पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३२२

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चारकः चारकः ( पु० ) १ भेदिया। जासूस | २ गड़रिया | गोपाल । ३ नेता। लीडर । ४ हाँकने वाला। गाड़ी चलाने वाला। सारथी । २ साईस घुड़सवार ( ३१५ ) चिकुरः चार्मण ( वि० ) [ स्त्री० –चार्मणी ] चर्म या चाम से ढका हुआ । चार्मणम् ( न० ) चमड़ा या ढालों का समूह | चार्मिक ( दि० ) [ स्त्री० धार्मिकी ] चमड़े का बना हुआ | चार्मिशं ( न० ) ढाल धारी मनुष्यों की टोली । चार्वाकः ( पु० ) १ नास्तिकवादी | २ महाभारत में उल्लिखित एक राक्षस जो दुर्योधन का मित्र और पाण्डवों का शत्रु था। चार्वी (स्त्री० ) १ सुन्दरी स्त्री | २ चाँदनी । ३ प्रतिभा । ४ चमक आ कान्ति ५ कुबेर की पत्नी का नाम । ६ बन्दगृह | चारणः ( पु० ) १ भ्रमणकारी । पर्यटक । तीर्थ- यात्री । २ घूमने फिरने वाला नट या गायक, यंदीजन, भाट ३ गन्धर्व | ४ पुराण पाठक | १ जासूस। भेदिया। वारिका ( स्त्री० ) दासी । परिचारिका । चारितार्थ्य (न०) सफलता | कामियाबी । चारित्रम् (न० ) या चारित्र्यं ( न० ) १ याच रण । चालचलन । २ सुकीर्ति । नामवरी । ख्याति । खरापन । सत्यता । साधुता । ३ (स्त्री०) सतीत्व । ४ स्वभाव । निर्वाह । – कवच, (वि० ) सतीत्व रूपी कवच धारिणी । चारु (दि० ) [स्त्री०–चारवीं] : सुखागत | प्रिय । अनुकूल | प्रेमपात्र ( माशूक ) | २ मनोहर । सुन्दर । सुडौल 1 सुस्वरूप । श्रङ्गी (स्त्री० ) सुखरूपा स्त्री -घोण, ( वि० ) सुन्दर चालः ( पु० ) १ घर की छत्त या छनई २ नील- 1 कण्ठ पचो । ३ प्रकम्प | ४ चर | जंगम चालकः ( पु० ) चञ्चल या बेचैन हाथी । चालनं (न० ) ( पूंछ का ) हिलाना या हुलाना । चलमी में रखकर छानना | बालनी (स्त्री० ) चलनी | चापः ) चासः } ( पु० ) नीलकण्ठ पक्षी । नासिका वाला। - दर्शन, (वि० ) सूबसूरत । चि ( उभय० ) [ चिनोति, चिनुते, चित। (निजन्स) मनोहर । -धारा (पु० ) इन्द्राणी | शची ।- नेत्र, (न० ) – लोचन, ( वि० ) सुन्दर नेत्रों वाला |~-नेत्रः, ( पु० ) - लोचनः, ( पु० ) हिरन । मृग। -- फला, ( स्त्री० ) अंगूर | द्राक्षा | -लोचना, ( स्त्री० ) सुन्दर नेत्रों वाली स्त्री । - वक्र, (दि० ) खूबसूरत चेहरे वाला - वर्धना, ( स्त्री० ) स्त्री । औरत । व्रता ( स्त्री० ) मास भर व्रत रखने वाली स्त्री- शिला, (स्त्री०) रन । जवाहरास । —शील, (वि०) चाययति, चापयति, या यति चयति । ( सनन्त ) चिवोषति, चिकीपति ] १ एकत्र करना । २ ढेर लगाना । पंक्तिवद्ध करना | ३ जड़ना भरना । | बीमार । चिकिलः ( पु० ) कीचड़ | काँदा । स्वभाव का । —हासिन्, ( वि० ) मधुर | चिकीर्ण (स्त्री० ) अभिलाषा । कामना । चिकीर्षित (वि० ) अभिलषित । हास करने वाला । चारु ( न० ) केसर | जाफ़ॉन् । चारु: ( पु० ) बृहस्पति । देवाचार्य । चार्चिक्यं (न०) १ शरीर को सुवासित करना। शरीर में उबटन लगाना । २ उबटन । चार्म (वि० ) [स्त्री० चार्मी ] १ चमड़े का । २ चमड़े से ढका हुआ । ३ ढालधारी । चिकित्सक : (पु० ) वैद्य | हकीम । डाक्टर । चिकित्सा (स्त्री०) श्रौषधोपचार | इलाज चिकित्स्य (वि० ) साध्य रोगी । इलाज मालजा । करने योग्य चिकीर्षितम् ( वि० ) अभिप्राय । प्रयोजन | मतलब चिकीर्षु (वि०) अभिलाषी । इच्छुक चिकुर ( वि० ) १ चञ्चल | अस्थिर | काँपने वाला। २ अविचारी। दुस्साहसी । चिकुर: ( पु० ) १ सिर के केश २ पर्वत | ३ सर्प या रेंगने वाला कोई भी जीव |-- उच्चभः,