( ३४२ ) गणं म् झाटः ( पु० ) लताच्छादित स्थान कुआ। २ : मिली: (श्री० ) झींगुर वाद्ययंत्र विशेष | बाजा विशेष । किल्लिका (स्त्री०) कींगुर। धूप या धाम का प्रकाश झाट वन उपवन क्रिष्टि } ( स्त्री० ) एक प्रकार की झाड़ी। भिरिका (स्त्री० ) झींगुर मिलिः ( स० ) र २ लॅप की बत्ती ३ रोशनी । प्रकाश । चमक ।——कण्ठा, ( 5 ) पालतू कबूतर | ड 1 नागरी वर्णमाला का दसवों ध्यान जो वर्ग | अः (पु० ) बैल २ शुक्र | ३ पेंदी ही चाल का पाँचवाँ वर्ण है। इसका उच्चारण स्थान तालु ४ सङ्गीत गान २ घर्धर शब्द | और नासिका है। इसका प्रयक्ष स्पर्श घोष अल्प है। ट संस्कृत वा नागरी वर्णमाला का हारहयों व्यवन और टवर्ग का प्रथम अक्षर इसका उच्चारण स्थान मूर्दा है ! इसके उच्चारण में तालू से जीभ लगानी पड़ती है। चमक | झीरुका ( बी० ) झींगुर
- ) (०) । २ झाही ।
झोड: ( पु० ) सुपारी का पेड़। ] कसना | २ दफना टंकू (धा० उभय ) [ 3 वाँधना । लपेटना आच्छादित करना | टंकः, टङ्क ( पु० ) ३१ कुदाली कुल्हाड़ी छैनी । टंक, टम् (न० ) ) २ तलवार ३ तलवार म्यान । ४ पहाड़ी का ढाल । ५ द्वार ७ टांग। ट हो पतिः ( पु० ) टकसाल का प्रधाना- ध्यशाला. (स्त्री० ) टकसालघर | टः ( पु० ) १ धनुष की टंकार २ चतुर्थीश २ | टंक ) (पु० ) १ घोड़े की जाति विशेष शपथ ४ पृथिवी । ५ नारियल की नरेरी ६ टंकनः, टङ्कनः बीना। २ जाति विशेष के मनुष्य 1 टुक, टङ्क (०) सुहागा | टंकनं, टङ्कनम् - क्षारः, (पु० ) सुहागा टङ्कार ( पु० ) १ रोदे के टंफोर की आवाज़ | २ हाऊ हाऊ शब्द । चिल्लाइट चीत्कार का शब्द। टंकारिन् ) ( वि० ) [ स्त्री० टङ्कारिणी] टंकारने टङ्कारिन् । की टंकिका ६ अड्डा ( स्त्री० ) कुल्हाड़ी | - टंगः, टङ्ग ( पु० ) ) टंग टङ्गम् (न० ) ) फावड़ा। कुदाली कुल्हाड़ी टङ्गणः ( पु० ) टंकक: ( पु० ) चांदी का सिका जिस पर ठप्पा लगा टंगणं दङ्गणम् ( न० ) ) मुहागा । टंका है (स्त्री० ) टाँग | का टंग