पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३३७

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जवूल जंबूलः } (५०) वृक्ष विशेष । जम्बूलः अंभः ) ( पु० ) १ दाँत २ जाँचा | ३ भक्षण जम्भः ४ कुवरना | काटकर टुकड़े टुकड़े कर डालना। ( ३३० ) २ भाग श६ तरकस तूहीर । ७ ठोड़ी। ● जमुहाई। ३ इन्द्र द्वारा हत एक दैत्य १- नीबू या जंभीरी का पेड़ |-धरातिः - द्विष् मेदिन्. रिपुः, ( वि०) इन्त्र अरि: (पु०) - १ भाग २ इन्द्र का यत्र ३ इन्द्र | अंभका, जम्भका जंभा, जम्भा (स्त्री०) जमुहाई। उवासी। जंभः, जम्भः (पु०) नीबू या जंभीरी का वृक्ष | यावद, जंभीरः, जम्भीर: } जयः (पु० ) विजय सफलता जीत [ बुद्ध या जुआँ या मुकदमे में) । २ संयम निग्रह | इसूर्य ४ इन्द्रपुत्र जयन्त । ५ युधिष्ठिर | ६ विष्णु के द्वार पालों में से एक । ७ अर्जुन की उपाधि | ८ पताका विशेष | ४ मार्ग | १ ज्योतिष में३ या १३शी तिथियां ( वि०) विजयायी। विजय देने वाला उजुर ( वि० ) विजय प्राप्ति के आनन्द में नृत्य करने वाला कोलाहलः, (पु० ) १ जयजयकार | २ पौंसों का खेल विशेष - घोषः, - घोषणं (४०) घोषणा (स्त्री०) विजय का हिंढोरा। - ढक्का (स्त्री० ) विजयसूचक ढोल का शब्द । -पत्रं, (न०) विजय का लेखा (पालः, (पु०) १ राजा | २ ब्रह्मा | ३~पुत्रकः, (पु०) एक प्रकार का पौसा-मङ्गलः, (५०) शाही हाथी । २ ज्वर की दवा। -वाहिनी, (स्त्री०) शची देवी की उपाधि /-शब्दः ( पु० ) 1 जयजयकार । २ जय स्तम्भः ( पु० ) विजय का स्मारक - स्वरूप स्तम्भ | 1 जयनम् ( न०) १ जीत विजय २ घुड़सवारों तथा हाथी सवारों आदि का कवच । -युज्, ( वि० ) १ विजयी | २ बहुमूल्य साज सामान से सजा हुआ घोड़ा आदि । जयन्तः (पु० ) १ इन्द्रपुत्र २ शिव ३ चन्द्रमा | -पत्रम् ( न० ) जज का लिखा हुआ फैसला। जरा पत्र | अश्वमेधीय घोड़े के माथे पर बँधा हुआ विजय [ दुर्गा का नाम । जयन्ती (स्त्री०) १ पताका | ध्वजा | २ इन्द्रपुत्री | ३ जयद्रथः (१०) दुर्योधन का बहनोई जो सिन्धु देश का राजा था। यह दुःशला का पति था। अर्जुन के हाथ से यह महाभारत के युद्ध में मारा गया था। जया (स्त्री० ) १ दुर्गा की परिचारिका का नाम । जयिन् ( चि० ) १ विजयी सफल। मुकदमा जीतने वाला १३ मनोहर मन को वश में कर लेने वाला ( पु० ) विजयी । जयी । 1 जय्य (वि०) जीतने योग्य जो जीता जा सके। अरठ (वि०) सख्त कड़ा। ठोस जर्जरित । निर्वल ४ पूरा बढ़ा हुआ पका हुआ। ५ निठुर। नृशंस | जरठः ( पु० ) पागडु राजा का नाम । जरण ( वि० ) बूढ़ा अर्जरित । निर्बल | अरत् ( वि० ) १ बूढ़ा पुरनिया २ कमज़ोर जर्जरित/कारुः, (पु० ) एक महर्षि का नाम जिसने वासुकी की बहिन के साथ शादी की थी। -गवः, (९० ) व बैल | | जरती (स्त्री०) चूड़ी स्त्री सुड़िया। जरन्तः (पु०) १ बुढ़ा आदमी । २ मँसा | जरा ( श्री० ) १ २ निर्बखता | बुदाई । ३ 1 । J पाचनशक्ति ४ एक राचसी का नाम जिसने जरासंध के शरीर के दो टुकड़ों को जोड़ा था। अवस्था (स्त्री० ) वाक्य। जीता - जी, (दि० ) बुड़ापे के कारण नियंत कम- शोर । --सन्धः, (५०) यह बृहद्रथ का पुत्र था और मगध देश का राजा था। इसकी बेटी फंस को व्याही थी। जब उसने सुना कि श्री कृष्ण ने इसके दामाद को मार डाला है; तब इसने १८ बार मथुरा पर धड़ाई की। इसकी चढ़ाइयों से तंग आकर यादवों को मथुरा त्यागनी पड़ी और वे मथुरा से सुदूर धौर समुद्रस्थित शरकापुरी में जा बसे थे। अन्त में महाराज युधिष्टिर के राज- सूय यज्ञ में श्रीकृष्णचन्द्र जी की दुरभिसन्धि से भीम ने इसका वध किया था। - . बूढ़ा। ३ पका ।