गजन ( २७६ स्कार ।-जा, ( स्त्री० ) १ औपड़ी । मड़ैया । चुप्पर २ मदिरा की दूकान | ३ मदिरापात्र । गंजन ) वि० ) १ अत्यधिक वृणित लज्जित किया गञ्जन ) हुआ। २ विजयो गंजा ) ( स्त्री० ) १ झौंपड़ी । २ कलारी। शराब की गञ्जा ) दूकान | ३ पानपात्र | गाजिकका } (श्री० ) कलारी | शराब की दूकान | 'गड् (धा० परस्मै० ) [ गडति, गडित] १ चुआना | २ खींचना । रस निकालना । गडः (पु०) १ पर्दा टही २ हाता| ३ खाई | ४ रोकथाम अटकाव । ५ सुनहले रङ्ग की मछली । --उत्थं, - देशजं, नवयं ( न० ) सेंधा निमक | Ram गडयंतः } गडयन्तः ( पु० ) बावल । मेघ । गडयिनुः, गडिः (न० ) १ बड़ा |२ सुख बैल | गडु (वि० ) कुबड़ा | गडु (पु० ) १ कूबड़ | २ वर्षी । भाला। साँग । ३ निरर्थक वस्तु । गडुक ( पु०) १ भारी लोटा जलपात्र २ अंगूठी । 1 गड्डत } (वि०) कुबढ़ा । झुका हुआ । गडेर: ( पु०) बादल | मेघ गडोलः (पु०) १ मुँह भर | २ कच्ची खाँड | गडुलः } (S०) भेड़ | मेष । गडुरिका (स्त्री० ) १ भेड़ों की कतार | २ अविच्छत रेखा धार । गडकः (पु०) सोने का गढ़या या पात्र विशेष | गया ( धा० उभय० ) [ गणयति-गड़ते, गणित ] १ गिनना गणना करना। मिन्ती करना। २ जोड़ना। हिसाब लगाना | ३ तग्रमीना करना । अन्दाजा लगाना । ४ श्रेणीवार रखना। ५ ख्याल करना | ६ लगाना ( दोष ) ७ ध्यान देना | गणः ( पु० ) १ सुण्ड । गिरोह | समूह | हेड़ टोली। दल | २ श्रेणी । कक्षा ३ नौकरों की टोली । ४ शिव जी के गण ५ एक उद्देश्य के ) गण - । लिये बनी हुई मनुष्यों की संस्था ६ एक सम्प्र दाय । ७ सैनिकों की एक छोटी टोली। ८ संख्या । ६ पाद ( कविता में ) । १० व्याकरण में एक श्रेणी को धातुएँ यथा भ्वादिगण ११ गणेश जी का नाम । -अत्रणी, (पु०) गणेश जी । -अचलः, ( पु० ) कैलास पर्वत का नाम 1-अधिपः, - अधिपतिः (पु० ) १ शिव जी । २ गणेश जी ३ सेनापति | गुरु | यूथप या यूथपति ।- अनं (न०) कहूँ आदमियों के खाने योग्य बनाया हुआ भोज्य पदार्थ – अभ्यन्तर ( वि० ) दल या समुदाय में से एक 1-अभ्यन्तरः ( पु० ) किसी धार्मिक संस्था का नेता था मुखिया | --देशः, ( पु० ) १ गणेश, ईशानः, - ईश्वरः, (५०) १ गणेश । २ शिव /-उत्साहः, (पु०) गैंड़ा। कारः, : पु०) १ श्रेणीकद्ध करने वाला । २ भीष्म की उपाधि । -चक्रकं, (न० ) धर्मात्माओं की पंक्ति था ज्योनार - तिथ, (वि० ) दल या टोली बनाने वाला 1-देवताः, ( पु० ) देव समूह | धमरकोशकार ने इनकी गणना यह बतलायी है:- " - - दिपविश्वाचित भारामिलाः | नाशिकमध्य राजनेयताः ॥ अर्थात १२ आदित्य १० विश्वदेव, ८ वसु, ४३ वायु १२ साध्य ११ रुद्र, ३६ तुषित, ६४ अभास्वा २२० महाराजिक ।-द्रव्यं, ( न० ) सार्वजनिक सम्पत्ति - धरः ( पु० ) १ एक श्रेणी या संख्या का मुखिया २ पाठशालीय अध्या- पक ।-नाथः, - नायकः, (पु०) १ गणेश जी २ शिव जी ।-- नायिका, (स्त्री०) दुर्गादेवी - पः, -पतिः, - (पु०) शिव जी अथवा गणेशजी । - - - पीठकं, (न० ) वक्षस्थल । छाती।-- (पु०) १ जाति का या श्रेणी का मुखिया (बहु- वचन) एक देश और उसके अधिवासो । पूर्वः, ( पु० ) किसी जाति या श्रेणी का मुखिया - भर्ती, (पु०) १ शिव जी का नाम । ९ गणेश ज का नाम । ३ श्रेणी का मुखिया 1- भोजनं, (न०) पंगति । ज्योनार । भोज । --राज्यं, (न० )
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