्करों का लगना । तडित् (स्त्री०) विजली । विद्युत । -गर्भः, (पु० ) यादव।--जता (स्त्री० ) वस्तु /- भवत्, (वि० ) पूज्य: पूजनीय | तत्पर ( बि० ) तैयार स तत्परायण (वि० ) तदासक। उसीमें लगा हुआ। | तत्पुरुषः (पु०) १ परमात्मा | २ समास विशेष | तथा ( श्रव्यया० ) साम्य | वैसे ही । निश्चय |-त्र, (अन्यथा०) जैसा कि हि (अभ्यय०)दष्टान्त | उदाहरण शाखों में विभक्त तथापि ( अव्यया० ) तोभी। ताहम । तथैव (अव्यय०) तिस पर भी। ठीक वैसा ही। -च, (अव्यया० ) इसी तरह उसी तरह तथात्वं ( न० ) १ ऐसा होने पर ऐसी दशा में। २ सत्य । विद्युत रेखा-लेखा, (स्त्री०) विजली की रेखा । तडित्वत् (चि० ) विजली याला । (पु०) बादल | तडिन्मय (वि० ) बिजली से सम्पन्न ! तंडू ) ( धा० चा० ) [ तगडते, तरिडत ] तगड़े) मारना । तण्डकः } (पु० ) खञ्जन पछी । तंडुलः ) (50) छिलका निकले हुए चावल । अनाज तथ्य ( वि० ) सत्य । वास्तविक असली तराहुलः ) के चार रूप हैं- यथा शस्य, धान्य, सगडुलतथ्यम् (न०) सचाई । वास्तविकता। असलियत । और अब । चारों की अलग अलग परिभाषा | तद् ( स० ) पूर्वकथित पहिले कहा हुआ - इस प्रकार हैं:- अनन्तरं, (अन्य ) ठीक उसके पीछे उसके शरूयं गत मोफ चितुष: तडुल मोल चान्यनुष्य तत (व० कृ०) फैला हुआ। बढ़ा हुआ ढका हुआ | ततम् ( २० ) तारों बाजा बाजा। 1 ततस् (ततः ) (अव्यया० ) १ उससे तय से । २ यहाँ यहाँ से ३ तब। जिसके पीछे पश्चात् पीछे से चव चन्ततोगत्वा । इसलिये | २ ऐसी हालत में ६ उसके परे आगे और आगे ७ सदपेक्षा उसके अलावा या अतिरिक्त । ततस्त्य (वि०) वहाँ से आया हुआ। तति (अव्यया ) ३ इतने अधिक २ संख्या | दल समूह | ३ यज्ञकर्म बाद । -प्रतु. (धन्य०) उसके बाद पीछे से । -~ध्यन्त (दि०) इस प्रकार समाप्ति। -अर्थ- अर्थीय, (वि०) यह अर्थ रखते हुए।अवधि, ( अव्यया० ) १ यहाँ तक इस समय तक सब तक । २ सब से। उस समय से । एकचित्त. (वि० ) अपने मन को नितान्ततया उस पर जगाये हुए-कालः, ( पु० ) वर्तमान क्षण | वर्तमान समय --कालं, (अव्यया० ) तुरन्स फौरन /~क्षां, क्षणातू, ( अय्यया० ) तुरन्त फौरन / किय, (वि०) बिना मज़दूरी लिये काम करने वाला क्षः, (पु० ) बुद्धिमान जन। विज्ञान /-तृतीय, (वि०) तीसरी बार यह कार्य करने वाला। -धन, (वि० ) कंजूस । लालची /~पर, ( वि० ) उसके पीछे का उसके बाद का अवकृष्ट | । तत्वं ( न० ) ( "तत्वं" भी लिखा जाता है) वास्तविक दशा या परिस्थिति। २ वास्तविक या सत्यरूप | ३ सच्चाई | ४ निष्कर्ष । ५ यथार्थ रूप । ६ परमात्मा बहात्व । ७ यथार्थ सिद्धान्त म मन १३ नृत्य विशेष । १० वस्तु | ३ सांख्य के मतानुसार पचीस पदार्थ । m तदा (अन्य ) १ तब | उस समय | २ उस दशा में। -मुख, (वि० ) श्रारम्भ किया हुआ। प्रारम्भ किया हुआ (मुखं, (न०) आरम्भ। प्रारम्भ | तदात्वं ( न० ) उस समय में वर्तमान समय । 1 समकालीन | तत्त्वतः ( अभ्यया० ) यथार्थतः । वस्तुतः । तत्र ( [अव्यया० ) १ वहीं उस स्थान पर । २ उस | तदानीम् (अव्य०) तब | उस समय । अवसर पर तय | तदानींतन ( वि०) उस समय का
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