पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३३१

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इन हिदिर: चन्दशा छात्रम् ( न० > एक प्रकार का शहद छादम् (२०) छप्पर वृत्त । छन्द पढ़ने वाला 1~-भङ्गः ( ५० ) के नियमों का उलङ्घन करने वाला। छन (वि०) १ ढका हुआ | २ छिपा हुआ कुमण्डः ( पु० ) मातृपितृद्दीन | रहस्यमय छादनम् (न०) १ पर्दा | आड़ | चिक | २ छिपाव | लुका ३ पत्ता ४ व इर्द (धा० उभय० ) [ इयति कृति ] वमन | काशिकः ( पु० ) बदमाश | गुंडा | करना । करना । छान्दस् (वि०) १ वैदिक । २ वेदाधीत | ३ पद्यमय छान्दसः (पु०) वेदज्ञ ब्राह्मण रक्षा | हिफाजत १३ घूंस रिश्वत छाया (स्त्री०) साया । परड़ाहों। २ प्रतिविम्य । ३ समानता। सादृश्य ४ भ्रम धोखा माया । झाँसा ११ रंगो को गड़बड़ी ३ चमक आव रंग ८ चेहरे की रंगत ६ सौन्दर्य | १० ११ पंक्ति | पांति । १२ अंधकार १४ दुर्गादेवी १६ सूर्यपत्नी का नाम 1-अङ्कः, ( पु० ) चन्द्रमा (हः, ( पु० ) शीशा | दर्पण -तनयः, - सुतः, ( पु० ) शनिग्रह - तरुः, ( पु० ) छायादार पेड़। द्वितीय, (वि०) अकेला।--पथः, (पु०) अन्तरिच आकाशमण्डल -- - भृत्, ( 50 ) चन्द्रमा - मानम्, (न०) छाया का माप (-- मित्रम्, (न०) छावा - मृगधरः, ( पु० ) चन्द्रमा |-यंत्र ( न० ) भूपधड़ी | छायामय ( वि० ) सायादार प्रतिविम्बित् । छिः (स्त्री०) गाली । धिक्कार | विका (स्त्री० ) छींक | वित्तिः ( स्त्री० ) कटन । विभाजन । चित्वर (बि० ) 1 काटने लायक । २ खुली । कपटी । धोखेबाज़ बदमाश | विद् ( भा० उमय० ) [ छिनति, छिचे, दिन] १ फाटना चीरना। सुनना तोड़ना । २ बाधा डालना। २ स्थानान्तरित करना। इटाना। नाश करना शान्त करना | नष्ट करना या कर डालना। वर्दः पु० वदनम् ( म० ) वादः ( स्त्री० ) (स्त्री० ) दिन (स्त्री० ) छलः ( पु० ) इलम् (न० ) १ दग़ा। चालाकी । धोखा | २ धोखावाजी । बदमाशी । ३ अभिप्राय | अभिप्राय | दुष्टता १६ यहाना। ४ मंशा मुलावा ७ बंदिश चमन । के। रोग | E लग्रति (कि० ) चलता है। धोखा देता है। इलनं ( नं० ) } धोखा देना। रुगना | छजना (स्त्री० ) इल्जि छलिकं ( न० ) नाटक या नृत्य विशेष | इलिन् (पु० ) धोखेबाज़ बदमाश | ) ( स्त्री० ) १ खाल चकता । २ लता } विशेष ३ सन्तान धौलाद। इचिः ( स्त्री० ) 1 रम चमड़े को रंगत । २ सौन्दर्यं । क्रान्ति ॥ ४ दमक 1 आथ | २ मा चर्म | छाग ( वि० ) बकरा सम्बन्धी भोजन, (पु० ) मेडिया:-~~मुखः, ( पु० ) कार्तिकेय - रथः, वाहनः, ( पु० ) अग्निदेव छागः (१०) [स्त्री०-छागी] १ वकरा २ मेषराशि | गम् (न) बकरी का दूध वागण: ( पु० ) अन्ने कंडों की आग छागल (वि०) [स्यी० - छागली] बकरा सम्बन्धी छागलः ( पु० ) बकरा | छात (वि० ) १ कटा हुआ । विभाजित | २ निर्बल । दुबला | लटा हुआ। छात्रः (पु० ) शिप्य । चेला-दर्शनम् (म० ) एक दिन रखे हुए दूध का ताज्ञा मक्खन - व्यंकः, ( पु० ) कुन्दन तालिवइम माथरी बुद्धि का विद्यार्थी । दिकं ( ० ) इन्द्र का वज्र | २ हीरा । हिदा ( स्त्री० ) काटना । विभाजित करना । विदिः (स्त्री० ) कुल्हाड़ी | २ इन्द्र का वज्र) | छिदिरः (पु०) १ कुल्हाड़ी | २ शब्द | ३ अग्नि 18 रस्सा |