पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३३२

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विदुर ( विदुर (वि०) १ काटनेवाला। विभाजित करनेवाला । २ सहज में तोड़ा जाने वाला ३ टूटा हुधा । अव्यवस्थित । ४ विपरीति २ गुंडा बदमाश छेवदार-अनुजीविनू, छिद्र (वि०) छिपा हुआ --अनुसम्धानिन, अनुसारिन्, धन्वेपिन्, - (वि०) दोपही | निन्दक /- अन्तरः, (पु०) बेरा । कुरो, नरकुल । ~आत्मन्, (वि०) जो अपनी निर्बलता ! छुरिका, बतला कर दूसरों को अपने ऊपर आक्रमण करने | छूरो का अवसर दे।-- - कर्मा, ( वि० ) डिदे हुए | कृष (च० प०) [छर्दति इर्दयति, वर्दयते] १जलाना। कानों वाला । - दर्शन. (वि० ) दोषप्रदर्शक सुलगाना। (उभय) [छगान्ति, झ] खेलना । ४ दोषान्वेषी । २ चमकना | ३ के करना। चि ( न० ) १ सूराख | छेद | सन्धि दरार | २ त्रुटि | दोष भूल । ३ निर्वल स्थान | निर्बल पक्ष सम्पूर्णता छिद्रित (वि०) १ छेदोंवाला | २ सुराख किया हुआ पास पास छोटे छोटे छिद्रों से युक्त चिस (व० कृ० ) १ कटा हुआ । चिरा गाया हुआ। २ नष्ट किया हुथा किया हुआ - केश, (वि० ) मुरिडत मुद्रा हुआ द्रुमः, (पु०) कटा हुआ पेड़- ( वि० ) सन्देह निराकृत - · नासिक, (वि० ) नकटा । —भिन, ( वि० ) आरपार चिरा हुआ। ~मस्त, मस्तक, (वि०) सिर कटा हुआ । -मूल, ( वि०) जब से कटा हुआ। श्वासः (पु०) एक प्रकार का दसे का रोग 1-संशय, (चि०) ) संशयहीन | सन्देह रहित । हुआ। अक्ष- स्थानान्तरित कुकुन्दर: (पु०) छछूंदर जन्तु | छुप ( धा०प० ) [ छुपति ] छूना | पः (पु०) : स्पर्श । २ झाड़ी | ३ युद्ध | लड़ाई | छुद ( धा०प० ) [ छोरति कुरति ] १ काटना | चीरना। २ खोदना | नफ्स बनाना। छुरणं ( न० ) मालिश | उबटन। ३२५ ) चारण हुरा (स्त्री०) चूना | कलई । सफेदी ! छुरिका (स्त्री०) चुरी चाकू | कुरिन (व० . ) जड़ा हुआ। २ फैलाया हुआ। ढका हुआ । २ गड्ढबड्ड किया हुआ। घोलमाल किया हुआ | ( स्त्री० ) चाकू | छेक (वि०) १ पालतू । हिजा हुआ । २ शहरुआ | नागरिक । ३ धूर्त अनुप्रासः, (पु० ) अनु- प्रास विशेष शब्द सम्बन्धी अलङ्कार-उतिः, ( स्त्री० ) रखेपकारी | कौशलपूर्वक दूसरे का अनुग्रह मात करने वाला। छेदः (४०) १ काटना | काटकर गिराना । तोड़ कर गिराना अद्धगाना। बाँटना २ सिद्धि | सफाई। स्थानान्तरकरण ३ नारा बाधा ४ अवसान । अन्त समाप्ति । ५ टुकड़ा हूँक | छेदनं (२०) १ काटना | फाड़ना। चीरना। अलगाना | २ विभाग | थंश भाग टुकड़ा २ नाश । स्थानान्तरकरण । } छेद (श्री० ) बड़ई। | छेड: (पु०) मातृपितृहीन बालक कुलक: (पु०) बकरा | वैदिकः (पु०) येत ।

छो (धा पर० ) [ व्यति, छाति या द्वित] (निजम्स) [ छापयति ] काटना । ( खेत की ) फटाई | (स्त्री०) चुकी । छोरणं ( न० ) त्याग |