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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३४७

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ज्येप्र ( ३४० ) बीच का । पुराना | २ सर्वोत्कृष्ट । सर्वोत्तम । ३ । ज्योतिस ( न० ) अधिकतर बड़ा । ४ अधिकतर वयस्क । बालिग़ | ( पु० ) सूर्य ज्येष्ठ ( दि० ) १ जेठा । सब से बड़ा | २ सर्वोत्तम । ३ मुख्य | प्रधान प्रथम श्रंशः (पु० ) १ बड़े भाई का हिस्सा २ पैतृक सम्पत्ति का वह विशेष हक जो सब से बड़े भाई को ( सब से बड़ा होने- के कारण ) प्राप्त होता है । ३ सर्वोत्तम भाग । -अंधु, (न०) १ पानी जिसमें अनाज धोया गया हो । २ माँड । भात का पसावन । – आश्रमः, ( पु० ) १ सर्वोत्तम अर्थात् गृहस्थ आश्रम | २ गृहस्थ । ~तातः, ( पु० ) साऊ | पिता का वड़ा भाई। वर्णः, (पु०) सब से ऊँची जाति अर्थात् ब्राह्मण जाति। --वृत्तिः, (पु०) बड़ों का कर्त्तव्य - श्वश्रूः, (स्त्री०) १ भार्या की बड़ी बहिन । बड़ी सरैज या साली। ज्येष्ठः (पु० ) १ जेठाभाई। सब से बड़ा भाई | २ ज्येष्ठ मास । ज्येष्ठा ( स्त्री० ) १ सय से बड़ी बहिन । २१८ वाँ नक्षत्र | ३ मध्यमा अँगुली । ४ छपकली । बिस्तुइया | १ गङ्गा का नाम ज्यैष्ठः ( पु० ) चान्द्र मास विशेष। जेठ मास । ज्येष्टी (स्त्री०) १ ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा २ छपकली | विस्तुइया । ज्यैष्ठ्य (नू० ) जेठापन | २ मुख्यता | प्रधानता । ज्यो ( चा० आत्म० ) [ स्त्री० - ज्यवते ] १ परामर्श देना । निर्देश देना । २ व्रत रखना । ज्योतिर्मय ( वि० ) ताराओं से सम्बन्ध युक्त । नचत्रों का | ज्योतिष ( वि० ) ( गणित या फलिस ) ज्योतिष सम्बन्धी :- विद्या, (स्त्री० ) नक्षत्रविद्या | ज्योतिषः ( पु० ) १ छः वेदाङ्गों में से एक । ग्रहादि की गति, स्थिति, आदि जानने वाला। } ( पु० ) नक्षत्र | तारा । । योतिष्मस् (वि० ) १ चमकदार । चमकीला २ स्वर्गीय | ( ० ) सूर्य व्योष्मिती (स्त्री० ) १ रात । २ मन की शान्ति । ज्योतिषी ज्योतिष्कः ज्वालः १ प्रकाश । प्रभा । चमकीला

-ङ्गिः, इडयः, ( पु० )

जुगनू /–कणः, ( पु० ) भाग की चिनगारी । ---गणः, ( पु० ) नवन्न या ग्रह समूह - चक्रं, (न०) राशिचक क्षः (पु०) ज्योतिषी । -मण्डलम् ( न० ) ग्रहमण्डल - रथः, ( ज्योतीरथः ) ध्रुवतारा । -विद्, ( पु० ) ज्योतिषी । - विद्या, (स्त्री०) --शारखं, (न०) ग्रह नक्षत्रादि की गति और स्वरूप का निश्चय कराने वाला शास्त्र | -स्तोमः, ( पु० ) यज्ञ विशेष जिसे सम्पन्न करने के लिये १६ कर्मकाण्डी विद्वानों की आवश्यकता होती है। ज्योत्स्ना ( स्त्री० ) १ जुन्हाई | २ प्रकाश | चाँदनी । - ईशः, (पु० ) चन्द्रमा :- प्रियः, ( पु० ) चकोर पक्षी ।वृक्षः, ( पु० ) १ शमादान | डीवट | २ मोमबत्ती । ज्योत्स्नी (स्त्री० ) चाँदनी रात । ज्योः (पु० ) बृहस्पति ग्रह ज्यौतिपिकः ( पु० ) दैवज्ञ | गणक | ज्योतिपी। ज्योत्स्नः ( पु० ) शुक्ल पक्ष ज्वर् (धा०प० ) [ ज्वरति, जूर्ण, ] १ ज्वर आना। २ रोगी होना। बीमार होना। ज्वरः (पु० ) १ बुखार ताप २ मानसिक व्यथा । पीड़ा । क्लेश । --अग्निः ( पु० ) ज्वर का चढ़ाव 1 ---प्रशः, ( पु० ) ज्वरान्तक दवा |---- प्रतीकारा, ( ० ) ज्वर की दवा या ज्वर तूर करने का उपाय । ज्वरित ) ( वि० ) ज्वर चढ़ा हुआ । ज्वर से ज्वरिन् । आक्रान्त | ज्वलू (घा०प०) [ ज्वलति, ज्वलित, ] १ दहकना । २ जलजाना। ३ उत्सुक होना। ज्वलन ( वि० ) १ दाइकारी दहकता हुआ । २ जल उठने वाला । ज्वलनं ( न० ) जलन | दहकन्छ । भभक | ज्वलन (पु०) आग | २ तीन की संख्या ज्वलित (वि० ) जला हुआ। प्रकाशमान । ज्वालः ( पु० ) १ प्रकाश। शोला । २ मशाल ।