पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३०८

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ग्लान ( ३०१ ) घटी ग्लान ( ३० कृ० ) १ थका हुआ । परिश्रान्त । | ग्लैच् (धा०प० ) [ ग्लोवति, ग्लुक ] 1 जाना । २ बीमार | रोगी | ३ छीन लेना । २ चुराना लूटना ग्लै ( ० ० ) [ ग्लायति, ग्लान ] या करना । २ थक जाना। ३ हिरास होना उदास होना। ४ मूर्च्छित होना । लौ (पु० ) ३ चन्द्रमा २ कपूर | ग्लानि (स्त्री० ) १ थकान १२ हास। ३ निर्बलता | बीमारी ४ घृणा अरुचि । ग्लास्तु ( वि० ) थका हुआ। श्रान्त । घ घ संस्कृत वर्णमाला या नागरी वर्णमाला का बीसवाँ वर्ण और व्यञ्जनों में से कवर्ग का चौथा व्यञ्जन | इसका उच्चारण जिह्वामूल या कण्ठ से होता है } यह स्पर्श वर्ण है। इसमें घोष, नाद, संवार और महाप्राण प्रयत्न होते हैं। घ (वि० ) यह समास में पीछे जुड़ता है और इसका अर्थ होता है मारने वाला; हत्या करने वाला जैसे पाणिध, राजघ घः ( पु० ) १ घंटा | २ धर्मरशब्द | - घटू ( धा० श्रात्म० )[ घटते, -घटित ] यत्न करना / प्रयत्न करना घटित होना । होना । घटः (पु० ) १ घड़ा। २ कुम्भराशि | १ हाथी का माया । ४ कुम्भक समान तौल ६ प्राणायाम |२२० द्रोण के स्तम्भ का एक भाग - का घड़ा।- स्थापनम् (२०) घड़ा रखकर उसमें देव विशेष का आह्वाहन पूर्वक पूजन | घटक ( वि० ) १ प्रयत्नवान्। चेष्टा करने वाला २ सम्पन्न करने वाला। २ मौलिक । आवश्यक सास्था- निक। प्रधान। वास्तविक | घटकः (पु० ) एक वृद्ध जिसमें फूल न लग कर फल ही लगते हैं। २ दियासलाई बनाने वाला। ३ सगाई कराने बाजा विचवानिया ४ वंशावली जानने वाला । घटनं (न०) घटना (न०) ) होना । प्रयल उद्योग २ घटना । बाके ३ सम्पन्नता पूर्णता । ४ संसर्ग । सम्बन्ध | बनाना । मेल ऐक्य गढ़ना तैयार करना। घटा (स्त्री० ) १ उद्योग प्रयत्न | चेष्टा | २ संख्या | } ३ दल जमाव | ३ सैनिक कार्य के लिये जमा हुए हाथियों का समूह ४ समूह | ( बादलों का ) घटिकं (न० ) कूल्हा | आटोपः ( पु० ) बग्धी या गाड़ी का उधार- उद्भवः, -जः, योनिः, -सम्भवः, ( पु० अगस्य जी-ऊधसू, (स्त्री० ) (= घडोनी ) | घटिकः ( पु० ) पानी पिलाने वाला। दूध से परिपूर्ण पेन वाली गी १ संस्कृत साहित्य के कवि विशेष - -कर्परः, (पु०) २ खपरा - कारः, - कृत्, (पु० ) कुम्हार ग्रहः, (पु० ) कहार धीमर पनभरा-दासी, ( स्त्री० ) कुटनी/-~पर्यसनम् (न० ) जो अपने जीवन काल में पुन: अपनी जाति में शामिल होने को रज़ामंद न हुआ हो ऐसे जातिच्युत का श्रौद्ध देहिक कृत्य-भेदनकम् ( न० ) कुम्हार का एक औौज़ार जो बरतन बनाने के काम में आता है। -राजः, (पु०) आँवा में पकाया हुआ घटिका ( स्त्री० ) १ छोटा मिट्टी का घड़ा। २ वाल्टी। डोल। मिट्टी का छोटा बर्तन | ३ २४ मिनिट की एक घड़ी ४ जनघड़ी १२ गट्ठा टखना | एकी घटिन् (पु० ) कुम्भ राशि | घटिंधम् घटिन्धम् } (न०) जो घड़ा भर (जल) पी जाय । घटी ( स्त्रो० ) १ छोटा घड़ा | २२४ मिनिट का काल | ३ जलघड़ी। कारः, (पु०) कुम्हार ।- ग्रह, ग्राह (वि०) पनभरा पानी ढोनेवाला। -